भवानी मंडी के लोगों के अनुसार 2020 में भवानी मंडी जिला बन जायेगा।।एक छोटा सी तुलना भवानी मंडी और रामगंज मंडी में-
*भवानी मंडी के पास क्या है*
1. एक अच्छा सा अस्पताल
2. अच्छे हाई स्कूल
3....
more... Pg कॉलेज(बिरला कॉलेज)
4. आस पास के दो गाँवो पचपहाड़ और भैंसोदा मंडी के कारण स्टेशन साइड से बड़ा लगता है,अकेला रामगंज मंडी तीनो के बराबर या उससे ज़्यादा है।।
5. बॉर्डर पर होने के कारण तस्करों का स्वर्ग माना जाता है।
6. सबसे पुरानी ट्रैन गोल्डन टेम्पल के साथ महत्वपूर्ण ट्रैन जैसे स्वराज,जयपुर-मैसूर,इंदौर-जम्मूतवी,मन्नारगुड़ी भगत की कोठी,बीकानेर भगत की कोठी वहां रूकती है।। 1993 में शायद उन लोगों ने मंडी से स्वराज का ठहराव छीनकर वहां करवा लिया था।।
7. वहां के नेता एक सुर में विरोध करते है,प्रयास करते है बजाय चापलूसी करने के।।वहां एक मंच बना है जिसमे हर जाती,हर पार्टी के नेता है जो भवानी मंडी के लिए प्रयास करते रहते है।।
8. टैक्स के मामले में रामगंज मंडी के आगे वो कही नहीं ठहरता फिर भी विकास में रामगंज मंडी से कही आगे है वहां के नेताओं और लोगों की वजह से जो एक आवाज पर स्टेशन के बाहर धरना देकर रेल रोककर जोधपुर इंदौर जैसी ट्रेनों को रुकवा लेते है।।।
*रामगंज मंडी के पास क्या है-*
1. एशिया की सबसे बड़ी धनिया मंडी,कोटा स्टोन का गढ़ फिर भी न ढंग से बिजली मिलती है न ढंग से पानी।।
2. कोई अच्छा हॉस्पिटल नहीं,कोई अच्छा हाई स्कूल नहीं
3. कॉलेज तो ऐसी हालत में है कि एक खंडहर भी शर्मा जाए।।
4. कोटा के बाद जिले में सबसे बड़ा शहर और परिवहन जिला होने के बाद भी यहाँ के नेता रावत भाटा को जिला बनाने की मांग करते है।।
5. जनता यहाँ की सोई हुई है जिसे पैसा कमाने के अलावा कुछ नहीं दिखता फिर चाहे मंडी से तहसील का दर्जा क्यों न छीन लिया जाए।।
6. एक छोटे बच्चे को जिस तरह लॉलीपॉप दिया जाता है वैसे रामगंज मंडी की बेमतलब की ट्रेनें दी गयी कई तो ऐसी है जिन्हें यहाँ से सवारी नहीं मिलती क्योंकि वो ऐसे टाइम आती है जिस टाइम पहले से 3 ट्रेनें उसी दिशा में जाने वाली होती है।।
झालवाड़ के लिए एक ट्रेन तक नहीं चला सके और चापलूसी करने में इतना व्यस्त है कि मंडी स्टेशन जंक्शन है भी या नहीं उस पर शक होता है।।
7. जिला बनाने के लिए कोई प्रयास नहीं,विधायक कोटा रहती है और यहाँ के नेता सेल्फी खिंचवाने के अलावा विकास के लिए प्रयास तक नहीं किया। और तो और यगण की विधायक को अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए लड़ने के अलावा कुछ आता नही।जो मंडी की नही उसे वोट करने का क्या मतलब।इर यहाँ की हंट बी किसी काम की नही। जो जरूरी जैम होते है उनके लिए कबि आगे नही आती।जी काम की नही उसके लिए दौड़ते हुए आते है। और एक बात यहाँ का जो अस्प्ताल हे उसमे एक ही डॉक्टर का कब्जा है। राजीव लोचन जब तक वो हे तब तक रामगंजमंडी के अस्प्ताल जा कुछ नही हो सकता। पहले उसे मंडी से बाहर फेंको तब विकाश होगा। जय हिन्द एक आमनागरिक।