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Blog Entry# 1728916
Posted: Feb 03 2016 (21:48)
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Last Response: Feb 04 2016 (10:20)
8 Responses
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Feb 03 2016 (21:48) 82505x/Pune - Kamakhya Suvidha Special | ROU/Rourkela Junction (7 PFs)
asingh601~
asingh601~ 2834 blog postsEntry# 1728916 Tags Past Edits
Feb 03 2016 (11:18PM)
अमित :)
Feb 03 2016 (9:50PM)
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सारे पिक्चर धीरे धीरे अपलोड करूँगा
धन्यवाद,
अमित :)
अमित :)
Feb 03 2016 (9:50PM)
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सारे पिक्चर धीरे धीरे अपलोड करूँगा
धन्यवाद,
अमित :)
Today i am narrating a short trip from Rourkela to TATA, a non expected long trip day.
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तो मेरी ट्रिप स्टार्ट होती है मेरी सबसे छोटी बहन से जो की मौसी की बेटी है, २२ जनवरी २०१६ दिन शुक्रवार सुबह उठ के बहन के साथ खेलने के बाद ध्यान में आया की आज तो टाटा जाना है जल्दी जल्दी सारी तैयारी करने के बाद अपने मौसी के घर से खाना खा के निकल गया १ बजे क्योंकि मुझे उस दिन साउथ बिहार लेना था पर अन्फ़ोरचुनेटली मैंने उस दिन देखा नहीं था...
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तो मेरी ट्रिप स्टार्ट होती है मेरी सबसे छोटी बहन से जो की मौसी की बेटी है, २२ जनवरी २०१६ दिन शुक्रवार सुबह उठ के बहन के साथ खेलने के बाद ध्यान में आया की आज तो टाटा जाना है जल्दी जल्दी सारी तैयारी करने के बाद अपने मौसी के घर से खाना खा के निकल गया १ बजे क्योंकि मुझे उस दिन साउथ बिहार लेना था पर अन्फ़ोरचुनेटली मैंने उस दिन देखा नहीं था...
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की १३२८७ साउथ बिहार फोग के कारन कैंसिल है सो मैं आराम से राउरकेला स्टेशन पंहुचा और एक एक्सप्रेस की टिकेट मांगी टाटा की तो मुझ से क्लर्क ने ट्रेन का नाम पुछा, मैंने साउथ बिहार बोला उन्होंने बोला कैंसिल है एक बार इन्क्वारी में जाइये और देख लीजिये सामने ही इन्क्वारी काउंटर होने से घूमना नहीं पड़ा जल्दी से देखने गया की क्या सच में ऐसा है तो वहां पे बोर्ड में साउथ बिहार कैंसिल लिखा था| अब मेरी समझ में नहीं आ रहा था की क्या किया जाए किसी भी हाल में टाटा पहुचना है ताकि एग्जाम के लिए तैयारी कर सकूँ, अब दिमाग काम नहीं कर रहा था तो जल्दी से मैंने इन्टरनेट ओंन किया और खोला IRI चेक किया तो 02511 पुणे कामख्या स्पेशल का नाम था मैंने झट से पता किया की ये ट्रेन कितने देर से चल रही है तो पता चला की एकदम सही समय पे है (कारण: चूँकि साउथ बिहार कैंसिल थी तो इसको पूरा क्लीयरेंस मिला हुआ था अन्यथा ये साउथ बिहार के पीछे ही राउरकेला आती है ऐसा मुझे पैसेंजर के गार्ड ने बताया था.) तो मैंने सोच लिया आज इसका भी ट्रिप ले ही लिया जाए किसी भी हाल में चक्रधरपुर पहुच के बस ले लिया जाएगा नहीं तो बुरी से बुरी हालत में इतवारी टाटा पैसेंजर थी पीछे उसको ले के टाटा स्टेशन रात रुका जाएगा. पर चूँकि किस्मत को कुछ और मंजूर था मैंने झट से टिकट कटवाया सुपर फ़ास्ट का चक्रधरपुर तक का जिसका चार्ज 65 रुपए लगे. और इंतज़ार करने लगा स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक 4 पे, ट्रेन का सही समय ३.०५ है परन्तु मैं तो २ बजे ही टिकट कटा के पहुँच गया था सर्दी के कारन मेरी हालत भी सही नहीं थी फिर भी जाना तो था ही तभी स्टेशन में राउरकेला संबलपुर डेमू पैसेंजर का रेक आया मैंने सोचा इसको ले लेते है चूँकि SER में डायरेक्ट फोटोग्राफी का मुझे पहले बुरा एक्सपीरियंस मिल चूका है, (इसका भी रिपोर्ट मैं अपने नरेशन में लिखूंगा आने वाले समय पे) इसलिए मैंने कुछ और चालबाजी सोची इस बार सोचा का फ़ोन को स्वेटर में फंसा के हांथो के बिच सिर्फ कैमरा पॉइंट को उपर रख के विडियो ओंन कर लूँ ताकि किसी को दिखे तो लगे की फ़ोन ऐसे ही पकड़ा हुआ है और कोई आपत्ति जताने वाला न रहे.
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तो मैंने वैसे ही किया और विडियो बना लिया पैसेंजर का WDM इंजन फ्रंट और ट्रेन बोर्ड दोनों आया साथ में डिपार्ट के समय मैंने उसके गार्ड ( जिसका मैंने उपर जिक्र किया ही है ) के फ्लैग हिलाते हुए ले लिए. उसके डिपार्ट के ठीक तुरंत बाद २.५५ पे ट्रेन के अनौंसमेंट होने लगा मैन्युअल एक रेलवे कर्मी ने बताया की ४ पर आएगी चूँकि पहली बार इसमें जा रहा था तो डर लग रहा था की भीड़ कैसी होगी पर किसी भी हाल में पहुचना ही था तो बस, ट्रेन आई करीब ३.२५ के आस पास और जैसे ही आई मैं चौंक गया इसमें तो सारे स्लीपर क्लास थे एक भी जनरल डी क्लास कोच नहीं था मैंने TC तक से बात की तो वो बोले की इसमें कोई भी डी क्लास कोच नहीं है आप एसएलआर में जाइये वो जनरल क्लास है बिना रिजर्वेशन के अब मेरी हालत ख़राब दौड़ा मैं उसमे चढ़ने के लिए जैसे तैसे एसएलआर में चढ़ा क्योंकि बहुत भीड़ खुद ही पुणे से आई थी और साउथ बिहार भी उपर से कैंसिल थी जो की इस रूट में राउरकेला टाटा काम करने वाले लोग जाते हैं तो दिक्कत हो गई अब जैसे तैसे खड़े खड़े पूरा डेढ़ घंटा बिताना था शुक्र था भगवन की कुछ पैसेंजर टाटा के ही थे उसमे तो वो लोग अच्छी तरह से पेश आये और हमें जैसे तैसे पैर टिकाने का जगह मिल गया गेट से थोडा ही अन्दर मैं था जिस से कुछ हवा लग रही थी, अब ट्रेन २० मिनट रुकी और चलने को तैयार थी Wag7 झाँसी के शेर वाले ने हॉर्न मरी और हम लोग राउरकेला छोड़ दिए.
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अब बारी आती है सारंडा की जिसमे टनल और ग्रेडिएंट जबरदस्त है परन्तु खड़े होने की ही जद्दोजहद में रेल फंनिग कैसे करेंगे इस कारन कुछ ले नहीं पाया परन्तु एक चीज़ जो मैंने नोटिस की वो ये थी की सारंडा टनल के आस पास पहाड़ काटने की कुछ काम चल रही है चूँकि कुछ भी आप SER के कर्मियों से पूछेंगे तो वो ढंग से बात तक नहीं करेंगे तो आप क्या क्या जानकारी ले पाएँगे इस बारे इसलिए इस काम का पता मुझे पिछले १ साल आज तक नहीं चल पाया कई बार राउरकेला और टाटा में कुछ कर्मियों से जानने की कोशिश की परन्तु सब ऐसे देख के दुत्कार देते थे की समय नहीं है फालतू बातों के लिए जैसे की हम नक्सली है. (सारंडा एरिया नक्सली मूवमेंट के लिए काफी जाना जाता है हलाकि गनीमत है की उन्होंने यहाँ कोई नुक्सान नहीं पहुँचाया.) मेरा अपना मानना है की तीसरे लाइन के लिए ये पहाड़ खोदे गए होंगे. इस काम के चलते हमें UP लाइन से ले लिया गया जिस से सिर्फ एक ही टनल दिखा डाउन लाइन पे कुछ ख़राबी थी जिसमे २ टनल है एक बड़ा और एक छोटा सा.
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अब जब टनल गुजर गया तो मैंने सोचा अब आधे घंटे में हमारा सफ़र पूरा हो जाएगा परन्तु शायद इधर भी दिक्कत की सामना करना था ट्रेन को टूनिया नाम के छोटे से स्टेशन में करीब २० मिनट के लिए रोक दिया गया मेरे को लगा की आज टाटा में ही रात बितानी पड़ेगी क्योंकि ये तो लेट पहुंचेगी और बस नहीं मिल पाएगी आखिरी टाटा के लिए बस ४:५० पे है क्योंकि चक्रधरपुर और टाटा के बस रूट का रास्ता काफी ख़राब है और चाईबासा हो के जाना होता है तो उस एरिया में नक्सली घटनाये काफी होती है और डकैती भी तो रात होने से पहले चाईबासा किसी भी हाल में बस छोड़ देती है. चाईबासा टाटा रोड काफी हद तक सही है बस डर चाईबासा तक ही होता है.
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२० मिनट बाद झाँसी के शेर ने हुंकार मारी और हम निकले धीरे धीरे तेज़ी आई और अब ट्रेन अपने ताकत से दौड़ने लगी सभी पहाड़ के दृश्य गांव और मैदानों कटे हुए सूखे धान के खेतों के बिच से होते हुए तेज़ी से दौड़ती चली जा रही थी ठीक ४.५० बजे ट्रेन चक्रधरपुर पहुँच गई और मैंने उसकी भी विडियो बने चूँकि अब बस तो मिलने वाली थी नहीं, साथ वाले pf पे चक्रधरपुर हावड़ा पैसेंजर (आद्रा होकर) खड़ी थी नए नवेले संतरागांछी के साथ. अब वही पुरानि ट्रिक अजमाते हुए मैंने पूरा विडियो बनाया ०२५११ कष्टदायक ट्रेन पुणे कामख्या का. एवं हावड़ा पैसेंजर के कुछ फोटो लिए और चला गया स्टेशन के बाहर ताकि पता कर सकूँ की पैसेंजर कितने बजे है और टिकट ले सकूँ,
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बाहर आके पता चला की अभी पीछे से हरिद्वार पूरी उत्कल एक्सप्रेस आने वाली है और ८ बजे तक टाटा उतर जाएगी तो मैंने सोचा चलो इसको भी पकड़ ही लेते है चाहे जो भी कम से कम टाटा उतर जाना है जल्दी से मैंने टिकट कटवाया और इंतज़ार करने लगा पीछे से अनाऊस हुआ की उत्कल २० मिनट विलब है, अब क्या करना था ६.२५ बजे आने वाली गीतांजलि को बैठे बैठे लेने का सोचा ठीक ६ बजे उसका भी अनाउस होने लगा की १ पर आएगी इसलिए १ पर बैठे रहा रिफ्रेश होने के लिए मैंने चाय और चौकलेट ली और ठीक समय पे गीतांजलि अपने भुसावल साथी के साथ १ पर आ गई बिना किस शोर के एकदम आराम से. ठीक उसी समय उत्कल का भी अनाउस हुआ की आ रही है तो मैं प्लेटफार्म ३ पर गया और पीछे की तरफ चला गया जिसमे २ जनरल कोच होते हैं ठीक ७ बजे वो भी आ गई इसमें भी भुसावल का 22833 साथी था, जगह मिली अच्छी खासी खड़े होने की आराम से इसमें खड़े हो के टाटा तक पंहुचा रात ८.४५ पे इसने टाटा उतरा उसी समय शालीमार कुर्ला एक्सप्रेस भी प्लेटफार्म ३ से निकली तो ५ मिनट रुक के पूरा देख के स्टेशन से बाहर आया और घर तक आने के लिए ऑटो मिल गई.
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इस तरह ये सफ़र ख़तम हुआ और एग्जाम भी २ दिन पहले निपट गया. सब कुछ सही से हो गया ये ही गनीमत है अब मैंने सोच लिया पुणे कामख्या ट्रेन में तो कभी भूल के भी सफ़र नहीं करना है और सब को आगाह कर देना है पिछले कुछ समय से लोगों ने इस ट्रेन में जनरल में रूचि दिखाई, परन्तु सबसे सनम्र निवेदन है कृपया कर इसमें डी क्लास का टिकेट न ख़रीदे क्योंकि इसमें डी क्लास का भी नामोनिशान नहीं है NFR ने जानबूझ कर ऐसा किया है जिस एसएलआर में मैं था उसमे राउरकेला से आसनसोल जाने वाले ३ डी क्लास रिज़र्व वालों को TC ने रिजर्वेशन कोच से उतर के एसएलआर में जाने को कहा था क्योंकि एसएलआर ही डी क्लास रिजर्वेशन का एकमात्र डिब्बा है जिसमे जनरल के कुछ लोग पुणे से ही आ रहे थे तो उन्होंने सीट छोड़ने तक से मना कर दिया बंगाली में काफी बहस हुई अंत में उन तीन लोगों ने रेलवे पे केस करने का ही ठान के किसी भी हाल में आसनसोल पहुँचने का निर्णय किया अब उन लोगों ने केस किया या नहीं ये तो मुझे नहीं पता परन्तु रिजर्वेशन करवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति से निवेदन है की स्लीपर का ही रिजर्वेशन करवाए डी क्लास का रिजर्वेशन भूल के भी न करवाए स्पेशल ट्रेन में TC एसएलआर में कभी घुसते नहीं क्योंकि उन सीटों की कोई एहमियत नहीं होती यहाँ तक की स्टेशन पर बैठे tc भी इन ट्रेन्स को एहमियत नहीं देते चेकिंग के दौरान वो लोग भी जनरल क्लास एसएलआर में कोई जाने की हिम्मत नहीं करता.
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सारे पिक्चर धीरे धीरे अपलोड करूँगा.
धन्यवाद,
अमित :)
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तो मैंने वैसे ही किया और विडियो बना लिया पैसेंजर का WDM इंजन फ्रंट और ट्रेन बोर्ड दोनों आया साथ में डिपार्ट के समय मैंने उसके गार्ड ( जिसका मैंने उपर जिक्र किया ही है ) के फ्लैग हिलाते हुए ले लिए. उसके डिपार्ट के ठीक तुरंत बाद २.५५ पे ट्रेन के अनौंसमेंट होने लगा मैन्युअल एक रेलवे कर्मी ने बताया की ४ पर आएगी चूँकि पहली बार इसमें जा रहा था तो डर लग रहा था की भीड़ कैसी होगी पर किसी भी हाल में पहुचना ही था तो बस, ट्रेन आई करीब ३.२५ के आस पास और जैसे ही आई मैं चौंक गया इसमें तो सारे स्लीपर क्लास थे एक भी जनरल डी क्लास कोच नहीं था मैंने TC तक से बात की तो वो बोले की इसमें कोई भी डी क्लास कोच नहीं है आप एसएलआर में जाइये वो जनरल क्लास है बिना रिजर्वेशन के अब मेरी हालत ख़राब दौड़ा मैं उसमे चढ़ने के लिए जैसे तैसे एसएलआर में चढ़ा क्योंकि बहुत भीड़ खुद ही पुणे से आई थी और साउथ बिहार भी उपर से कैंसिल थी जो की इस रूट में राउरकेला टाटा काम करने वाले लोग जाते हैं तो दिक्कत हो गई अब जैसे तैसे खड़े खड़े पूरा डेढ़ घंटा बिताना था शुक्र था भगवन की कुछ पैसेंजर टाटा के ही थे उसमे तो वो लोग अच्छी तरह से पेश आये और हमें जैसे तैसे पैर टिकाने का जगह मिल गया गेट से थोडा ही अन्दर मैं था जिस से कुछ हवा लग रही थी, अब ट्रेन २० मिनट रुकी और चलने को तैयार थी Wag7 झाँसी के शेर वाले ने हॉर्न मरी और हम लोग राउरकेला छोड़ दिए.
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अब बारी आती है सारंडा की जिसमे टनल और ग्रेडिएंट जबरदस्त है परन्तु खड़े होने की ही जद्दोजहद में रेल फंनिग कैसे करेंगे इस कारन कुछ ले नहीं पाया परन्तु एक चीज़ जो मैंने नोटिस की वो ये थी की सारंडा टनल के आस पास पहाड़ काटने की कुछ काम चल रही है चूँकि कुछ भी आप SER के कर्मियों से पूछेंगे तो वो ढंग से बात तक नहीं करेंगे तो आप क्या क्या जानकारी ले पाएँगे इस बारे इसलिए इस काम का पता मुझे पिछले १ साल आज तक नहीं चल पाया कई बार राउरकेला और टाटा में कुछ कर्मियों से जानने की कोशिश की परन्तु सब ऐसे देख के दुत्कार देते थे की समय नहीं है फालतू बातों के लिए जैसे की हम नक्सली है. (सारंडा एरिया नक्सली मूवमेंट के लिए काफी जाना जाता है हलाकि गनीमत है की उन्होंने यहाँ कोई नुक्सान नहीं पहुँचाया.) मेरा अपना मानना है की तीसरे लाइन के लिए ये पहाड़ खोदे गए होंगे. इस काम के चलते हमें UP लाइन से ले लिया गया जिस से सिर्फ एक ही टनल दिखा डाउन लाइन पे कुछ ख़राबी थी जिसमे २ टनल है एक बड़ा और एक छोटा सा.
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अब जब टनल गुजर गया तो मैंने सोचा अब आधे घंटे में हमारा सफ़र पूरा हो जाएगा परन्तु शायद इधर भी दिक्कत की सामना करना था ट्रेन को टूनिया नाम के छोटे से स्टेशन में करीब २० मिनट के लिए रोक दिया गया मेरे को लगा की आज टाटा में ही रात बितानी पड़ेगी क्योंकि ये तो लेट पहुंचेगी और बस नहीं मिल पाएगी आखिरी टाटा के लिए बस ४:५० पे है क्योंकि चक्रधरपुर और टाटा के बस रूट का रास्ता काफी ख़राब है और चाईबासा हो के जाना होता है तो उस एरिया में नक्सली घटनाये काफी होती है और डकैती भी तो रात होने से पहले चाईबासा किसी भी हाल में बस छोड़ देती है. चाईबासा टाटा रोड काफी हद तक सही है बस डर चाईबासा तक ही होता है.
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२० मिनट बाद झाँसी के शेर ने हुंकार मारी और हम निकले धीरे धीरे तेज़ी आई और अब ट्रेन अपने ताकत से दौड़ने लगी सभी पहाड़ के दृश्य गांव और मैदानों कटे हुए सूखे धान के खेतों के बिच से होते हुए तेज़ी से दौड़ती चली जा रही थी ठीक ४.५० बजे ट्रेन चक्रधरपुर पहुँच गई और मैंने उसकी भी विडियो बने चूँकि अब बस तो मिलने वाली थी नहीं, साथ वाले pf पे चक्रधरपुर हावड़ा पैसेंजर (आद्रा होकर) खड़ी थी नए नवेले संतरागांछी के साथ. अब वही पुरानि ट्रिक अजमाते हुए मैंने पूरा विडियो बनाया ०२५११ कष्टदायक ट्रेन पुणे कामख्या का. एवं हावड़ा पैसेंजर के कुछ फोटो लिए और चला गया स्टेशन के बाहर ताकि पता कर सकूँ की पैसेंजर कितने बजे है और टिकट ले सकूँ,
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बाहर आके पता चला की अभी पीछे से हरिद्वार पूरी उत्कल एक्सप्रेस आने वाली है और ८ बजे तक टाटा उतर जाएगी तो मैंने सोचा चलो इसको भी पकड़ ही लेते है चाहे जो भी कम से कम टाटा उतर जाना है जल्दी से मैंने टिकट कटवाया और इंतज़ार करने लगा पीछे से अनाऊस हुआ की उत्कल २० मिनट विलब है, अब क्या करना था ६.२५ बजे आने वाली गीतांजलि को बैठे बैठे लेने का सोचा ठीक ६ बजे उसका भी अनाउस होने लगा की १ पर आएगी इसलिए १ पर बैठे रहा रिफ्रेश होने के लिए मैंने चाय और चौकलेट ली और ठीक समय पे गीतांजलि अपने भुसावल साथी के साथ १ पर आ गई बिना किस शोर के एकदम आराम से. ठीक उसी समय उत्कल का भी अनाउस हुआ की आ रही है तो मैं प्लेटफार्म ३ पर गया और पीछे की तरफ चला गया जिसमे २ जनरल कोच होते हैं ठीक ७ बजे वो भी आ गई इसमें भी भुसावल का 22833 साथी था, जगह मिली अच्छी खासी खड़े होने की आराम से इसमें खड़े हो के टाटा तक पंहुचा रात ८.४५ पे इसने टाटा उतरा उसी समय शालीमार कुर्ला एक्सप्रेस भी प्लेटफार्म ३ से निकली तो ५ मिनट रुक के पूरा देख के स्टेशन से बाहर आया और घर तक आने के लिए ऑटो मिल गई.
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इस तरह ये सफ़र ख़तम हुआ और एग्जाम भी २ दिन पहले निपट गया. सब कुछ सही से हो गया ये ही गनीमत है अब मैंने सोच लिया पुणे कामख्या ट्रेन में तो कभी भूल के भी सफ़र नहीं करना है और सब को आगाह कर देना है पिछले कुछ समय से लोगों ने इस ट्रेन में जनरल में रूचि दिखाई, परन्तु सबसे सनम्र निवेदन है कृपया कर इसमें डी क्लास का टिकेट न ख़रीदे क्योंकि इसमें डी क्लास का भी नामोनिशान नहीं है NFR ने जानबूझ कर ऐसा किया है जिस एसएलआर में मैं था उसमे राउरकेला से आसनसोल जाने वाले ३ डी क्लास रिज़र्व वालों को TC ने रिजर्वेशन कोच से उतर के एसएलआर में जाने को कहा था क्योंकि एसएलआर ही डी क्लास रिजर्वेशन का एकमात्र डिब्बा है जिसमे जनरल के कुछ लोग पुणे से ही आ रहे थे तो उन्होंने सीट छोड़ने तक से मना कर दिया बंगाली में काफी बहस हुई अंत में उन तीन लोगों ने रेलवे पे केस करने का ही ठान के किसी भी हाल में आसनसोल पहुँचने का निर्णय किया अब उन लोगों ने केस किया या नहीं ये तो मुझे नहीं पता परन्तु रिजर्वेशन करवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति से निवेदन है की स्लीपर का ही रिजर्वेशन करवाए डी क्लास का रिजर्वेशन भूल के भी न करवाए स्पेशल ट्रेन में TC एसएलआर में कभी घुसते नहीं क्योंकि उन सीटों की कोई एहमियत नहीं होती यहाँ तक की स्टेशन पर बैठे tc भी इन ट्रेन्स को एहमियत नहीं देते चेकिंग के दौरान वो लोग भी जनरल क्लास एसएलआर में कोई जाने की हिम्मत नहीं करता.
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सारे पिक्चर धीरे धीरे अपलोड करूँगा.
धन्यवाद,
अमित :)
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3 Public Posts - Wed Feb 03, 2016
4 Public Posts - Thu Feb 04, 2016
Second Set of images: 02511 Pune Kamakhya Special
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1: Jhansi WAG-7 24501 Front face.
2: TB PIC of Pune Kamakhya.
3: My SLR Coach of Pune Kamakhya.
4:...
more...
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1: Jhansi WAG-7 24501 Front face.
2: TB PIC of Pune Kamakhya.
3: My SLR Coach of Pune Kamakhya.
4:...
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Flag waving by ALP and LP Entering on Engine.
5: S2 of Pune Kamakhya.
6: S8 and SLR of Pune Kamakhya,
7: Finally gone.
5: S2 of Pune Kamakhya.
6: S8 and SLR of Pune Kamakhya,
7: Finally gone.
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