बिलासपुर। रेलवे बोर्ड ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 19 रेलवे स्टेशनों को अपग्रेड किया है। अंबिकापुर, अकलतरा, पेंड्रारोड व उमरिया स्टेशनों को डी से बढ़ाकर बी क्लास दिया गया है। बालोद, भिलाई, कुम्हारी, राजिम, जयरामनगर जैसे ई क्लास वाले 11 रेलवे स्टेशनों को डी क्लास में अपग्रेड किया गया है। चार स्टेशन ऐसे भी हैं, जिन्हें पहली बार श्रेणी (ई) मिली है। इन स्टेशनों को आय के आधार पर दर्जा मिला है और अपग्रेडेशन का सीधा असर यह होगा कि यहां सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
भारतीय रेल ने मेट्रो रेल सहित देश के 17 जोनों के 8495 रेलवे स्टेशनों को आय के आधार पर ए-1 से एफ तक का ग्रेड दिया है। जो स्टेशन किसी ग्रेड में नहीं थे, उन्हें आय के...
more... आधार पर एफ ग्रेड में शामिल कर लिया गया वहीं आय में खासी बढ़ोतरी हासिल करने वालों को ए-1 तक के ग्रेड मिल गए। देशभर में अपग्रेड होने वाले रेलवे स्टेशनों की संख्या सैकड़ों में है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 19 स्टेशन ऐसे हैं, जिन्हें आय बढऩे के कारण प्रमोशन मिला है तो तीन स्टेशनों का आय कम होने के कारण डिमोशन भी हुआ है। बिलासपुर डिवीजन के 8 और रायपुर डिवीजन के 9 रेलवे स्टेशनों को लाभ मिला है। नागपुर डिवीजन के दो छोटे स्टेशनों को सबसे नीचे यानी एफ ग्रेड में शामिल किया गया है।
रेलवे बोर्ड ने स्टेशनों में यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ग्रेडिंग सिस्टम लागू किया है। आय के आधार पर ग्रेड मिलेगा और उसी आधार पर सुविधाएं भी मिलेंगी। इसे डिवीजन के स्टेशनों की स्थिति से समझें तो अंबिकापुर, अकलतरा रेलवे स्टेशन कल तक डी क्लास के स्टेशन थे, जिन्हें बी क्लास में अपग्रेड किया गया है। डी क्लास होने के कारण इन स्टेशनों के प्लेटफार्म में 50 यात्रियों के बैठने की जगह होती थी। बी क्लास होने से यहां 100 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी।
स्टेशन के मुख्य प्लेटफार्म में एक वाटर कूलर लगाने की अनुमति थी, अब इन स्टेशनों के सभी प्लेटफार्म में दो-दो वाटर कूलर होंगे। इसी तरह पानी के लिए वाटर टेब (नल) की संख्या 8 के बजाय 20 होगी। वेटिंग हाल का एरिया 50 स्क्वायर मीटर के बजाय 75 स्क्वायर मीटर होगा। इसी तरह प्लेटफार्म पर शेड लगाने का दायरा 50 स्क्वायर मीटर से बढ़कर 200 स्क्वायर मीटर हो जाएगा। ऐसी ही अन्य दर्जनों सुविधाएं हैं, जिनका ग्रेड बढऩे के कारण विस्तार होगा।
इनका डिमोशन
डिमोशन पाने वाले तीन रेलवे स्टेशन नागपुर डिवीजन के ही हैं। कामठी बी क्लास का स्टेशन था, जिसे इस सर्वे में डी क्लास मिला है। इसी तरह सालेकसा और सोनदाद रेलवे स्टेशन डी से खिसककर ई क्लास में पहुंच गए।
अगला सर्वे वर्ष 2016-17 में
रेलवे बोर्ड देश के हरेक रेलवे स्टेशन के आय की समीक्षा 5 साल में करता है। यही समीक्षा वर्ष 2011-12 में शुरू हुई, जिसके नतीजे वर्ष 2013 में आए हैं। इसके बाद अगला सर्वे वर्ष 2016-17 में होगा। जाहिर है कि रेलवे स्टेशनों को और ज्यादा सुविधाएं चाहिए तो उन्हें आने वाले सालों में और ज्यादा आय हासिल करनी होगी।
अपग्रेडेशन का आधार
ए-1 क्लास उसी रेलवे स्टेशन को मिलेगा, जिसकी सालाना आय 60 करोड़ या अधिक है।
ए क्लास के लिए सालाना 8 करोड़ रुपए या इससे अधिक की आय जरूरी है।
बी क्लास में ऐसे स्टेशन शामिल हैं, जिनकी वार्षिक आय 4 से 8 करोड़ रुपए है या फिर वे जंक्शन और टूरिस्ट प्लेस वाले स्टेशन हैं।
सी क्लास के स्टेशन सबअर्बन में होते हैं, लिहाजा जोन में एक भी स्टेशन नहीं हैं।
डी क्लास के लिए वार्षिक आय 60 लाख से 4 करोड़ रुपए होनी चाहिए।
ई क्लास में 60 लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले स्टेशनों को रखा गया है।
एफ क्लास में आय की बाध्यता नहीं है, यानी हर छोटे स्टेशन को इसमें शामिल किया जाता है।
॥आय के आधार पर जोन 19 रेलवे स्टेशनों को अपग्रेड किया गया है। इन स्टेशनों को उनके ग्रेड के हिसाब से सुविधायुक्त बनाने की तैयारी है। अपग्रेड होने का लाभ आम यात्रियों को ही मिलेगा। आय कम होने से स्टेशन का ग्रेड पहले ही कम हो गया है, लेकिन यहां सुविधाएं पहले की तरह रहेंगी।
आरके अग्रवाल, सीपीआरओ, एसईसीआर