सीकर. रेल यात्रा से जुड़े लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। सीकर चूरू ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट में रेल लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है। सीकर यार्ड में लाइन कनेक्ट होने के साथ ही इसी महीने इंजन ट्रायल लिया जाना भी तय है। रेलवे मार्च से पहले इस ट्रैक का सीआरएस करवाने में जुटा हुआ है।
यह महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि ट्रैक का काम फतेहपुर बीहड़ में अटकने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने वीसी में अधिकारियों को जल्द काम पूरा करने की हिदायत दी थी। मंजूरी के बाद रेलवे...
more... ने महज 20 रोज में पांच किमी रेल लाइन बिछाकर काम पूरा कर दिया। इसी हफ्ते उच्चाधिकारियों का दौरा भी संभव है।
शेखावाटी ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट में सीकर-चूरू फेज का काम ही सबसे जल्द पूरा हो पाया है। क्योंकि इससे पहले सीकर-लुहारू फेज में करीब साढ़े तीन साल का वक्त लग गया। जबकि सीकर से चूरू तक लाइन बिछाने का काम महज 13 महीने में पूरा कर दिया गया। 91 किमी लंबी रेल लाइन बिछा दी गई है। सिर्फ सीकर यार्ड में चालू लाइन से इसे कनेक्ट किया जाना है। लाइन कनेक्ट करने के लिए सीआरएस से अनुमति मांगी गई है। इंजन ट्रायल शुरू हो जाएगा। फिलहाल ट्रॉली से ट्रायल चल रहा है। रेलवे भी प्रोजेक्ट को पूरा करने का दबाव बना रहा है।
सिर्फ 20 रोज में पांच किमी रेल लाइन का काम पूरा
जयपुर व दिल्ली के अधिकारियों की एक दर्जन मीटिंग, प्रधानमंत्री द्वारा वीसी में प्रोजेक्ट चर्चा करने, रेल और वन मंत्रालय की टीम दौरा करने के बाद बीहड़ क्षेत्र में काम की मंजूरी मिली। इसके बाद रेलवे ने महज 20 रोज में पांच किमी रेल लाइन बिछाने का काम पूरा कर दिया।
इसलिए वक्त पर हुआ प्रोजेक्ट
प्रोजेक्ट में बिल्डिंग और बड़े अंडर पास का काम पहले होने के कारण प्रोजेक्ट पूरा करने में कम समय लग रहा है। 15 नवंबर 2015 के बाद से रेलवे पटरियां बिछाने, सिग्नल केबिल डालने, बिल्डिंग में बिजली फिटिंग सहित अन्य जरुरी काम कर रहा है।
सीकर-चूरू का सफर सिर्फ 1 घंटे का होगा
1. ब्राॅडगेज ट्रेन से सीकर-चूरू का सफर महज एक घंटे में पूरा हो जाएगा। फिलहाल बसों के जरिए सीकर से चूरू तक का सफर पूरा करने में दो घंटे का वक्त लग रहा है।
2. यात्रियों को सीकर से चूरू का सफर बसों से करना होता है। रोडवेज की तुलना यात्रियों को आधे किराए में सफर की सुविधा मिलेगी।
3. सीकर-चूरू लाइन कनेक्ट होने से जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर जैसी लंबी दूरी की ट्रेन मिल सकेगी। चूरू तक आने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों को सीकर तक बढ़ा सकंेगे।
4. लक्ष्मणगढ़, फतेहपुर में दो-दो, गारिंडा व फतेहपुर यार्ड में एक-एक फाटक रखा गया है। इन पर भी गेट मैन लगाए जाएंगे।
आगे क्या : इंजन ट्रायल होने के साथ ही गिट्टी डालने और पैकिंग का काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद ही सीआरएस को प्रोजेक्ट की रिपोर्ट भेजी जाएगी।