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Blog Entry# 2363512
Posted: Jul 26 2017 (22:17)
20 Responses
Last Response: Jul 30 2017 (16:14)
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मुझे एक बात समझ नही आ रही आखिर गाजीपुर को ट्रेन मिल रही हैं तो लोगो को किस बात की चूल मची हुयी है. आखिर कौन सी समस्या है गाजीपुरवासियो से और मनोज सिन्हा से कुछ को. 2003 मे शिवगंगा चली बनारस से, गरीब रथ चली, आनंद विहार -मऊ चली, कैफियत चली, महामना चली, मंडुआडीह भी चल गयी तब किसी को चूल नही मची की इन ट्रेन को गाजीपुर या छपरा बलिया से चलाया जाय. मै देख रहा हूँ 14 अप्रैल 2016 जबसे सुहैलदेव चलना शुरू हुयी हैं सारे बौखला गये हैं.
मै मानता हूं कि गाजीपुर बी श्रेणी का स्टेशन है पर अरे चूल वालो जब तक किसी स्टेशन पर ट्रेन नही बढेगी, तब तक सवारिया और इनकम...
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मै मानता हूं कि गाजीपुर बी श्रेणी का स्टेशन है पर अरे चूल वालो जब तक किसी स्टेशन पर ट्रेन नही बढेगी, तब तक सवारिया और इनकम...
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4 Public Posts - Wed Jul 26, 2017
6 Public Posts - Fri Jul 28, 2017
5 Public Posts - Sat Jul 29, 2017
गाज़ीपुर अगर रेलवे को पर्याप्त राजस्व देने में असमर्थ है तो ऐसे सफ़ेद हाथी को चारा देने का क्या औचित्य है?
इस बात का विस्मरण न करें कि यह छेत्रवाद का वय्य हमारी ही जेब से जाता है।
यदि गाज़ीपुर B से A भी बन जाता तो यह सबकुछ सार्थक हो जाता।
प्रगति को छेत्रवाद का चोला पहनाना हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है।
इस बात का विस्मरण न करें कि यह छेत्रवाद का वय्य हमारी ही जेब से जाता है।
यदि गाज़ीपुर B से A भी बन जाता तो यह सबकुछ सार्थक हो जाता।
प्रगति को छेत्रवाद का चोला पहनाना हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है।
4 Public Posts - Sun Jul 30, 2017