भारतीय रेल भारत में सरकार द्वारा नियंत्रित और संचालित की जाने वाली रेल कंपनी है। इससे संबंधित सभी निर्णय भारत सरकार का रेल मंत्रालय लेता है। भारतीय रेल के देशभर में 6, 853 स्टेशन हैं। भारत में रेलगाड़ी को आम आदमी की सवारी कहते हैं। वर्तमान में भारतीय रेल का रेलपथ बड़ी लाइन, मीटर लाइन और छोटी लाइन को मिलाकर 108, 706 किमी लंबा है। इसके अलावा भारत में रेलवे का जाल 63, 028 किमी में फैला हुआ है। भारतीय रेल नेटवर्क अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा सबसे...
more... बड़ा रेल नेटवर्क है। भारतीय उपमहाद्वीप में पहली रेलगाड़ी बंबई से थाणे के बीच चली थी। इसने 21 मील की दूरी तय की थी। थाणे को बंबई से जोड़ने का विचार सबसे पहले बंबई गवर्नमेंट के चीफ इंजीनियर जॉर्ज क्लार्क ने दिया था। उन्हें यह विचार 1843 में अपनी भांडूप यात्रा के दौरान सूझा था।
15 वर्षो तक किए प्रयोग
सभी जानते हैं कि भारत में पहली यात्री ट्रेन बंबई के बोरीबंदर से थाणे के बीच 16 अप्रैल 1853 को चलाई गई थी। 400 यात्रियों के साथ 14 सवारी डिब्बों वाली रेलगाड़ी शाम 3.30 बजे 21 तोपों की सलामी के बाद बोरीबंदर से रवाना हुई। इस ट्रेन ने 34 किलोमीटर की अपनी यात्रा तीन इंजनों साहिब, सिंध और सुल्तान की मदद से पूरी की थी।
मगर, क्या आप जानते हैं कि भारत में ट्रेन सिस्टम की योजना सबसे पहले 1832 में बनी थी। भारतीय उप महाद्वीप में पहली प्रायोगिक रेल लाइन मद्रास प्रेसीडेंसी (वर्तमान में चेन्नई) के चिंताद्रिपेट पुल के पास 1836 में डाली गई थी। 1837 में 3.5 मील लंबी रेल लाइन सेंट थॉमस पहाड़ी के पास रेड हिल्स से स्टोन क्वारिस के बीच बिछाई गई थी। 1844 में भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड हार्डिग ने निजी उद्यमियों को भारत में रेल नेटवर्क स्थापित करने की अनुमति दी।
विदेशों के साथ भी टाई-अप
भारतीय रेलवे अपने सिस्टम में अधुनिक सुविधाएं लाने के लिए विदेशों के साथ संपर्क कर रहा है। इस दिशा में विएना में आयोजित इंडो-आस्ट्रिया ज्वाइंट इकोनॉमिक कमीशन के आठवें सत्र के दौरान एक समझौते पर साइन किए गए हैं। इससे भारतीय और आस्ट्रियन रेलवे के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर के लेन-देन संबंधी आपसी लाभ के लंबे समन्वय संबंध और गहरे होंगे। भोपाल की तीन गाड़ियों इंटरसिटी जबलपुर, जनशताब्दी और शान-ए-भोपाल में जीपीएस बेस्ड इंफॉर्मेशन एंड एन्टरटेनमेंट सुविधा शुरू होने वाली है। इसके लिए टेंडर कॉल किए जा रहे हैं।
सुरक्षा के लिए 17 हजार करोड़
रेलवे के ऊपर प्रतिदिन यात्रा करने वाले 13 मिलियन यात्रियों की सुरक्षा सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। रेलवे ने इसके लिए कई बड़े प्रयास किए हैं। इसी के तहत रेलवे ने अगले 6 सालों में रेलवे की पुरानी हो गई परिसंपत्तियों के बदलाव के लिए 17 हजार करोड़ की विशेष सुरक्षा निधि का गठन किया है। अनेक डिस्ट्रेस्ड पुलों, पुराने रेलवे ट्रैक, सिग्नलिंग सिस्टम और अन्य सुरक्षा उपकरणों को इस अवधि के दौरान बदला जाएगा। वैसे वर्तमान में रेल यात्रियों की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) की साझा रूप से है। गाड़ियों में यात्रा करते समय और रेल परिसरों के भीतर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेल सुरक्षा बल को अधिक शक्तियां प्रदत्त करने के उद्देश्य से रेलवे अधिनियम में संशोधन के प्रयास किए जा रहे हैं। महिला यात्रियों की सुरक्षा और सहायता के लिए महिला पुलिस बल तैनात किए गए हैं।
रोज चलती हैं 11 हजार गाड़ियां
भारत में आम जनता सबसे अधिक सफर रेल से करती है। यही कारण है कि भारत में प्रतिदिन 11000 गाड़ियां चलाई जाती हैं, जिनमें 7000 यात्री गाड़ियां हैं। माल की ढुलाई करने के लिए भी रेलवे एक प्रमुख साधन है। इसके अलावा प्रशासन के कामों को और बेहतर बनाने, चालू परियोजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए, यात्रियों को अधिक सुविधा देने आदि के उद्देश्य से भारतीय रेलवे ने वर्तमान जोनों में क्षेत्रीय स्तर पर रि-एडजस्टमेंट करते हुए सात नए जोन बनाने का निश्चिय किया है। दो नए जोन पहले ही काम करना शुरू कर चुके हैं।