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Blog Entry# 1404642
Posted: Mar 23 2015 (09:37)
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Last Response: Apr 08 2015 (11:38)
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#indorenews
Platform 1 getting ready to serve as BG.. Hopefuly it will be operational by July this year..
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सिंहस्थ के पहले खंडवा तक ब्राडगेज बन जाना चाहिए ....उसके बाद इंदौर में और जादा प्लेटफार्म की गरज होगी ,मेरा अनुमान ऐसा है की ब्राडगेज बन जाने के बाद ट्राफिक में भारी बढ़ोतरी होगी ,इन्हें दोहरीकरण करना हि पड़ेगा
नीरज जी, सिंहस्थ से पहले इंदौर-महू ही पूरी तरह चालू हो जाए यही बहुत है, क्योंकि महू से आगे मुख्त्यार बलवाड़ा तक पूरी तरह नए अलाइनमेट के साथ ट्रैक बनना है जिसके लिए घाट सेक्शन में वन विभाग की पूर्व अनुमति से 50,000 पेड़ काटने पड़ेंगे और 15 किमी लंबाई की 3 टनल भी बनानी होंगी। जो 1 साल में संभव नहीं है। हां अगर रेलवे पर्याप्त बजट का प्रावधान करता है तो अगले 5 साल में अवश्य खंडवा तक ब्रॉडगेज लाइन बिछाई जा सकती है।
vipin जी मुंबई-पुणे लगभग 150 किमी एक्सप्रेस हाईवे कई किलोमीटर लम्बे टनेल और पूरा घाट सेक्शन होने के बावजूद श्री नितिन गडकरी ने उसे 16 महीने में complet किया ......रेल भी कर सकता है सिर्फ बजट कम नाही पढना चाहिए ....
Kya aapke pass rajendra nagar railway station pe broad guage ke photo honge?
नितिन भाई... एक्सप्रेस वे की प्राथमिकता अलग थी। उसकी उपयोगिता अलग थी।
रेलवे जब कोई काम हाथ में लेता है तो उसकी प्राथमिकता, उपयोगिता और उससे मिलने वाला रेट ऑफ़ रिटर्न पहले देखता है, तभी उसके लिए बजट में प्रावधान किया जाता है। महू-खंडवा रेल लाइन को ब्रॉडगेज करने में अलग तरह की समस्याएं हें। यहां 100 वर्ष से भी अधिक पुरानी लाइन और टनल हैं जिनका संधारण नए तरीके से करके बड़ी लाइन बिछाना दुरुह कार्य है। इसीलिए रेलवे इस घाट सेक्शन को बायपास करके नई लाइन बिछाना चाहता है जिसमें फिलहाल वन विभाग और उसके 50000 से अधिक पेड़ आ रहे हैं और उतना बजट भी नहीं दिया गया है। जो बजट मिला है उसमें से 90 करोड तो...
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रेलवे जब कोई काम हाथ में लेता है तो उसकी प्राथमिकता, उपयोगिता और उससे मिलने वाला रेट ऑफ़ रिटर्न पहले देखता है, तभी उसके लिए बजट में प्रावधान किया जाता है। महू-खंडवा रेल लाइन को ब्रॉडगेज करने में अलग तरह की समस्याएं हें। यहां 100 वर्ष से भी अधिक पुरानी लाइन और टनल हैं जिनका संधारण नए तरीके से करके बड़ी लाइन बिछाना दुरुह कार्य है। इसीलिए रेलवे इस घाट सेक्शन को बायपास करके नई लाइन बिछाना चाहता है जिसमें फिलहाल वन विभाग और उसके 50000 से अधिक पेड़ आ रहे हैं और उतना बजट भी नहीं दिया गया है। जो बजट मिला है उसमें से 90 करोड तो...
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