अब हर सफर होगा यादगार क्योंकि डिब्बे होंगे शानदार..
हम बात करेंगे भारतीय रेल की। जिसके बारे में भारत सरकार ने काफी गंभीर फैसले किये हैं। हालांकि फैसले और वादों की बातें इतनी बार हो चुकी हैं जिसकी वजह से लोग अब इन बातों पर भरोसा करते हुए थोड़ा हिचकिचाते हैं या फिर यूं कह सकते हैं कि इन वादों पर से लोगों का एतबार उठ चुका है।
लेकिन लोगों को इन बातों पर से भरोसा ना उठे इसके लिए रेल मिनिस्ट्री 9 और 10 अक्टूबर को दिल्ली में एक प्रेस वार्ता करने...
more... जा रही है जिसमें कि फ्रांस, जर्मनी, अमेरिका, चीन समेत कई देशों के डिजाइनर्स और एक्सपर्ट्स शामिल होंगे। इस वार्ता का टॉपिक है इनोवेशन, कम्फर्ट और सेफ्टी, जिसके तहत देश के देश के 62 हजार कोचों को कैसे विश्व स्तरीय सुविधा से लैस किया जाए पर विचार होगा। सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भारत का विश्व का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भारत का है लेकिन आज भी कई जगह यह बदहाली का शिकार है। देश का हर वर्ग ट्रेन में सफर करता है इसलिए इस व्यवस्था को सबसे चुस्त-दुरूस्त होना चाहिए लेकिन अफसोस यह व्यवस्था देश में उपेक्षा और संसाधनों की कमी का शिकार है? इसलिए अब इसे हाईटेक बनाने का प्लान किया जा रहा है क्योंकि अगर रेल के जरिये आवागमन में सरलता होती है तो लोगों को अपने जीवनयापन में दिक्कत नहीं होगी। क्या है इनोवेशन, कम्फर्ट और सेफ्टी? इनोवेशन, कम्फर्ट और सेफ्टी का मतलब ट्रेन और रेलवे को कोचों को हाई-टेक करना है। इसके मुताबिक अब आपको ट्रेन में अगले दो सालों के अंदर निम्नलिखित सुविधाएं मिलेंगी। पारंपरिक डिजाइन वाले टॉयलेट्स की जगह वैक्युम टॉयलेट्स ताकी पानी वेस्ट ना हों। पुराने और पारंपरिक डिजाइन वाले टॉयलेट्स को बायो-टॉयलेट्स से बदला जाएगा। रेल कोच में पीने का ठंडा साफ पानी चाय और कॉफी वेंडिंग मशीनों से मिला करेगी पैंट्री कार में बुफे सिस्टम वाला डाइनिंग लाउंज होगा कोच की नई डिजाइन, सीटें नयी और आरामदायक होंगी। रेल के डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे अपर बर्थ पर चढ़ने के लिए सीढ़ियों को पहले से बेहतर बनाया जायेगा। ट्रेन के डिब्बों का कलर और सजावट साइकोलॉजिक्ल प्वाइंट से तैयार किये जायेंगे। प्रगति का पहला उदाहरण पीआईएस दिल्ली आगरा के बीच जल्दी ही शुरू होने वाली देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन में पैसेंजर इन्फॉर्मेशन सिस्टम लगाया गया है। इसमें ट्रेन अगले स्टेशन पर कब पहुंचेगी, उसका वक्त डिस्प्ले होगा। इस ट्रेन के 17 कोच नॉर्दन रेलवे को सौंप दिए गए हैं। नवंबर-दिसंबर में ट्रायल के बाद ये ट्रेन शुरू हो जाएगी। इसका किराया शताब्दी से भी ज्यादा होगा। कुछ महंगी और लांग रूट वाली गाड़ियों से शुरूआत हालांकि अभी यह सारे नियम महंगी और चुनिंदा ट्रेनों के लिए है लेकिन रेलवे मंत्रालय आम जनता के लिए भी काफी सजग है और वो सीसीटीवी, इंटरनेट जैसी सुविधायें हर डिब्बे पर लागू करेगी। अगर मंत्रालय का प्लान पूरी तरह से क्रियान्वित होता है तो भारतीय रेल के लग्जरी डिब्बों की सूरत कुछ इस तरह से होगी।