यूं तो मनोज सिन्हा संसद में गाजीपुर का तीसरी बार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं लेकिन अबकी बार वह फार्म में हैं। रेल राज्यमंत्री के तौर पर वह रेल की पटरियों पर विकास की गाड़ी को सरपट दौड़ाने की जुगत में लगे हुए हैं। विकास की दृष्टि से गाजीपुर सूबे के पिछड़े जिलों में एक गिना जाता है। उद्योग विहीन इस जिले की अधिकांश आबादी आजीविका के लिए खेती करने के अलावा दूरदराज नौकरी करने जाती है। सांसद मनोज सिन्हा ने रेल राज्यमंत्री बनने के बाद कोई उद्योग तो नहीं लगाया लेकिन किसानों के प्रति फिक्रमंद जरूर दिखे। इलाके में पैदा होने वाले सब्जियों को बरबादी से बचाने और उसके विपणन के लिए गाजीपुर घाट स्टेशन पर रेलवे के सब्जी भंडारण गृह के निर्माण की शुरुआत कराई। वह हफ्ते-दो हफ्ते में अपने क्षेत्र में भी आते हैं।
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more... उन्होंने ताड़ीघाट-मऊ रेल मार्ग, गंगा पर डबल डेकर पुल की 1045 करोड़ की महत्वाकांक्षी योजना को स्वीकृति दिलाई। इसके अलावा जोनल रेल प्रशिक्षण संस्थान, गाजीपुर रेलवे स्टेशन पर वाशिंग पिट का निर्माण कराया। गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन से आनंद बिहार (दिल्ली) राजा सुहेलदेव एक्सप्रेस का संचालन शुरू कराया। जिले के रेलवे स्टेशनों में बुनियादी यात्री सुविधाओं का विकास भी हो रहा है। इसके अलावा उनके प्रयास से सैदपुर से मरदह और ताड़ीघाट-बारा को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा प्राप्त हुआ।
उनका कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 29 को फोर लेन कराने के सिवाय जनता से कोई और वादा नहीं किया था। अगला चुनाव विकास के बूते पर लड़ेंगे। उनका दावा है कि आजादी के बाद किसी ने गाजीपुर का उतना विकास नहीं किया, जितना उन्होेंने किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से चुनाव जीतने के बाद पूर्वांचल की तकदीर खुल गई है और उसका असर गाजीपुर में भी दिख रहा है।
मनोज सिन्हा ने जखनिया तहसील के दुल्लहपुर गांव को आदर्श ग्राम बनाने के लिए गोद लिया था। वहां अपनी सांसद निधि से 77 सोलर लाइट्स उन्होंने लगवाईं, तीन गलियां बनवाईं और रेलवे स्टेशन पर कुछ काम कराया। दुल्लहपुर पहले से विकसित गांव था। वहां उन्होंने शुद्ध जल के आरओ प्लांट लगवाया लेकिन उससे और भी दूषित पानी लोगों को मिल रहा है। यहां के ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ने का ज्यादा काम नहीं हुआ। यही कारण है कि सांसद दूसरे साल अभी किसी गांव को गोद नहीं लिया है। उनके प्रतिनिधियों का कहना है कि तीन गांवों का प्रस्ताव भेजा गया है और अनुमति मिलते ही काम शुरू करा दिया जाएगा।