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Blog Entry# 1200085
Posted: Aug 28 2014 (14:36)
4 Responses
Last Response: Aug 28 2014 (14:40)
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Commentary/Human Interest
NCR/North Central
AB 233 news posts
तस्वीर में: एट-कोंच शटल ट्रेन।
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तस्वीर में: कोंच पहुंचने के बाद एट-कोंच शटल ट्रेन से उतरते यात्री।
यह एट रेलवे स्टेशन से कोंच तक पांच चक्कर लगाती है। सफर सुबह पांच बजकर 40 मिनट पर होता है। इसके तुरंत बाद कोंच स्टेशन से यह ट्रेन वापस एट पहुंचती है। एट से सुबह साढ़े 10 बजे कोंच के लिए चलती है। कोंच से दो बजकर...
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यह एट रेलवे स्टेशन से कोंच तक पांच चक्कर लगाती है। सफर सुबह पांच बजकर 40 मिनट पर होता है। इसके तुरंत बाद कोंच स्टेशन से यह ट्रेन वापस एट पहुंचती है। एट से सुबह साढ़े 10 बजे कोंच के लिए चलती है। कोंच से दो बजकर...
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तस्वीर में: एट कोंच शटल ट्रेन के लोको पायलट।
लोको पायलट केके पटेरिया बताते हैं कि पहले वह लंबी दूरी की ट्रेन चलाते थे, लेकिन इस ट्रेन का सफर उत्साहित करने वाला है। उन्होंने बताया कि यह कम दूरी की और छोटी ट्रेन जरूर है, लेकिन इसका सफर बहुत रोचक है। यह एकल पद्धति से चलने वाली देश की एक मात्र ट्रेन है। कई बार लोग इसे सिर्फ देखने के लिए आते हैं। इसलिए भी इसे चलाना काफी आनंददायक लगता है।
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लोको पायलट केके पटेरिया बताते हैं कि पहले वह लंबी दूरी की ट्रेन चलाते थे, लेकिन इस ट्रेन का सफर उत्साहित करने वाला है। उन्होंने बताया कि यह कम दूरी की और छोटी ट्रेन जरूर है, लेकिन इसका सफर बहुत रोचक है। यह एकल पद्धति से चलने वाली देश की एक मात्र ट्रेन है। कई बार लोग इसे सिर्फ देखने के लिए आते हैं। इसलिए भी इसे चलाना काफी आनंददायक लगता है।
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तस्वीर में: एट कोंच शटल ट्रेन से यात्रा करतीं महिलाएं।
ट्रेन में यात्रा कर रही उषा देवी ने बताया कि रेलवे के सामने स्थिति चाहे जो भी हो, लेकिन यह ट्रेन लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह यहां के लोगों के लिए लाइफ लाइन है। कोंच शहरों से कटा हुआ है। यही एकमात्र ऐसी ट्रेन से जो लोगों को आधुनिक होने का अहसास दिलाती है। वहीं, कोंच के टाट्रा गांव के लोग कहते हैं कि 'अददा' किसी भी कीमत पर बंद नहीं होने देंगे।
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ट्रेन में यात्रा कर रही उषा देवी ने बताया कि रेलवे के सामने स्थिति चाहे जो भी हो, लेकिन यह ट्रेन लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह यहां के लोगों के लिए लाइफ लाइन है। कोंच शहरों से कटा हुआ है। यही एकमात्र ऐसी ट्रेन से जो लोगों को आधुनिक होने का अहसास दिलाती है। वहीं, कोंच के टाट्रा गांव के लोग कहते हैं कि 'अददा' किसी भी कीमत पर बंद नहीं होने देंगे।
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तस्वीर में: एट कोंच शटल ट्रेन की वीडियो।
अंग्रेजों ने अपनी हुकूमत के दौरान 1902 में कोंच-एट शटल की शुरुआत माल ढोने के लिए की थी। जालौन जिले में स्थित कोंच कस्बा कभी देश का मुख्य कपास उत्पादन और बिक्री का एक बहुत बड़ा केंद्र हुआ करता था। अंग्रेजी हुकूमत ने कोंच मंडी तक रेल लाइन बिछाकर मंडी से कपास की गांठें, गेहूं और अन्य सामान को कलकत्ता और मुंबई भेजा करते थे। इसके बाद प्रसिद्ध औद्योगिक महानगर मनचेस्टर भेजी जाती थी। फिर वहां से उम्दा किस्म का कपड़ा बनाकर...
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अंग्रेजों ने अपनी हुकूमत के दौरान 1902 में कोंच-एट शटल की शुरुआत माल ढोने के लिए की थी। जालौन जिले में स्थित कोंच कस्बा कभी देश का मुख्य कपास उत्पादन और बिक्री का एक बहुत बड़ा केंद्र हुआ करता था। अंग्रेजी हुकूमत ने कोंच मंडी तक रेल लाइन बिछाकर मंडी से कपास की गांठें, गेहूं और अन्य सामान को कलकत्ता और मुंबई भेजा करते थे। इसके बाद प्रसिद्ध औद्योगिक महानगर मनचेस्टर भेजी जाती थी। फिर वहां से उम्दा किस्म का कपड़ा बनाकर...
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