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Blog Entry# 870687
Posted: Oct 08 2013 (00:08)

2 Responses
Last Response: Oct 08 2013 (08:49)
General Travel
1481 views
2

Oct 08 2013 (00:08)   GKP/Gorakhpur Junction (10 PFs)
 
Ehtram Husain~
Ehtram Husain~   21907 blog posts
Entry# 870687            Tags  
...और बन गया विश्व
का सबसे
लंबा प्लेटफार्म 0 गोरखपुर। स्टेशन की शक्लो-
सूरत बदलने की कोशिश में रेलवे
टीम को पिछले चार महीने में
हर
...
more...
दिन जैसे माहौल से
गुजरना पड़ा।
ऐसी ही मन:स्थिति पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक केके अटल
की भी थी। मन में
यात्रियों और गोरखपुर रेलवे
को कुछ यादगार देने
की चाहत
थी तो बेचैनी काम के बीच ट्रेनों को रोकने व समय
सारिणी बदलकर चलाने की।
ट्रेनों का बदलाव
यात्रियों पर कम से कम असर
डाले, इसके लिए न्यूनतम समय
में यार्ड रीमॉाडलिंग के तहत वो सारा काम
करना था जो मुसाफिरों को बेहतर
सेवाएं दे सके और रेलवे के गैर
जरूरी खर्च बचा सके। मजदूर से
लेकर रेल अफसरों तक हरेक के
चेहरे पर रविवार शाम चमक तब आई जब
समयबद्धता का नारा देने
वाले इस रेल महकमे
को सारा काम समय से
पूरा करने में
कामयाबी मिली। इस चमक को और बढ़ा दिया सफल
ट्रायल ने जिसके बाद
दुनिया के सबसे लंबे प्लेटफॉर्म
से गोरखधाम एक्सप्रेस
की रवानगी ने। काम के
कामयाबी में शुमार होने तक के 11 दिन और रीमॉडलिंग
की प्लानिंग तक के सफर पर
अमर उजाला ने महाप्रबंधक से
खास बातचीत की। पेश हैं
प्रमुख अंश- 0 सवाल : यार्ड रीमॉडलिंग
और आधुनिक तकनीक से ट्रेन
संचालन के लिए गोरखपुर
स्टेशन ही क्यों चुना गया?
जवाब : यहां सिर्फ तीन
प्लेटफार्म ही ऐसे थे जिन पर 20 कोच या इससे अधिक
कोच
वाली गाड़ियों को खड़ा किया जा सकता था।
ऐसे में डोमिनगढ़ और कैंट
छावनी पर
ट्रेनों को खड़ा करना पड़ता था। पुराने सिग्नल सिस्टम के चलते
ट्रेनें समय से चलाने में दिक्कत
होती थी। इन
दिक्कतों को दूर करने के लिए
यार्ड रीमॉडलिंग और
ऑटो पैनल सिस्टम की जरूरत महसूस की गई।
0 सवाल : विश्व का सबसे
लंबा प्लेटफॉर्म गोरखपुर में
बनाने का इरादा कब और कैसे
बना?
जवाब : (हंसते हुए) काम की प्लानिंग के बीच
प्लेटफॉर्म का आकार बढ़ाने
की केलकुलेशन के बीच एक
इंजीनियर को यह ख्याल
आया इस काम से गोरखपुर में
दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म तामीर
हो जाएगा। इसके बाद
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड
रिकॉर्ड में गोरखपुर स्टेशन
का नाम दर्ज कराने के लिए
पत्र लिखा गया है। इस बड़ी उपलब्धि के लिए काम से
जुड़े सभी अधिकारी,
कर्मचारी बधाई के पात्र हैं।
0 सवाल : नई
अवधारणा को अमली जामा पहनाने
में सबसे बड़ी चुनौती क्या लग रही थी?
जवाब : सचमुच, यार्ड
रीमॉडलिंग एक
बड़ी चुनौती थी। जिस काम
को झांसी में करने के दौरान
एक महीने का समय लग गया था, उसे 11 दिन में
ही पूरा करने का लक्ष्य
बनाया गया। ऐसा इसलिए
कि यात्रियों को दिक्कत
कम हो। सभी विभागों के
अधिकारियों ने अपना काम रुचि लेकर किया और परिणाम
सामने है।
0 सवाल : नए काम से
यात्रियों को क्या फायदे
होंगे? रेलवे को क्या लाभ
होगा? जवाब : बहुत सारे
यात्री सफर एक प्लानिंग के
तहत करते हैं। ट्रेन के लेट
हो जाने से उनकी प्लानिंग
बिगड़ जाती है। गोरखपुर से
जुड़ाव रखने वाली ट्रेनों के मामले में अब
ऐसा नहीं होगा। ट्रेनें समय से
चलेंगी। इसके अलावा पीक
सीजन में यात्रियों की भीड़
बढ़ जाती है। बड़े प्लेटफॉर्म न
होने से हम ट्रेन में स्थाई रूप से कोच नहीं बढ़ा पा रहे थे। अब
एक नहीं सात प्लेटफॉर्म पर
24 या इससे अधिक कोच
वाली ट्रेनें
रोकी जा सकेंगी। इस कोच
वृद्धि से रेलवे का राजस्व भी बढ़ेगा। साथ ही मैन
पॉवर के साथ डीजल की बचत
भी होगी। अंदाजा इसी से
लगा सकते हैं कि एक घंटे ट्रेन
खड़ी होने पर 25 लीटर डीजल
खर्च होता है। 0 सवाल :
कितनी ट्रेनों की कोच
संख्या 24 हो सकती है? कब
तक?
जवाब : फिलहाल गोरखधाम
एक्सप्रेस में अगले महीने से 24 कोच लगाने जा रहे हैं। इसके
अलावा लंबी दूरी की एक
दर्जन ट्रेनों में अस्थाई रूप से
अतिरिक्त कोच लगाए
जाएंगे।
0 सवाल : भविष्य में कौन- कौन से काम प्राथमिकता में
हैं?
जवाब : लखनऊ से छपरा के
बीच मार्च 2014 तक डबल
लाइन बिछाना और
सुरक्षा के लिहाज से रेलवे स्टेशन पर इंटीग्रेटेड
सिक्योरिटी सिस्टम
प्रभावी करना प्राथमिकता है।
भाटपाररानी से छपरा तक
रेल दोहरीकरण का कार्य
दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। बाराबंकी से जहांगीराबाद
इस महीने पूरा करने का लक्ष्य

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1048 views
0

Oct 08 2013 (08:18)
~   23691 blog posts
Re# 870687-1              
Integrated security system? what is that?
reference - last question of the interview...
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925 views
0

Oct 08 2013 (08:49)
Ehtram Husain~   21907 blog posts
Re# 870687-3              
Integrated Security System was proposed for 202 important railway stations in the entire railway network. As a mass transport system Indian Railways have some unique features. Around 8,000 million passengers travel annually on Indian Railways and at important stations like Delhi and Mumbai lakhs of footfalls are received on a daily basis. The situation becomes unique and unmanageable during peak hours. Keeping these aspects in view, it was proposed to have a security system, comprising of various features, which helps in multi screening of passengers and their baggage as well as ensures surveillance over passengers. The philosophy was to have different layers of checking/surveillance so that any nefarious activity is immediately noticed and the required action is taken within the ‘golden hour’.
Eg-
...
more...
(1) Internet Protocol Based CCTV System,(2) Access Control,(3) Personal & Baggage Screening
System,(4)Bomb Detection & Disposal System (BDDS)
source-Google

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