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Blog Entry# 2122826
Posted: Jan 10 2017 (21:56)

4 Responses
Last Response: Jan 16 2017 (20:41)
General Travel
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7

Jan 10 2017 (21:56)   RTGH/Ratangarh Junction (3 PFs)
guest   2545 blog posts
Entry# 2122826            Tags   Past Edits
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5 साल से आस लगाये बैठे रतनगढ़, सरदारशहर एवं आस पास के लोगों का इंतजार अब जल्द ही खत्म होने वाला है।
पहले रेलवे सूत्रों एवम् अब [मेरे स्वयं के|[/members/profile/1573553]|[/members/profile/15
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सन् 1912 में बीकानेर के महाराजा गंगासिंह की सिफारिस पर पड़ोसी जिले चूरू के रतनगढ़ एवं सरदारशहर के बीच रेलवे लाईन बिछाई गयी । लगातार 99 वर्षो तक सुचारू रूप से रेल सेवा का संचालन होता रहा। लेकिन जेसे ही रेलवे के द्वारा 2009-10 में बीकानेर - रेवाड़ी एवम् जोधपुर - डेगाना - रतनगढ़ के आमान परिवर्तन की शुरुआत हुई, इस रूट से मानो भगवान रूठ गया।
रेलवे ने 43 km लम्बे रूट को घाटे का सौदा बताकर जयपुर - टोडारायसिंह सेक्शन की तरह बन्द करने की तरफ कदम बढ़ाये। लेकिन स्थानीय जनता एवं जनप्रतिनिधियों के विरोध करने पर रेलवे ने फिर से इस सेक्शन को Single Rake और 3 MG loco देकर फिर से शुरू कर दिया।
थार के रेगिस्तान की बालू रेल के टीलों ( धोरों) में से गुजरती इस ट्रेन के लिए अब ना तो कोई crossing थी और ना ही red signel का झंझट । ट्रेन रतनगढ़ आती और वापस सरदारशहर के लिए रवाना हो जाती और सरदारशहर पर जाकर तो रेल लाईन भी खत्म । यह Single MG rake मानों रतनगढ़ एवम् सरदारशहर के बीच फंस कर रह गयी थी।
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सन 2011 के आते आते रतनगढ़ के BG station में बदल जाने से रतनगढ़ का जयपुर से सीधा सम्पर्क टूट गया (चूरू - सीकर - जयपुर के MG होने के कारण) ।
और 15 अगस्त 2012 को आमन परिवर्तन की घोषणा के साथ ही रतनगढ़ का सरदारशहर से भी सम्पर्क टूट गया। लेकिन उस समय लोगो को पता नहीं था कि 43 km लम्बे रूट मे रेलवे 5 साल लगा देगा। अब लोगो को बसों से यात्रा करने की आदत पड़ गयी है।
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रेलवे को इतना समय इसलिए लग गया क्योंकि पहले रेल लाईन रतनगढ़ शहर के बीचों बीच गुजरती थी। साफ सफाई को ध्यान में रखकर बीकानेर एवं डेगाना लाइन मुख्य शहर से बाहर निकाल दी गयी।
अब इस सेक्शन को भी बाहर निकालने के प्रयास मे 4-5 km जमीन का अधिग्रहण नहीं हो पा रहा था । जिसे 2016 में निपटा लिया गया। अब पूरे खण्ड मे रेल लाइन बिछाई जा चुकी है । इस लाईन को अब पायली एवम् रतनगढ़ के बीच जोड़ा गया है।
सरदारशहरएवं रतनगढ़ के बीच नौसरीया, दुलरासर, गोलसर, खिलेरीयां, उदासर स्टेशन को यथावत श्रेणी में रखा गया है। पूरा रेलवे ट्रैक गाड़ी चलने के लिए तैयार है। बस signaling का थोड़ा सा काम बाकी है।
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पिछले सप्ताह मैने जब नए ट्रैक को देखा तो एक नया ही अहसास एवम् शुकुन मिला।
जब मेंने आस पास के गांव वालों से कहा कि मार्च से ट्रेन चालू हो रही है तो सहसा ही जवाब मिला " हे आ रेल तो म्हारे जिंवता थका शरु हुवैली कोनी " मतलब कि ये ट्रेन तो मेरे जीवित रहते शुरू होगी नहीं।
लेकिन जब रेलवे मार्च 2017 में यहा गाड़ी ( पैसेंजर गाड़ी जो 2012 रेल बजट में पहले से आंवटित हो चुकी है) चलाएगा तो लोगो को फिर से सस्ता रेल सफर मिल सकेगा। एवम् मीटर गेज की वो यादे BG के पहियों में दौड़ती नजर आएगी।
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बेहतर होगा अगर रेलवे MEC - MTD section की तरह Demu का संचालन करे।
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आज भी रतनगढ़ से सरदारशहर बस में सफर करता हूँ। लेकिन हाइवे के निकट तमाम घर/दुकानें होने से रेलवे ट्रैक जैसे खुलेपन को मेरी आँखे ढूंढती ही रह जाती है जहां रफ़्तार भरी ट्रेन में बारिश के मौसम में सोंधी रेगिस्तानी रेत(मिट्टी) की खुशबू मिल सके। हरे भरे रेगिस्तानी खेती में बाजरा का वो दृश्य चलती ट्रेन से देखने के लिए मुझे फिर से बीकानेर , चूरू और डेगाना(नागौर) के लिए निकलना पड़ता है।
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रेत के टीलों के बीच शुरुआती बारिश के बाद रेत में धँसी पटरियों से होकर गुजरती सरदारशहर - रतनगढ़ मीटर गेज के कुछ 6-7 साल पुराने फोटो।

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0

Jan 15 2017 (20:49)
SAYYADRIYAJALI~
SAYYADRIYAJALI~   1107 blog posts
Re# 2122826-1              
Nice edition
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