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Blog Entry# 3103083
Posted: Feb 14 2018 (01:17)

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General Travel
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Feb 14 2018 (01:17)  
guest   1295 blog posts
Entry# 3103083              
SCRA बंद करने के फैसले पर पुनर्विचार करें सरकार : आरके पचौरी
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जमालपुर : भारतीय रेल यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान में स्पेशल क्लास रेलवे अपरेंटिस (एससीआरए) की पढ़ाई बंद करने के फैसले पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए पूरे देश में इस प्रकार के समुन्नत संस्थान कहीं नहीं है. यह बातें मंगलवार को भारतीय पर्यावरणविद राजेंद्र कुमार पचौरी ने कही.
आरके
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पचौरी ने कहा कि एससीआरए की पढ़ाई को बंद करने का निर्णय बहुत बड़ी भूल है. इस भूल को सुधार करना चाहिए, क्योंकि इस तरह की संस्था दुनिया भर में कहीं नहीं है. उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान को अपग्रेड करने की जरूरत है ताकि यहां पढ़ाई के साथ-साथ रेलवे के विकास के बारे में अनुसंधान भी किया जाये.
पचौरी ने कहा, यदि विश्वविद्यालय बनाया जाये तो भी ठीक है. मनसा यह है कि इस संस्थान का कुछ न कुछ तो विकास होना ही चाहिए. उन्होंने एससीआरए को बंद करने के निर्णय को गलत बताया और कहा कि यह बिल्कुल गलत है. उन्होंने रेलवे को सेना की सीख लेने की सलाह दी. उन्होंने कहा की एससीआरए में मात्र 18 वर्ष के उम्र से लोग अगले 40 वर्ष तक रेलवे की बेहतरी के लिए ही केवल और केवल सोचते हैं और इस संस्थान से बेहतर जगह और कोई दूसरा इस तरह की पढ़ाई के लिए हो ही नहीं सकता.
उन्होंने स्पष्ट कहा कि आज हम आंख बंद कर अमेरिका के बताये रास्ते पर चल रहे हैं, जो हमारे लिए उचित नहीं है. हमारे देश की जो व्यवस्था है. उस को ध्यान में रखकर ऐसी नीतियां बनानी चाहिए, जो हर व्यक्ति को लाभ पहुंचा सके. रेल एक ऐसा साधन है जिसका उपयोग समाज के हर एक तबका के लोग करते हैं. इसलिए रेलवे का विकास सबसे पहले आवश्यक है.
पचौरी ने कहा कि वह पहली बार 1981 में चीन गए हुए थे. तब से लेकर वहां कायापलट हो चुका है, जबकि हम लोग वहीं के वहीं हैं. हम अपनी कल्पना के आधार पर आगे बढ़ने की सोच नहीं रखते विकास के लिए एक विजन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ठीक रास्ते से यदि यहां का विकास किया जाये तो बहुत कुछ हो सकता है. उन्होंने कहा इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी की बहुत बड़ी समस्या है.
आरके पचौरी को इस बात का बेहद तकलीफ रहा कि आज वह पटना से 7:15 बजे निकले थे और यहां पहुंचते-पहुंचते 2:45 बज गया. बरहिया क्रॉस करने में ही उन्हें 2 घंटे लग गये. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसी जगह का विकास करना है, तो सबसे पहले उस क्षेत्र में यातायात का विकास होना चाहिए. इस बिंदु पर काम करने की आवश्यकता है. इस मौके पर संस्थान के निदेशक गजानन मलैया उपस्थित थे.
उल्लेखनीय है कि आरके पचौरी ने वाराणसी स्थित भारतीय रेल के डीजल लोकोमोटिव वर्क्स में इंजिनियर के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की. बाद में उन्होंने अमेरिका स्थित उत्तरी कैरोलिना राज्य में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्य किया. अमेरिका से भारत लौटने के बाद पचौरी ने कई महत्वूपर्ण सरकारी पदों पर कार्य किया. जनवरी 1999 में वह इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के अध्यक्ष बने और तीन साल तक इस पद पर रहे. राजेंद्र पचौरी को 20 अप्रैल 2002 को आईपीसीसी के अध्यक्ष के रूप मेंचुना गया. पर्यावरण के क्षेत्र में उनके महत्वूपर्ण योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 2001 में पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया. वर्ष 2007 में अल्बर्ट अर्नाल्ड गोरे जूनियर और आईपीसीसी को नोबेल पीस सम्मान से सम्मानित किया गया. इस वर्ष पचौरी आईपीसीसी के अध्यक्ष थे.

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