भिलाई। निजी रेलपांत निर्माता कंपनियों से मिल रही चुनौतियों को मद्देनजर भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन अब अलर्ट हो गया है। प्रबंधन अपनी रेल मिलों में विश्व की सर्वोत्तम टेक्नालॉजी के उपकरणों का इस्तेमाल कर रहा है ताकि पटरी भी बेस्ट क्वालिटी की बने। इसके लिए दुनिया के अलग-अलग देशों की और चुनिंदा कंपनियों से चुन-चुनकर तकनीकी सलाह और मशीनरी ले रहे हैं।
रेल मिल की स्थापना का ठेका जर्मनी की एसएमएस मीर
1.2 मिलियन टन सालाना उत्पादन क्षमता वाली नई यूनिवर्सल रेल मिल की स्थापना का ठेका जर्मनी की एसएमएस मीर, एसएमएस मीर...
more... इंडिया प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कोलकाता और एबीबी लिमिटेड बेंगलुरू को दिया गया है। मिल की स्थापना का काम तेजी से चल रहा है। इसके बाद बीएसपी 130 मीटर लंबी सिंगल पीस रेलपटरी बनाने में सक्षम हो जाएगा। इसी तरह बीएसपी प्रबंधन ने पहले भी लांग रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल की फिनिशिंग फेसिलिटीज में भी बीएसपी ने लांग रेल टेक्नालॉजी में दुनिया की अग्रणी कंपनी आस्ट्रिया की वीए-1 पॉमिनी कंपनी की टेक्नालॉजी और मशीनरी ली थी। यूके की कंपनी कोरस कंसल्टेंट एजेंसी थी।
एसएमएस मीर जर्मनी से रेल स्ट्रेंथनिंग मशीन, लिनसिंगर जर्मनी से कार्बाइड सॉ, बर्नर जर्मनी से लेजर कंट्रोल्ड प्रेसेस, एनओटी कनाडा से ऑनलाइन एडी करंट, अल्ट्रासोनिक टेस्टिंग एंड जेजर मेेजरमेंट, पॉमिनी से ही रेल हेंडलिंग सिस्टम और ट्रेकिंग, ईएसएबी स्वीडन से रेल वेल्डिंग और सीमंस जर्मनी से प्रोसेस ऑटोमेशन की टेक्नालॉजी ली।
11 देशों मे बिछ रही बीएसपी की रेल पटरी
इंडियन रेलवे के अलावा दुनिया के 11 देशों में भिलाई इस्पात संयंत्र के रेलपांत की डिमांड है। इनमें ईरान, सूडान, दक्षिण कोरिया, इजीप्ट, अर्जेटाइना, तुर्की, बांग्लादेश, घाना, न्यूजीलैंड, मलेशिया और श्रीलंका में रेल परियोजनाओं में भिलाई की पटरी इस्तेमाल की जा रही है।
विश्व की बेस्ट रेलपांत बनाने का दावा
यूनिवर्सल रेल की स्थापना के बाद भिलाई स्टील प्लांट आईआरएस 45 और 52 किलोग्राम प्रति मीटर, यूआईसी 60, 136 आरई 12 (6 8 किलोग्राम रेल), 75 किलोग्राम रेल और अन्य अंतर्राष्ट्रीय रेल उत्पाद जैसे यू 54, ई-1 आदि तथा जेडयू 1-6 0 ग्रूव्ड और टंग रेल का उत्पादन करने में सक्षम हो जाएगा।