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Howrah Rajdhani - At 50, the Handsome King 👑 is still ruling the tracks superbly. - Somanko

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Blog Entry# 2293867
Posted: May 26 2017 (13:56)

1 Responses
Last Response: May 26 2017 (17:01)
General Travel
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1

May 26 2017 (13:56)   12019/Howrah - Ranchi Shatabdi Express
ghij950
ghij950   738 blog posts
Entry# 2293867            Tags   Past Edits
Anandabazar Patrika
অগ্নিপথ এড়িয়ে ট্রেন অন্য লাইনে
অমিতাভ বন্দ্যোপাধ্যায়
আনন্দবাজার
২৬ মে, ২০১৭, ০৩:৪৯:২৯
নীচে
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খনির আগুন। উপরে বিপদ মাথায় নিয়ে ছুটছে রেলগাড়ি।
সেই খনির আগুন বিপজ্জনক হয়ে ওঠায় ধানবাদ-চন্দ্রপুরা লাইনে ট্রেন চলাচল বন্ধ করে দেওয়া হবে কি না, তা নিয়ে দীর্ঘদিন ধরে টালবাহানা চলছিল। এ বার খোদ প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদীর হস্তক্ষেপে তার নিষ্পত্তি হল। যাত্রীদের সুরক্ষার কথা ভেবেই অবশেষে ওই লাইনে ট্রেন চলাচল বন্ধ করে দেওয়ার নির্দেশ দিয়েছে প্রধানমন্ত্রীর সচিবালয়।
ঠিক হয়েছে, ওই লাইনের প্রায় ২৬ জোড়া মেল ও এক্সপ্রেস ট্রেনকে আপাতত গোমো দিয়ে ঘুরিয়ে নিয়ে যাওয়া হবে। সে-ক্ষেত্রে ১৩ কিলোমিটার যাত্রাপথ বেড়ে যাবে। বিকল্প লাইন পাতার পরে ওই সব ট্রেন চালানো হবে সেই পথে।
প্রশাসনিক সূত্রের খবর, ওই এলাকায় লাইনের তলায় থাকা কয়লা খনিগুলিতে আগুন জ্বলছে প্রায় দেড় দশক ধরে। আগুনের তাপে উপরের মাটি ক্রমশ ঝুরঝুরে হয়ে পড়ছে। যার জেরে মাঝেমধ্যেই রেললাইনের তলার মাটি বসে ট্রেন চলাচলে বিঘ্ন ঘটছিল। বুধবারেই ওই এলাকার ঝরিয়া-ফুলারিবাগে হঠাৎ ধস নেমে বাবা-ছেলে চাপা পড়ে যান।
পরিস্থিতি ক্রমেই বিপজ্জনক হয়ে উঠতে থাকায় ডিরেক্টর জেনারেল অব মাইনিং সেফটি (ডিজিএমএস) সম্প্রতি চূড়ান্ত সতর্কতা জারি করেন। তার পরেই সব পক্ষ নড়েচড়ে বসে। বিষয়টি গড়ায় প্রধানমন্ত্রী পর্যন্ত। প্রধানমন্ত্রীর সচিবালয়ে সব পক্ষকে নিয়ে বৈঠক বসে। সেই বৈঠকেই জানানো হয়, ধানবাদ থেকে চন্দ্রপুরা পর্যন্ত ৩৪ কিলোমিটার লাইনে ট্রেন চলাচল বন্ধ করে দেওয়া হবে।
রেল বোর্ডের একটি সূত্র জানাচ্ছে, ওই বৈঠকে রেল বোর্ড, খনি মন্ত্রক এবং ভারত কোকিং কোল লিমিটেড বা বিসিসিএলের সদস্যদের নিয়ে একটি কমিটি গড়া হয়েছে। প্রধানমন্ত্রীর প্রধান সচিব নৃপেন্দ্র মিত্র নির্দেশ দিয়েছেন, কমিটি ৫ জুনের মধ্যে একটি রিপোর্ট দেবে। কমিটিকে বলতে হবে, ওই লাইনের বিকল্প হিসেবে কোথায় লাইন পাতা হবে। কোন জায়গা দিয়ে ট্রেন গেলে সময় বেশি লাগবে না। তার ভিত্তিতেই নতুন লাইনের রূপরেখা চূড়ান্ত হবে।
বৈঠকে প্রশ্ন ওঠে, ১৫ বছর ধরে বিসিসিএল ওই আগুন নেভানোর জন্য কী করেছে? সুরক্ষার জন্যই বা কী ভেবেছে তারা? আগুন নেভানো যাচ্ছে না দেখেও এত দিন ধরে ওই সব খনি থেকে কয়লা তোলা হচ্ছিল কী ভাবে? বিসিসিএল-কর্তৃপক্ষ অবশ্য এই সব প্রশ্নের তেমন কোনও স্পষ্ট উত্তর দিতে পারেননি।
প্রশ্ন আরও আছে। প্রথমত, আগুন আর সম্ভাব্য ধসের বিপদ থেকে যাত্রীদের বাঁচাতে ওই লাইনের ট্রেন না-হয় গোমো দিয়ে ঘুরিয়ে দেওয়া হল। কিন্তু ধানবাদ-গোমোর ওই লাইন ২৬ জোড়া মেল-এক্সপ্রেসের বাড়তি চাপ নিতে পারবে তো? নাকি এক বিপদ থেকে বাঁচতে গিয়ে যাত্রীরা অন্য বিপত্তির মুখে পড়বেন? দ্বিতীয়ত, ধানবাদ-চন্দ্রপুরা রুটে ট্রেন বন্ধ হয়ে গেলে ওই লাইনে কমবেশি ১৫টি স্টেশনের যাত্রীদের যাতায়াতের কী বন্দোবস্ত হবে?
এই সব প্রশ্নের জবাব মিলছে না।

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4 Posts

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May 26 2017 (17:01)
ghij950   738 blog posts
Re# 2293867-9               Past Edits
(News in Hindi from Dainik Bhaskar) 23 May, 2017
खदान की आग: धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन बंद करने को PMO ने मंजूरी दी
धनबाद.धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन बंद होगी। नई दिल्ली में सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा, कोयला सचिव सुशील कुमार और अन्य अफसरों की उच्चस्तरीय बैठक में इसे बंद करने का फैसला लिया गया। बैठक में झारखंड की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह और रेलवे बोर्ड के अधिकारी मौजूद थे।
करीब
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तीन घंटे चली बैठक में रेलवे, डीजीएमएस और बीसीसीएल समेत अन्य विभागों की रिपोर्ट देखने के बाद नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि रेल लाइन खतरनाक स्थिति में पहुंच गई है। लिहाजा इसे बंद करना जरूरी है। उन्होंने रेल लाइन को लेकर गठित कमेटी से पांच जून तक वैकल्पिक व्यवस्था की रिपोर्ट मांगी।
कमेटी को बताना होगा कि इस रूट पर चलने वाली 26 जोड़ी ट्रेनें किस रूट से जाएंगी। किस रूट से नई लाइन बिछेगी। भूमि अधिग्रहण में कितना समय लगेगा। रूट डायवर्ट होने से कितनी दूरी बढ़ जाएगी। रेलवे के अनुसार धनबाद-चंद्रपुरा की दूरी 34 किमी हे। अगर नई लाइन नहीं बिछती तो गोमो होकर चलने पर दूरी 13 किमी बढ़ जाएगी।
बैठक में डीजीएमएस ने जो रिपोर्ट सौंपी, उसमें कहा गया है कि इस रेल लाइन के नीचे बांसजोड़ा और गोविंदपुर साइडिंग में वर्षों से आग धधक रही है। कई बार वैज्ञानिक पद्धति से आग बुझाने की कोशिश की गई। पटरी के किनारे दर्जनों बार होल कर केमिकल और पानी डाला गया। यह प्रयोग वर्षों तक किया, लेकिन आग नहीं बुझी। यह कहां तक फैली है, इसका सही ढंग े अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। इसलिए इस रेल लाइन को बंद करना जरूरी है। वरना यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस रिपोर्ट के बाद ही पीएमओ ने इस रेल लाइन को बंद करने की मंजूरी दे दी।
DGMS को फटकार... 2005 में खतरा जता दिया था तो 12 साल से कोयला क्यों निकलवा रहे हैं
पीएमओ ने डायरेक्टर जनरल ऑफ सेफ्टी माइंस (डीजीएमएस) और बीसीसीएल के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। डीजीएमएस से पूछा- आपने आग लगने के संबंध में वर्ष 2005 में ही रिपोर्ट दी थी। आग से हादसे की आशंका भी जताई थी। फिर 12 सालों से कोयला क्यों निकलवा रहे हैं। बीसीसीएल किसकी अनुमति से खनन कर रही है। आपने सुरक्षा के लिए क्या किया। खनन पर रोक क्यों नहीं लगाई।
ऐसे कौन से कदम उठाए, जिससे जाहिर हो कि आप इस रूट के लिए चिंतित हैं। यह भी पूछा गया कि अगर इतने समय से आग लगी हुई है और खनन जारी है तो पटरी धंसने की घटना क्यों नहीं घटी। आपने किस आधार पर तय किया कि ट्रैक के नीचे कितनी दूरी तक आग लगी है। इन सवालों का अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए। इनसे कहा गया कि वैकल्पिक व्यवस्था का सर्वे कराकर पीएमओ को अवगत कराएं।
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Web Title: PMO approves closure of Dhanbad-Chandrapura rail line

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