हजार हॉर्स पॉवर वाले डब्ल्यूडीपी-4डी के इंजन
के उद्घाटन का। दस दिन तक चले अनुरक्षण कार्य के
बाद मंडल के डीआरएम उमेश सिंह ने बनारस से आए चार
डब्ल्यूडीपी-4डी इंजनों को हरी झंडी दिखाकर रेलवे
को समर्पित किया। संभवत: एक सितंबर से आधुनिक
तकनीक से लैस ये इंजन रेलवे पटरियों पर दौड़ते नजर
आएंगे। फिलहाल शाम को यह इंजन ट्रायल के लिए
काठगोदाम के लिए रवाना हो गए।
उद्घाटन के लिए डीजल शेड में भव्य तैयारियां की गई
थी। साढ़े चार बजे मंडल डीआरएम उमेश सिंह,
एडीआरएम सोमेश कुमार व सीनियर डीएमई/डीजल
(डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर) गौरव सिंह, डीएमई/
डीजलनवीन शर्मा, एडीएमई/डीजल प्रथम
एचपी गौतम, एडीएमई/डीजल द्वितीय अरविंद कुमार
डीजल शेड पहुंचे। भव्य इंतजाम के बीच डीआरएम ने
फीता काटकर उद्घाटन किया और चारों इंजनों के बारे
में विस्तारपूर्वक जानकारी ली।
सीनियर डीएमई गौरव सिंह ने बताया कि उत्तर
प्रदेश में पहली बार इस तरह के इंजन को तैयार
किया गया है। ये यूपी के अलावा दिल्ली, जोधपुर,
तामिलनाडु, सिलीगुड़ी में ही तैयार किए गए हैं।
उन्होंने
बताया कि डब्ल्यूडीएम-3डी इंजनों की अपेक्षाकृत यह
इंजन तकनीक से लैस हैं। बनारस डीजल शेड से आठ इंजन
आने हैं, जिनमें चार आ चुके हैं और साल के अंत तक
बाकी चार इंजन भी यहां पहुंचेंगे। उन्होंने
बताया कि यह काठगोदाम से चलने वाली ट्रेनों में
लगेंगे। लोको पायलट की सुविधा के लिए इंजन में
एसी लगाने पर विचार चल रहा है। उम्मीद है इस तरह
के इंजनों में एसी की व्यवस्था जल्द हो जाएगी।
डीआरएम उमेश सिंह ने डीजल शेड की टीम
को सम्मानित करने के लिए दस हजार रुपये
का पुरस्कार दिया।
यह है खासियत
-दो स्ट्रोक वाला यह इंजन चार लाख किलोमीटर
निर्बाध रूप से चलेगा।
- दोनों तरफ लोको पायलट के बैठने की है व्यवस्था,
कूलिंग के लिए लगाए गए दो पंखे।
-18 साल बाद होगी ओवरहालिंग
-24 कोच वाली ट्रेन को 130 किलोमीटर
प्रति घंटा की रफ्तार से खींच सकता है।
-चौदह करोड़ की लागत लगी तैयार होने में,
एसी मोटर की है व्यवस्था।
-दस व्यक्ति औसतन चार घंटे में कर सकते हैं
इसकी मेंटीनेंस।
-बीस से तीस प्रतिशत तक होगी डीजल की बचत।
-डब्ल्यूडीएम-3डी इंजनों की अपेक्षाकृत पर्यावरण
को कम प्रदूषित करेगा।
पूरी टीम को बधाई जिसने मेहनत कर इंजन
को पटरियों पर दौड़ने के लिए तैयार किया। उम्मीद
है यह इंजन हमारे शेड के लिए बड़ी उपलब्धि होगा।
उमेश सिंह, डीआरएम, इज्जतनगर मंडल
पूरी टीम को बधाई जिनकी मेहनत रंग लाई। आने वाले
दिनों में भी डीजल शेड के इतिहास में इस तरह
की उपलब्धियां जुड़ेंगी।
गौरव सिंह, सीनियर डीएमई/डीजल इज्जतनगर मंडल.
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