An Article that says many points in one...slightly related to railway..be aware,stay calm but dont keep quiet
विलाप करती मासूमियत!
13 मार्च 2017,ये दिन रामगंज मंडी के इतिहास में काली स्याही से लिखा जायेगा।।जो मोरक स्टेशन में हुआ उस पर अब तक कोई कार्यवाही न होना किसी का गिरफ्तार न होना हमारे प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है।।मोरक में जो भी हुआ उसकी नींव उसके पास के सबसे बड़े शहर से निकली मानसिकता है। कहते है कि जब गलत करने वालों को रोकने के लिए नेता आगे आने लगते है तो वो जगह...
more... अपराध का गढ़ बनने लगती है।।
31 दिसम्बर 2016 की रात जब रामगंज मंडी पुलिस ने एक हुड़दंग करने वाले को गिरफ्तार किया और उसे बचाने जिस तरह रामगंज मंडी के सारे नेता पुलिस के खिलाफ हो गए उससे साफ हो गया कि मंडी और आस पास वाले इलाकों में अगर कोई बलात्कार भी करेगा तो भी यहाँ के नेता उसे बचाने आगे आ जायेंगे।।आखिर हमारी इंसानियत कहा मर गयी? क्या एक बच्ची के बलात्कार पर हम चुप रहेंगे,जरा सोचिये अगर उस बलात्कारी की गिरफ़्तारी नहीं हुई और गिरफ़्तारी होने के कुछ महीने बाद वो बरी हो गया तो फिर अगली बलात्कार की घटना हमारे मंडी में होगी।वो कमीने लोग जो मंडी की सड़कों पर बाइक दौड़ाते है,हमारी शहर की लड़कियों को छेड़ते है और जब पुलिस उन्हें रोकने जाती है तो हमारे नेता ऐसे कमीनों को बचाने आ जाते है,क्यों?क्या हमारे नेता इतने भावशून्य हो चुके है कि मंडी में ऐसे कमीनों का सपोर्ट कर रहे है।।क्या इतने भावशून्य हो चुके है कि जो घटना कोटा में होती है उसके लिए मंडी के व्यापारियों के पेट पर लात मारते हुए मंडी बंद कराने पर अड़ जाते है?
आज मोरक में ये घटना हुई,कुछ समय पहले चेचट में हुई थी, उन्हें सजा भी दी गयी या नहीं ये भी पता नही।।16 दिसम्बर 2012 के दिल्ली गैंगरेप केस में जो नाबालिग था उसे आज़ाद कर दिया गया आज किसी ओर लड़की के पीछे पड़ा होगा।।साफ दिख रहा है,कि हमारे समाज में महिलाओं के लिए सम्मान जितना बढ़ता है उस सम्मान को बर्बाद करने के लिए गायत्री प्रजापति जैसे नेता हर जगह पनप जाते है।।
अगर रामगंज मंडी के सभी बना,गुर्जर और महान नेताओं में जरा भी इंसानियत है तो उस बच्ची को इंसाफ दिलाने के पीछे पड़ जाए क्योंकि इतना तो साफ है कि आप लोगों की हैसियत नहीं है एक भी ट्रैन को मंडी रुकवाने की,न आप लोगों की हैसियत इतनी है कि उन बच्चों के लिए विज्ञान संकाय यहाँ के कॉलेज में खुलवा सके।।आप बस चापलूसी कर सकते है लेकिन मंडी के लोगों के लिए काम करने में आपको शर्म आती है।।बस इतनी सी आशा ही के उस मासूम के आंसुओं के सूखने से पहले उसके आरोपी को फांसी की या आजीवन कारावास की सजा हो जाये।।अगर केवल 7 साल की सजा हुई तो जब वो बच्ची 13 साल की होगी तब यही बलात्कारी फिर उसका बलात्कार करेगा(ऐसा केरल या आंध्र प्रदेश में हो चूका है)।।ऐसे बलात्कारियों के लिए ही मुलायम सिंह यादव जैसे लोग कहते है 'लड़कों से गलती हो जाती है' वहां की जनता ने तो ऐसे महान नेताओं को सबक सिखा दिया,लेकिन जिस तरह मंडी के नेता ऐसे असामाजिक तत्वों का सपोर्ट कर रहे है उससे लगता है कि इनकी इंसानियत मर चुकी है वरना उन सड़कों पर आवारा गर्दी करने वाले लड़को को बचाने 31 दिसंबर के दिन मंडी के सारे नेता थाने नहीं पहुचंते।।और फिर बंद की झूठी न्यूज़ फैलाना साफ बताता है कि मंडी की राजनीती का स्तर कितना गिर चूका है।
आज भी मंडी में लड़कियां मंडी की सड़कों पर चलने से डरती है क्योंकि कोई भी कमीना कभी बाइक से निकलते हुए उनके कपडे खींचता है,कभी किसी ओर तरह से छेड़खानी करता है और हमारी पुलिस अगर ऐसे लोगों को पकड़ती है तो मंडी के महान नेता ऐसे लोगों को बचाने थाने पर पहुँच जाते है।।।सिर्फ फालतू फोटो डालने से और नगरपालिका या रेलवे के काम को अपना बताने से विकास नहीं होता,डटने से होता है जिस जगह का आप प्रतिनिधित्व कर रहे उसके लिए सोचने से होता है।।आप तो रामगंज मंडी को बजट में कुछ नहीं दिला पाए,और मंडी के लोग आवाज न उठाये इसलिए दो सड़कों के लिए 12 करोड़ दिलवा दिए।।पर शहर को क्या मिला कुछ नहीं।।
मंडी के सभी नेताओं को मेरी चुनौती है ऐसे बाइक वालों,मनचलों को पकड़ के सजा दिला के बताओ,मंडी के कॉलेज में विज्ञान संकाय चालू करके बताओ ताकि बच्चो को झालावाड़ या कोटा न जाना पड़े एग्जाम देने,अगर इन नेताओं की जरा भी हैसियत है तो 30 साल से जिस ट्रैन के लिए हम रोज रोते हो उस गोल्डन टेम्पल ट्रैन को यहाँ रुकवा कर बताओ,इस बलात्कारी को आजीवन कारावास दिलाकर बताओ नहीं तो 7 साल की सजा के बाद वो फिर से उस बच्ची का बलात्कार करेगा।।
बहुत हो गया चापलूसी करना,अब तो मंडी के लिए सोचो।
क्या मिला बजट में मंडी को,ये भी तो एक बार देखो।।
कब तक यूँ सोते रहोगे,कब तक अपराध मंडी,मंडी को बनाते रहोगे।
क्यों देते हो साथ उन आवारों का,कब तक महिला का अपमान करते रहोगे।।
ये प्यारी हमारी मंडी है आखिर कब तक बर्बाद इसे करोगे,
कब तक गन्दी राजनीती की दुकान मंडी की बनाते रहोगे।।
अरे जरा भी शर्म है तो अब तो तुम जाग जाओ,
पिछड़ रहा मंडी हर क्षेत्र में,इस मंडी को सबसे विकसित बनाओ।।
छोड़ो चापलूसी अब देख लिया होगा क्या मिला मंडी को,
कोई नेता नहीं तैयार मंडी को सच में राम की मंडी बनाने को।
हो रहा लव जिहाद और न जाने आगे क्या क्या होगा,
चलता रहा ऐसे ही तो...
कोई शक नहीं एक दिन यही मंडी कब्रिस्तान में तब्दील होगा।।
-निखिल रोकड़िया
( एक व्यथित शहरवासी)