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Blog Entry# 2173153
Posted: Feb 21 2017 (16:52)
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हिमाचल का गांव जहां आज भी लोगों की रोज सुबह रेलगाड़ी की छुक-छुक से होती है।
हिमाचल के कुछ ऐसे गांव भी हैं जहां आज भी लोग अंग्रेजों को याद करते हैं। आजाद भारत में ब्रिटिश हुकूमत को कोई अच्छा नहीं कहता है, लेकिन कांगड़ा जिले के कुछ गांव अंग्रेजों को याद करते हैं। इन लोगों की रोज सुबह रेलगाड़ी की छुक-छुक से होती है। यहां धार और दंगड़ गांवों तक पहुंचने के लिए सिर्फ रेलगाड़ी ही एकमात्र जरिया है। आज तक इन गांवों को सड़क तक नसीब नहीं हो सकी है। सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा की मूलभूत सुविधाओं के अभाव में ये गांव खंडहर बनने लगे हैं।
हिमाचल के कुछ ऐसे गांव भी हैं जहां आज भी लोग अंग्रेजों को याद करते हैं। आजाद भारत में ब्रिटिश हुकूमत को कोई अच्छा नहीं कहता है, लेकिन कांगड़ा जिले के कुछ गांव अंग्रेजों को याद करते हैं। इन लोगों की रोज सुबह रेलगाड़ी की छुक-छुक से होती है। यहां धार और दंगड़ गांवों तक पहुंचने के लिए सिर्फ रेलगाड़ी ही एकमात्र जरिया है। आज तक इन गांवों को सड़क तक नसीब नहीं हो सकी है। सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा की मूलभूत सुविधाओं के अभाव में ये गांव खंडहर बनने लगे हैं।