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Blog Entry# 1912315
Posted: Jun 30 2016 (11:24)
4 Responses
Last Response: Jul 05 2016 (10:53)
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युद्ध में जीतने वाले योद्धा को जो खुशी मिलती है, वही खुशी आज मुझे आईआरसीटीसी से दीवाली के लिए टिकट आरक्षित कराने में मिली। जिस तरह युद्ध में योद्धा अपने त्वरित बुद्धि का इस्तेमाल करता है, ठीक उसी तरह आईआरसीटीसी से टिकट आरक्षित कराने में करना पड़ता है, फिर भी ज्यादातर मामलों में तो निराशा ही हाथ लगती है। दरअसल, ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ कि पिछले साल ठीक इसी तरह मैंने दीवाली के एक दिन पहले के लिए ऑनलाइन टिकट आरक्षित करना चाहा था, किन्तु दलालों की सक्रियता की वजह से 8 बजकर 4-5 सेकंड पर भी मैंने सारे टिकट प्रतीक्षासूची में पाया था; इस वजह से मुझे दीवाली में साधारण डिब्बों में सफर करना पड़ा था। लेकिन इस बार मैंने 8 बजकर 1 मिनट पर अपना सम्पुष्ट टिकट प्राप्त किया है, इसके लिए माननीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु जी से आभार प्रकट कर रहा हूँ।
अगर...
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2 Public Posts - Thu Jun 30, 2016
दोस्त, मैं तत्काल की नहीं, साधारण टिकट की बात कर रहा हूँ। जो ८ बजे खुलती है...
1 Public Posts - Tue Jul 05, 2016