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Blog Entry# 2177286
Posted: Feb 24 2017 (21:02)

21 Responses
Last Response: Mar 23 2018 (01:38)
Travelogue
60824 views
31

★★★
Feb 24 2017 (21:02)   72171/Mathura - Vrindaban MG Rail Bus
guest   2545 blog posts
Entry# 2177286            Tags   Past Edits
भगवान श्री कृष्ण की इच्छानुरूप गत शनिवार 18 फ़रवरी 2017 को मथुरा जाने का मोका मिला ।
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जैसा की हर कोई भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से ओतप्रोत है ठीक वैसा ही मथुरा की पवित्र भूमि में मुझे आभास हुआ। अब तक मैं सिर्फ मारवाड़ (राजस्थान का मुख्य भाग) के लोगो को इस धरती ले सबसे अच्छे इंसान मानता था लेकिन यहा मथुरा आने के बाद मेरा नजरिया बदल गया। यहां के लोग इतने जिंदा दिल मिले कि मैं हमेशा के लिए यहां का बनने की ख्वाइस मन ही मन पालने लगा।
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more...

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यहां मैं अपने एक मित्र के कृष्ण दर्शनार्थ आया था। शनिवार की शाम को अब हमे एक शुध्द शाकाहारी रेस्टोरेंट की तलाश थी। जेसा मुझे उम्मीद थी की मथुरा में शाकाहारी रेस्टोरेंट ढूंढना नही पड़ा, होना भी था यहां के लोगो में जीव प्रेम जो भरा था श्री कृष्ण ने।
खाना खाने के बाद अक्सर पेमेंट के लिए बोला जाता है लेकिन हमें पूछा गया कि खाना कैसा था।................ये मेरे लिए खुशी की बात थी।
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हमारा मानना था कि मथुरा आकर बृन्दावन नहीं गए तो ये यात्रा अधूरी रह जायेगी।
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रविवार सुबह जल्दी 6 बजे हम लोग टिकिट खिड़की पर थे। सर बृंदावन वाली एमजी रेल बस कोनसे प्लेटफॉर्म पर आती है। जवाब मिला कोई प्लेटफॉर्म नही है उसका। 😳🤔🤔
पता चला कि इस ट्रेन को बाहर ही पटक रखा है।
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यहां पहुंचकर हम लोग हैरान थे एक छोटे से शेड के बाहर रेल बस बिल्कुल शांत थी। एक रेड सिग्नल दिख रहा था बस। पास में ही एक 6×15 का रूम था LP साहब , गार्ड, और कंडक्टर साहब बैठे थे। हमने टिकट के लिए पूछा तो बोले अंदर बैठ जाओ ट्रेन में ही मिलेगा।
रेल बस में यह मेरी पहली यात्रा थी और वो भी मेरे कृष्णा के दर पर।
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बस यहां पर जो मुझे दृश्य देखने को मिले वो आज तक कहीं नही मिले। लोकोपायलट की केबिन (3×6) में श्री कृष्ण मुस्कुरा रहे थे। अब लोको पायलट ट्रेन की तरफ बढ़े लेकिन वो चढ़े नहीं पहले ट्रेन की दहलीज को प्रणाम किया अब मुझे लगने लगा की मेरा मथुरा आना सफल हो गया है। ट्रेन में मुझे धूल का कण नही मिला। मेंटेनेंस के हिसाब से ट्रेन चकाचक थी।
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दुर्भाग्य वस हम सभी के फोन स्विचऑफ थे। लेकिन इस दिव्य सफर का साक्षी होना भी मेरे लिए सोभाग्य की बात थी। गार्ड साहब फोर्मल्टी के लिए अपने साथ हरी लाल झण्डी और एक लोहे का हत्था ( लेवल क्रोसिंग पर इस्तेमाल हेतु) लेकर सवार हो गए।ट्रेन अपने समय से रवाना हुई ।
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अब कंडक्टर साहब एक टिकट बुक लेकर हमारे पास थे। मथुरा से इस रेल बस में हम सिर्फ 8 यात्री थे इनमें से कुछ साधू बाबा और कुछ युवक थे। कंडक्टर महोदय ने हमें जिम्मेदार समझकर सभी से रुपये लेकर , बिना कागज बर्बाद किये सभी 8 लोगों की एक टिकट मुझे थमा दी।
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इस तरह का टिकट लेने का अनुभव मेरे लिए अचरज एंव खुशी भरा था।
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मथुरा से बृंदावन के बीच कई लेवल कोसिंग है। अब हर LC से 2 फीट पहले लोको पायलट महोदय ट्रेन रोकेंगे, गार्ड महोदय उतरेंगे, फाटक बन्द करेंगे, लोकोपायलट सड़क पार करेंगे, फिर 3 फिट दूर जाकर गाड़ी रोकेंगे, गार्ड साहब फाटक खोलेंगे, फिर से अगले LC तक ट्रेन में सवार हो जाएंगे।
इसी बीच लोकोपायलट ने मज़ाक मे गार्ड से हरी झंडी दिखाने को कहा । गार्ड ने समेटी हुई झण्डी दिखा दी, LP ने इशारे से लहराने का संकेत देकर दोनो हंसने लगे।
इन पलों में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, पहली बार जो ये सब था मेरे लिए।
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हमें बांके बिहारी जी मन्दिर जाना था तो लोकोपायलट महोदय ने अनुरोध पर हमें वृन्दावन स्टेशन से तनिक पहले ही उतार दिया। कंडक्टर साहब भी जिंदा दिल थे । हमें पूरा गाइड करके चल दिए , लेकिन रिटर्न वाली ट्रेन में मिलने का बोलना नहीं भूले। अब चल दिए प्राचीन मन्दिर की प्रथम आरती में।
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यहां से हमें विभिन मन्दिर जैसे प्रेम मन्दिर , Eskon tempal, कृष्ण जन्मस्थली जेसे पवित्र स्थानों के दर्शन का सोभाग्य मिला।
हम लोग उस वाकिये को कभी नही भूलेंगे जो यहां हमें बन्दरों के बारे में सुनने को मिला।
जैसे ही बृंदावन की पावन भूमि में कदम रखे एक भैया ने कहा प्रभुजी चश्मा उतार लो बन्दर ले जाएंगे। मंदिर के बाहर पुनः चश्मा लगाते ही बंदर तैयार बैठे थे । आपको बताता चलूँ ऑटो में गूंगा होकर जाने की बजाय लोगो से पूछते पूछते रास्ता ढूंढना मेरी लत बन चुकी है। मेरी आदत के अनुरूप हमने बृंदावन में 5 - 6 किलोमीटर पैदल ही तय कर दिए।
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गोवर्धन परिक्रमा , गोकुल , नन्दगाँव और कुछ पवित्र घाट हमने श्री कृष्ण के अगले बुलावे तक अपनी भक्ति कल्पनाओं में ही रखकर इस पावन धरा से विदा ली।
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आप भी आइयेगा कृष्ण, और बृंदावन के लोग शायद आपका भी मन मोह ले। - परमेश्वर धेतरवाल(जाट)
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Photo : Captured by me
Date : 18 Feb 2017
Location : Mathura junction MG shed.
Pic : Mathura Varindavan Rail bus ticket, Rail bus Resting under shed

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12 Public Posts - Fri Feb 24, 2017

7900 views
1

Feb 24 2017 (22:50)
guest   2545 blog posts
Re# 2177286-14              
Thanks a lot. Now blog category has changed from general to travelogue.
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