वंदे भारत ट्रेन का रखरखाव, मरम्मत कार्य गोंदिया में
अगले वर्ष मई-जून तक बन जाएंगे कोचिंग डिपो
■ गोंदिया, ब्यूरो. वंदेभारत ट्रेन का कोचिंग डिपो अलग रहेगा, यानी इसमें वंदेभारत के अलावा कोई...
more... ट्रेन नहीं रखी जाएगी. बिलासपुर और गोंदिया कोचिंग डिपो में ट्रेन की सफाई और जरूरी मरम्मत होगी. वहां से ट्रेन स्टेशन पहुंचेगी. एक जानकारी के अनुसार वंदेभारत की खासियत है कि आने वाले कुछ समय में इसकी स्पीड बढ़ाकर 160 से 180 किमी प्रतिघंटा की जा सकती है. इसके कोच भी अपग्रेड किए गए हैं. इसकी बैठक व्यवस्था कुछ अलग है, इसलिए पूरे कोच में तकनीकी सुधार हुए हैं. कोचिंग डिपो अगले साल मई-जून तक बन जाएंगे और उसके तुरंत बाद ट्रेन शुरू हो जाएगी. पहली ट्रेन गोंदिया से दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर होती हुई झारसुगुड़ा जाएगी. दूसरी ट्रेन बिलासपुर से संपर्क क्रांति रूट से दिल्ली जाएगी.
स्पीड 130, स्टॉपेज भी कम रहेंगे
हाल ही में रेलवे की सीआरएस टीम ने दुर्ग से झारसुगड़ा के बीच ट्रेन को 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाकर परीक्षण कर लिया है. पता चला है कि यह ट्रायल भले ही वंदे भारत ट्रेन के लिए नहीं था, लेकिन यह साफ हो गया कि इस ट्रैक में हाई स्पीड ट्रेन आसानी से चलाई जा सकती हैं. यह टायल सफल तो था लेकिन अभी इसके अप्रूवल का इंतजार है. वंदेभारत भी करीब 130 किमी की रफ्तार से चलती है. यात्रा में समय कम लगने के पीछे एक वजह यह भी है कि स्टॉपेज कम रहेंगे. वंदे भारत ट्रेन के लिए बिलासपुर और छत्तीसगढ़ से लगे गोंदिया में कोचिंग डिपो का काम शुरू हो गया है और यह पता चला है कि छत्तीसगढ़ को दो वंदे भारत ट्रेनों की सुविधा मिलेगी. पहली ट्रेन बिलासपुर से संपर्क क्रांति रूट से दिल्ली जाएगी. दूसरी ट्रेन गोंदिया से चलकर रायपुर बिलासपुर होती हुई झारसुगुड़ा (ओडिशा) जा सकती है. दिल्ली जाने वाली वंदे भारत ट्रेन रायपुर नहीं आएगी. अभी बिलासपुर से दिल्ली की यात्रा में 18 घंटे लग रहे हैं, लेकिन वंदे भारत से बिलासपुर से दिल्ली का सफर करीब 14 घंटे में पूरा हो सकता है, इसी तरह, गोंदिया से वंदे भारत चली तो यह रायपुर से सिर्फ 4 घंटे में झारसुगुड़ा पहुंच जाएगी. अभी इसमें साढ़े 6 घंटे लग रहे हैं.
गोंदिया कोचिंग डिपो पर 50 करोड़ होंगे खर्च
रेलवे की ओर से जारी संभावित सूची में छत्तीसगढ़ भी शामिल था. अब लगभग साफ हो गया है कि छत्तीसगढ़ को दो वंदे भारत ट्रेनें मिलने की तस्वीर स्पष्ट हो गई है. क्योंकि गोंदिया और बिलासपुर में केवल वंदे भारत ट्रेन के लिए 50-50 करोड़ रु. से कोचिंग डिपो बनाने का काम शुरू हो गया.