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Blog Entry# 6045553
Posted: Apr 27 (10:59)
3 Responses
Last Response: Apr 27 (12:14)
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भारतीय रेल में इन दिनों लगातार स्लीपर कोच की संख्या घटाने और एसी कोच की संख्या बढ़ाने से कम आय वाले रेल यात्री परेशान हैं। क्योंकि एक तरफ स्लीपर कोच की संख्या घटने से उन्हें मजबूरन एसी टिकट लेना पड़ रहा है। वहीं टिकट कंफर्म न होने से स्लीपर कोच में बेदम करने वाली भीड़ देखी जा रही है। रेवांचल एक्सप्रेस, भोपाल एक्सप्रेस समेत कुछ अन्य ट्रेनों में छह स्लीपर कोच को कम कर दिया गया है। उनकी जगह दो थर्ड एसी इकोनामी कोच लगा दिए गए हैं। थर्ड एसी इकोनामी कोच का किराया स्लीपर के किराए से दोगुने से भी अधिक है।
लोग ज्यादा परेशान जनरल कोच के घटने से हैं ।
Let me explain - एक जनरल कोच की capacity approx 100 है(by lower seat no) , अगर इसमें अप्पर बर्थ भी जोर दे तो 80 लोग और बैठ सकते है , लेकिन कुछ लोग adjust करे तो 40 लोग और बैठ सकते हैं । और 1) gate पे बैठे , 2)खरे खरे या, 3)गमछा, चादर जुगार लोगों को जोर दे तो यही कैपेसिटी 400-500 पहुंचेगी।
But, reserved classes की कैपेसिटी (64-83) होती है।
मैने...
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Let me explain - एक जनरल कोच की capacity approx 100 है(by lower seat no) , अगर इसमें अप्पर बर्थ भी जोर दे तो 80 लोग और बैठ सकते है , लेकिन कुछ लोग adjust करे तो 40 लोग और बैठ सकते हैं । और 1) gate पे बैठे , 2)खरे खरे या, 3)गमछा, चादर जुगार लोगों को जोर दे तो यही कैपेसिटी 400-500 पहुंचेगी।
But, reserved classes की कैपेसिटी (64-83) होती है।
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2 Public Posts - Sat Apr 27, 2024