रेल बजट आजः वर्षों पुरानी उम्मीदों के पटरी पर आने की आस
भोपाल (नप्र)। रेल बजट से राजधानी ही नहीं प्रदेश के लोग बड़ी आस लगाए बैठे हैं। रेलवे के अधिकारी भी इस उम्मीद में हैं कि बजट में इस साल निराशा नहीं मिलेगी। मंगलवार को पेश होने जा रहे रेल बजट में मंडल और प्रदेश को कुछ भी मिले, पर मंडल की उम्मीदें काफी लंबी हैं। नई लाइनों के सर्वे, नई ट्रेनों की घोषणा, बाकी ट्रेक के विद्युतीकरण और सुरक्षा बजट में अभी तक मंडल की उपेक्षा होती रही है।
प्रदेश...
more... के करीब 11 जिले अभी भी रेल नेटवर्क से नहीं जुड़े हैं। लोगों को ट्रेन से एक से दूसरी जगह जाने के लिए लंबा फेरा लगाना पड़ रहा है। लिहाजा नई लाइनों के सर्वे की जरूरत है। मध्यप्रदेश के 5992 रेलवे नेटवर्क में एक तिहाई अभी विद्युतीकृत नहीं हैं। इस वजह से ट्रेनों की स्पीड नहीं बढ़ पा रही है। डीजल इंजनों से प्रदूषण भी फैल रहा है।
इन नई रेल लाइनों की जरूरत
- शिवपुरी से झांसी
- होशंगाबाद से पिपरिया
- सांची से बेगम गंज होते हुए सागर
ट्रेनें जिनकी सालों से की जा रही मांग
-भोपाल से बंगलौर वाया पुणे
- हबीबगंज से मुंबई प्रतिदिन या सप्ताह में चार दिन
- भोपाल से पटना के लिए।
- भोपाल से गुवाहाटी के लिए।
- भोपाल से हैदराबाद और सूरत के लिए
- भोपाल से नागपुर के बीच इंटरसिटी चलाने की मांग।
-रेवांचल के अलावा रीवा से इंदौर वाया भोपाल एक और ट्रेन।
इनके विस्तार की जरूरत
-शताब्दी एक्सप्रेस का हबीबगंज तक
-विंध्याचल एक्सप्रेस का हबीबगंज तक
-जनशताब्दी और जबलुपर इंटरसिटी का भोपाल तक।
-इंदौर पैसेंजर का हबीबगंज तक
पुरानी घोषणाएं, जिन्हें भूली रेलवे
-निशातपुरा रेलवे अस्पताल के पास मेडिकल कॉलेज बनाने की तीन साल पहले रेल बजट में घोषणा।
-जबलपुर में नर्सिंग कॉलेज खोलने की तीन साल पहले की गई घोषणा।
-मिसरोद में मेमू ट्रेन के कुछ हिस्से बनाने की दो साल पहले की गई घोषणा।
इन प्रोजेक्ट्स को रफ्तार की दरकार
- हबीबगंज स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाया जाना।
- एकीकृत सुरक्षा व्यवस्था (आईएसएस) के तहत भोपाल व इटारसी स्टेशनों की सुरक्षा और चुस्त किया जाना। तीन साल पहले रेल बजट में घोषणा के बाद अभी तक सिर्फ बैगेज स्कैनर लगा है।
-पिछले बजट में घोषित नई रेल लाइनों के लिए सर्वे का काम।
-इंदौर-मनमाड़ व ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन।
-मॉडल घोषित किए गए स्टेशनों में सुविधाएं बढ़ाना।
भोपाल मंडल की सबसे बड़ी उम्मीद शताब्दी का हबीबगंज तक विस्तार है। कुछ अन्य ट्रेनें चलाने व उनके फेरे बढ़ाने के प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजे गए हैं। बजट से मंडल को काफी आस है।
कमल किशोर दुबे,
जनसंपर्क अधिकारी, भोपाल मंडल