महू-सनावद रेल मार्ग पर ब्रॉडगेज लाइन बिछाने का डिटेल एस्टीमेट रेलवे बोर्ड को मंजूरी के लिए पहले ही भेज दिया था। यह ट्रैक पूरा बंद कर काम शुरू होना था लेकिन अब तक केवल ओंकारेश्वर से सनावद तक ही काम कर रहे हैं। खंडवा से सनावद ट्रैक का काम तीन साल से चल रहा है, जो अभी भी पूरा नहीं हो सका। रेलवे अधिकारियों ने दावा किया था कि खंडवा से महू तक पूरा ट्रैक 2020 तक बनकर तैयार हो जाएगा। जिस गति से ब्रॉडगेज बिछाने का काम चल रहा है, यदि आगे भी यही हाल रहा तो 2025 तक भी ट्रैक पूरा नहीं हो सकेगा। वहीं अधिकारी फिर से दावा कर रहे हैं कि खंडवा से ओंकारेश्वर तक बनने वाले ट्रैक को एक साल में पूरा कर दिया जाएगा।
रेलवे को हो रहा नुकसान
जानकारों का कहना है कि ट्रैक बनाने में जितनी देरी होगी, उसमें उसकी लागत और बढ़ती जाएगी। ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट के तहत अब अकोला-खंडवा और सनावद-महू का ही काम बाकी है। खंडवा-सनावद के बीच करीब 55 किमी लंबी बड़ी लाइन बिछाने का काम अंतिम दौर में है। 2008 में जब रतलाम-इंदौर-महू-सनावद-खंडवा-अकोला बड़ी लाइन प्रोजेक्ट मंजूर हुआ था, तब इसकी लागत 1400 करोड़ रुपए आंकी गई थी। अब महज महू-सनावद प्रोजेक्ट में ही 2470.30 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे।
500 करोड़ महंगा हुआ ट्रैक
महू-सनावद के बीच 84.6 किमी लंबे रेलमार्ग पर बड़ी लाइन बिछाने के लिए रेलवे को 2470.30 करोड़ रुपए खर्च करना है। यह लागत दो साल पहले तय हुई थी। महंगाई और समय पर काम नहीं होने से अब इस लागत में 500 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च होने की संभावना है।
अगस्त 2018 में शुरू होना था काम
रतलाम रेल मंडल के अधिकारियों ने दावा किया था कि बड़ी लाइन बिछाने के लिए महू-सनावद सेक्शन को अगस्त 2018 से शुरू किया जाना था। महू-सनावद बड़ी लाइन बिछने से इंदौर से मुंबई, बैंगलुरू, पुणे और हैदराबाद समेत दक्षिण भारत के अन्य शहरों की दूरी घट जाएगी और यात्रियों का समय और पैसा बचेगा।
सात साल से अधिक समय लगेगा
विंध्य की पहाड़ियों में लाइन बिछाने में पांच से सात साल लगेंगे। प्रोजेक्ट में सुरंग निर्माण के अलावा ट्रैक बिछाने, विभिन्ना पुल का चौड़ीकरण, रेलवे स्टेशन के अपग्रेडेशन, रेल लाइन के विद्युतीकरण पर भी भारी राशि खर्च होगी।
सब कुछ तय, फिर भी अधिकारी कर रहे देरी
लोक निर्माण विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता अजीतसिंह नारंग ने बताया कि रेलवे ने नया बजट बनाकर बोर्ड को भेजा है। सब कुछ पहले से ही तय है, सनावद से खंडवा के बीच ट्रैक तीन साल में भी पूरा नहीं कर पाए हैं। अब ओंकारेश्वर से सनावद के लिए नया ट्रैक बना रहे हैं। इसमें भी समय लगेगा, क्योंकि अधिकारी इसमें भी बहाना बनाएंगे कि पुल बनाने में समय लग रहा है। काम तो करना ही है तो रेलवे को पहले से तैयारी भी रखनी चाहिए थी। पिछले वर्ष बैठक में पश्चिम रेलवे के जीएम से तकनीकी खामियों और उन्हें दूर करने को लेकर चर्चा हुई थी। उन्होंने 2018 अगस्त में ही टेंडर जारी करने के लिए कहा था, पर अब तक इस ट्रैक के टेंडर नहीं हुए। इसका खामियाजा पूरे देश को उठाना पड़ रहा है।
ऐसे तय हुआ था महू-सनावद का बजट
महू-सनावद ट्रैक को बनाने में ज्यादा खर्च इसलिए आ रहा है क्योंकि इस दुर्गम हिस्से में रेलवे को 13.2 किलोमीटर लंबी 14 सुरंग, वायाडक्ट और पुल बनाने होंगे। एक किमी लंबी सुरंग बनाने में रेलवे को 60 करोड़ खर्च करने होंगे। इस हिसाब से करीब 800 करोड़ रुपए सुरंग बनाने और लगभग 700 करोड़ रुपए वायाडक्ट व पुल पर खर्च होंगे। बाकी करीब 800 करोड़ रुपए ट्रैक बनाने में खर्च होंगे।
ट्रैक पूरा हो तो यहां के लिए कम होगी दूरी
- इंदौर से मुंबई वाया रतलाम-वड़ोदरा 830 किमी की दूरी है। ट्रेन इंदौर से महू-खंडवा होते हुए जाएगी तो 506 किमी चलेगी। इससे लगभग 324 किलोमीटर की बचत होगी।
- इंदौर से पुणे के लिए जाने वाली गाड़ी रतलाम-कल्याण होकर 980 किलोमीटर का सफर करती है। नया ट्रैक बनने के बाद खंडवा-मनमाड़ होकर जाएगी तो 760 किमी चलेगी। इसमें 220 किमी की बचत होगी।
- इंदौर से यशवंतपुर के लिए वाया भोपाल-नारखेड़ा-अमरावती होकर जाने के लिए अभी 1907 किमी का सफर तय करना होता है, जबकि खंडवा-अकोला होते हुए जाने पर 1460 किलोमीटर की दूरी रहेगी। इसके अनुसार 447 किमी की बचत होगी।
- इंदौर-नागपुर के लिए वाया उज्जौन-भोपाल जाना पड़ता है। इस दौरान 712 किमी का ट्रेन का सफर होता है। इंदौर से खंडवा-अकोला होते हुए जाने पर 539 किमी की दूरी तय करनी होगी। इससे लगभग 173 किलोमीटर की बचत होगी।
- इंदौर-हैदराबाद जाने के लिए अभी ट्रेन भोपाल होती हुई जाती है। इससे ट्रेन को 1289 किमी चलना पड़ता है। यही ट्रेन जब अकोला से पूर्णा होती हुई जाएगी तो 710 किमी में ही गंतव्य तक पहुंच जाएगी। इस तरह लगभग 579 किमी की बचत होगी।
तैयारी कर ली है
सनावद से ओंकारेश्वर तक के हिस्से में मीटर गेज को ब्रॉडगेज में बदला जाएगा। इसकी तैयारी हो चुकी है। शीघ्र काम शुरू होगा। खंडवा से सनावद मार्ग भी अंतिम चरण में है। पूरी कोशिश रहेगी कि काम समय से पूरा हो सके।
_*आरएन सुनकर, डीआरएम, रतलाम मंडल*_
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