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Blog Entry# 1975335
Posted: Aug 29 2016 (10:30)
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Last Response: Aug 29 2016 (11:16)
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मैसूर रेल म्यूजियम की तस्वीरें सुनहरे इतिहास की याद ताजा करती हैं। DARBHANGA में नरगौना पैलेस का रेलवे टर्मिनल किसी महल का अपना अनोखा रेलवे स्टेशन था, जहाँ महलो तक ट्रेनों का परिचालन होता था। दरभंगा की दो शाही ट्रेनों भी था। एक मीटर गेज के लिए जो की नरगौना पैलेस मे होती थी, दूसरी ब्रॉड गेज के लिए जो बरौनी में लगी होती थी। दरभंगा तो मैसूर जैसा रेल म्यूजियम तो नही बना सकी, इतिहास की रक्षा भी ना हो सकी। जहाँ दरभंगा में रखे पैलेस ऑन व्हील को कबाड़ी को बेच दिया गया, वही बरौनी में रखे पैलेस ऑन व्हील को आग के हवाले कर दिया गया। और इस तरह एक शानदार इतिहास को रेलवे और कुछ लोगों ने अपनी लपारवाही और से स्वार्थ से मिटा डाला।
4 Public Posts - Mon Aug 29, 2016
मुजफ्फरपुर में श्यामा मंदिर, कोलकता विश्वविद्यालय का दरभंगा हॉउस, रांची का दरभंगा हॉउस(सीसीएल मुख्यालय), दिल्ली का दरभंगा हॉउस, वीएचयू मे उसके निर्माण के वक्त ५० लाख की दान, दरभंगा मेडिकल कॉलेज निर्माण मे भूमिका, लंगट सिंह कॉलेज निर्माण में भूमिका, तिरहुत रेलवे के विस्तार मे भूमिका। बहुत सारे काम दरभंगा राज परिवार के नाम हैं। आज दरभंगा मे दो दो विश्वविद्यालय राज परिवार द्वारा दान किये गये महलों मे चलाया जा रही हैं। रेलवे का सुनहरे इतिहास के साथ सब कुछ मिटा दिया गया।
1 Public Posts - Mon Aug 29, 2016