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Blog Entry# 4683684
Posted: Aug 08 2020 (19:22)
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Last Response: Aug 08 2020 (19:23)
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मिशन मोड पर काम करते हुए रेलवे ने कोविड-19 संबंधी चुनौतियां के बावजूद पिछले वर्ष की तुलना में अधिक माल की ढुलाई की
मिशन मोड पर काम करते हुए भारतीय रेलवे ने कोविड-19 संबंधी चुनौतियां के बावजूद, पिछले वर्ष की तुलना में माल ढुलाई को आगे बढ़ाते हुए एक उपलब्धि हासिल की है। 27 जुलाई 2020 को माल लदान 3.13 मीट्रिक टन...
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मिशन मोड पर काम करते हुए रेलवे ने कोविड-19 संबंधी चुनौतियां के बावजूद पिछले वर्ष की तुलना में अधिक माल की ढुलाई की
मिशन मोड पर काम करते हुए भारतीय रेलवे ने कोविड-19 संबंधी चुनौतियां के बावजूद, पिछले वर्ष की तुलना में माल ढुलाई को आगे बढ़ाते हुए एक उपलब्धि हासिल की है। 27 जुलाई 2020 को माल लदान 3.13 मीट्रिक टन...
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था जो कि पिछले वर्ष इसी तिथि की तुलना में ज्यादा है। इस अवधि के दौरान रेलवे द्वारा लगभग 200 आधारभूत संरचनाओं के निर्माण का काम पूरा किया गया है। 27 जुलाई 2020 को मालगाड़ियों की औसत गति 46.16 किमी प्रति घंटे मापी गई, जो कि पिछले वर्ष इसी तिथि की तुलना में (22.52 किमी प्रति घंटा) दोगुनी है। इस वर्ष जुलाई माह में, मालगाड़ियों की औसत गति 45.03 किमी प्रति घंटा रही है जो कि पिछले वर्ष इस माह (23.22 किमी प्रति घंटा) की तुलना में लगभग दोगुनी है। 27 जुलाई, 2020 को, कुल माल लदान 3.13 मिलियन टन रहा, जो पिछले वर्ष इसी तिथि की तुलना में ज्यादा है। 27 जुलाई 2020 को, भारतीय रेलवे की माल ढुलाई से भरे हुए कुल 1039 रेकों में से, खाद्यान्न के 76 रेक, उर्वरक के 67 रेक, इस्पात के 49 रेक, सीमेंट के 113 रेक, लौह अयस्क के 113 रेक और कोयले के 363 रेक शामिल रहे।
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बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप ने कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों का पता लगाने और जोखिम मूल्यांकन के लिए मोबाइल ऐप तैयार किया
कोविड-19 महामारी ने सामूहिक परीक्षण को एक चुनौती बना दिया है। इसका सबसे अच्छा तरीका बीमारी की प्रारंभिक पहचान और संक्रमित आबादी के जोखिम मूल्यांकन का मूल्यांकन कर लिया जाए। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की एक पहल सेंटर फॉर ऑगमेंटिंग वॉर विद कोविड-19 हेल्थ क्राइसिस (सीएडब्ल्यूएसीएच) ने बेंगलुरु के स्टार्टअप एक्युली लैब्स को चुना है जिसने एक कोविड जोखिम मूल्यांकन प्रोफाइल को विकसित किया है जिसे लाइफस कोविड स्कोर कहा जाता है, इस स्कोर में एक नैदानिक-ग्रेडिंग, गैर-इनवेसिव, स्क्रीनिंग के लिए डिजिटल फंक्शनल बायोमार्कर स्मार्टफोन टूल, शुरुआती स्तर पर पता लगाना, मूल कारण विश्लेषण, तीव्र घटना जोखिम मूल्यांकन, रोग-निदान और पुरानी बीमारियों की घर पर निगरानी शामिल है।
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कोविड महामारी के दौरान सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनके नियमित पेंशन भुगतान आदेश जारी होने तक “अस्थायी” पेंशन मिलेगीः डॉ. जितेन्द्र सिंह
कोविड महामारी के दौरान सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनके नियमित पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) जारी होने और अन्य आधिकारिक औपचारिकताओं के पूरा होने तक “अस्थायी” पेंशन प्राप्त होगी। पेंशन विभाग द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार “अस्थायी पेंशन” का भुगतान शुरू में सेवानिवृत्ति की तारीख से छह महीने की अवधि के लिए जारी रहेगा, आसाधरण मामलों में “अस्थायी पेंशन” की अवधि को एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि महामारी और लॉकडाउन की बाधाओं के कारण यह निर्णय लिया गया है क्योंकि एक सरकारी कर्मचारी को अपना पेंशन प्रपत्र कार्यालय के प्रमुख को प्रस्तुत करने में कठिनाई हो सकती है या समय-समय पर संबंधित वेतन और लेखा कार्यालय को सेवा पुस्तिका के साथ हार्ड कॉपी में क्लेम फॉर्म को अग्रेषित करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, खासकर जब दोनों कार्यालय अलग-अलग शहरों में स्थित हों।
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श्री राम विलास पासवान ने बीआईएस मोबाइल ऐप ‘बीआईएस-केयर’ एवं ई-बीआईएस के मानकीकरण, अनुरूपता आकलन तथा प्रशिक्षण पोर्टल को लॉन्च किया
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री राम विलास पासवान ने कल उपभोक्ताओं के लिए भारतीय मानक ब्यूरो का मोबाइल ऐप ‘बीआईएस-केयर’और ई-बीआईएस के तीन पोर्टलों- मानकीकरण, अनुरूपता आकलन तथा प्रशिक्षण को लॉन्च किया। इस ऐप को हिन्दी तथा अंग्रेजी में चलाया जा सकता है तथा इसे गूगल प्ले स्टोर से मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं। उपभोक्ता इस ऐप का उपयोग करके आईएसआई चिन्हित एवं हॉलमार्क्ड उत्पादों की प्रमाणिकता की जांच कर सकते हैं और अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाये हैं। मंत्री ने यह जानकारी भी दी कि बीआईएस उपभोक्ता भागीदारी पर एक पोर्टल विकसित कर रही है जो उपभोक्ता समूहों के ऑनलाइन पंजीकरण, प्रस्तावों को प्रस्तुत करने और उसके बाद अनुमोदन तथा शिकायत प्रबंधन को सुगम बनायेगा। श्री पासवान ने एमएसएमई की सहायता की आवश्यकता को भी दोहराया और कोविड-19 के साथ तालमेल बिठाने के लिए एमएसएमई को दी जा रही रियायतों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि न केवल न्यूनतम मार्किंग शुल्क में 40 प्रतिशत की कमी की गई बल्कि उन्हें दो किस्तों में शुल्क जमा करने का विकल्प भी दिया गया। वर्तमान कोविड-19 महामारी के दौरान, बीआईएस ने कवर-ऑल एवं वेंटिलेटरों के लिए कोविड मानक भी विकसित किया तथा एन95 मास्क, सर्जिकल मास्क एवं आई प्रोटेक्टर के लिए लाइसेंस की मंजूरी के लिए नियम जारी किए।
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औद्योगिक मंजूरी और अनुमोदन के लिए जल्द ही एकल खिड़की प्रणाली स्थापित की जाएगी
सरकार जल्द ही देश में उद्योगों की मंजूरी और स्वीकृति के लिए एक एकल खिड़की प्रणाली स्थापित करने जा रही है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह एक वास्तविक एकल खिड़की प्रणाली होगी और इसके तहत सभी संबंधित राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों को बोर्ड में लिया जा रहा है। मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार एक भूमि बैंक बनाने पर काम कर रही है, जिसके लिए छह राज्यों ने पहले ही अपनी सहमति दे दी है। उन्होंने कहा कि संभावित निवेशकों को तब तक अपने कार्यालयों द्वारा भूमि बैंकों का पता लगाने और उनकी पहचान करने में सक्षम होंगे, और अक्सर भूमि स्वामित्व एजेंसियों के कार्यालयों का दौरा किए बिना, उद्योगों के स्थान को अंतिम रूप भी दे देंगे। श्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने सही तरीके से लोगों के जीवन पर ध्यान केंद्रित किया और विश्व के सबसे सख्त लॉकडाउन (पूर्णबंदी) में से एक को लागू किया। यह लंबे समय में कोरोना महामारी के बेहतर प्रबंधन में महत्वपूर्ण साबित होगा। अब देश आजीविका के साथ-साथ लोगों के जीवन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और हम अनलॉक चरण में हैं। आर्थिक गतिविधि पहले से ही सम्मानजनक स्तर पर पहुंच गई है, जैसा कि यह कई संकेतकों में देखा जा सकता है। भारत ने लॉकडाउन (पूर्णबंदी) के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को विकसित करने में सक्षम हुआ है, जिसके कारण बड़ी संख्या में पीपीई किट और वेंटिलेटर के स्वदेशी उत्पादन में आत्मनिर्भरता देखी जा सकती है, और इसके ही परिणामस्वरूप आज इतनी बड़ी संख्या में रोजाना कोविड परीक्षण किए जा रहे हैं।
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बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप ने कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों का पता लगाने और जोखिम मूल्यांकन के लिए मोबाइल ऐप तैयार किया
कोविड-19 महामारी ने सामूहिक परीक्षण को एक चुनौती बना दिया है। इसका सबसे अच्छा तरीका बीमारी की प्रारंभिक पहचान और संक्रमित आबादी के जोखिम मूल्यांकन का मूल्यांकन कर लिया जाए। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की एक पहल सेंटर फॉर ऑगमेंटिंग वॉर विद कोविड-19 हेल्थ क्राइसिस (सीएडब्ल्यूएसीएच) ने बेंगलुरु के स्टार्टअप एक्युली लैब्स को चुना है जिसने एक कोविड जोखिम मूल्यांकन प्रोफाइल को विकसित किया है जिसे लाइफस कोविड स्कोर कहा जाता है, इस स्कोर में एक नैदानिक-ग्रेडिंग, गैर-इनवेसिव, स्क्रीनिंग के लिए डिजिटल फंक्शनल बायोमार्कर स्मार्टफोन टूल, शुरुआती स्तर पर पता लगाना, मूल कारण विश्लेषण, तीव्र घटना जोखिम मूल्यांकन, रोग-निदान और पुरानी बीमारियों की घर पर निगरानी शामिल है।
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कोविड महामारी के दौरान सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनके नियमित पेंशन भुगतान आदेश जारी होने तक “अस्थायी” पेंशन मिलेगीः डॉ. जितेन्द्र सिंह
कोविड महामारी के दौरान सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनके नियमित पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) जारी होने और अन्य आधिकारिक औपचारिकताओं के पूरा होने तक “अस्थायी” पेंशन प्राप्त होगी। पेंशन विभाग द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार “अस्थायी पेंशन” का भुगतान शुरू में सेवानिवृत्ति की तारीख से छह महीने की अवधि के लिए जारी रहेगा, आसाधरण मामलों में “अस्थायी पेंशन” की अवधि को एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि महामारी और लॉकडाउन की बाधाओं के कारण यह निर्णय लिया गया है क्योंकि एक सरकारी कर्मचारी को अपना पेंशन प्रपत्र कार्यालय के प्रमुख को प्रस्तुत करने में कठिनाई हो सकती है या समय-समय पर संबंधित वेतन और लेखा कार्यालय को सेवा पुस्तिका के साथ हार्ड कॉपी में क्लेम फॉर्म को अग्रेषित करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, खासकर जब दोनों कार्यालय अलग-अलग शहरों में स्थित हों।
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श्री राम विलास पासवान ने बीआईएस मोबाइल ऐप ‘बीआईएस-केयर’ एवं ई-बीआईएस के मानकीकरण, अनुरूपता आकलन तथा प्रशिक्षण पोर्टल को लॉन्च किया
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री राम विलास पासवान ने कल उपभोक्ताओं के लिए भारतीय मानक ब्यूरो का मोबाइल ऐप ‘बीआईएस-केयर’और ई-बीआईएस के तीन पोर्टलों- मानकीकरण, अनुरूपता आकलन तथा प्रशिक्षण को लॉन्च किया। इस ऐप को हिन्दी तथा अंग्रेजी में चलाया जा सकता है तथा इसे गूगल प्ले स्टोर से मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं। उपभोक्ता इस ऐप का उपयोग करके आईएसआई चिन्हित एवं हॉलमार्क्ड उत्पादों की प्रमाणिकता की जांच कर सकते हैं और अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाये हैं। मंत्री ने यह जानकारी भी दी कि बीआईएस उपभोक्ता भागीदारी पर एक पोर्टल विकसित कर रही है जो उपभोक्ता समूहों के ऑनलाइन पंजीकरण, प्रस्तावों को प्रस्तुत करने और उसके बाद अनुमोदन तथा शिकायत प्रबंधन को सुगम बनायेगा। श्री पासवान ने एमएसएमई की सहायता की आवश्यकता को भी दोहराया और कोविड-19 के साथ तालमेल बिठाने के लिए एमएसएमई को दी जा रही रियायतों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि न केवल न्यूनतम मार्किंग शुल्क में 40 प्रतिशत की कमी की गई बल्कि उन्हें दो किस्तों में शुल्क जमा करने का विकल्प भी दिया गया। वर्तमान कोविड-19 महामारी के दौरान, बीआईएस ने कवर-ऑल एवं वेंटिलेटरों के लिए कोविड मानक भी विकसित किया तथा एन95 मास्क, सर्जिकल मास्क एवं आई प्रोटेक्टर के लिए लाइसेंस की मंजूरी के लिए नियम जारी किए।
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औद्योगिक मंजूरी और अनुमोदन के लिए जल्द ही एकल खिड़की प्रणाली स्थापित की जाएगी
सरकार जल्द ही देश में उद्योगों की मंजूरी और स्वीकृति के लिए एक एकल खिड़की प्रणाली स्थापित करने जा रही है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह एक वास्तविक एकल खिड़की प्रणाली होगी और इसके तहत सभी संबंधित राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों को बोर्ड में लिया जा रहा है। मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार एक भूमि बैंक बनाने पर काम कर रही है, जिसके लिए छह राज्यों ने पहले ही अपनी सहमति दे दी है। उन्होंने कहा कि संभावित निवेशकों को तब तक अपने कार्यालयों द्वारा भूमि बैंकों का पता लगाने और उनकी पहचान करने में सक्षम होंगे, और अक्सर भूमि स्वामित्व एजेंसियों के कार्यालयों का दौरा किए बिना, उद्योगों के स्थान को अंतिम रूप भी दे देंगे। श्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने सही तरीके से लोगों के जीवन पर ध्यान केंद्रित किया और विश्व के सबसे सख्त लॉकडाउन (पूर्णबंदी) में से एक को लागू किया। यह लंबे समय में कोरोना महामारी के बेहतर प्रबंधन में महत्वपूर्ण साबित होगा। अब देश आजीविका के साथ-साथ लोगों के जीवन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और हम अनलॉक चरण में हैं। आर्थिक गतिविधि पहले से ही सम्मानजनक स्तर पर पहुंच गई है, जैसा कि यह कई संकेतकों में देखा जा सकता है। भारत ने लॉकडाउन (पूर्णबंदी) के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को विकसित करने में सक्षम हुआ है, जिसके कारण बड़ी संख्या में पीपीई किट और वेंटिलेटर के स्वदेशी उत्पादन में आत्मनिर्भरता देखी जा सकती है, और इसके ही परिणामस्वरूप आज इतनी बड़ी संख्या में रोजाना कोविड परीक्षण किए जा रहे हैं।
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