==-सेटेलाइट की ओर बढ़ा मंडुआडीह==Manduadih Satellite station development work==
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-1 extra pitline,5 additional platforms,New entry gate..work progressing at good pace.
’>>आधुनिक व्यवस्था संग हो रहा नई वाशिंग पिट का निर्माण
’>>स्वचालित सीढ़ी व पार्क...
more... की सुविधाएं की जा रहीं विकसित
जागरण संवाददाता, वाराणसी : मंडुआडीह स्टेशन को सेटेलाइट स्टेशन बनाने के क्रम में रेलवे नई सुविधाएं विकसित कर रहा है। गाड़ियों के परिचालन के साथ ट्रेनों में साफ-सफाई के लिए विशेष ध्यान दिए जाने को रेलवे प्राथमिकता दे रहा है। पहले से मौजूद तीन वाशिग पिट के अलावा एक और वाशिग पिट का निर्माण भी प्रारंभ हो गया है।
बताते हैं कि एक ट्रेन की साफ सफाई में करीब पांच से छह घंटे का वक्त लगता है। इसी वजह से वाशिग पिट की संख्या बढ़ाई जा रही है। करीब दो माह में इस नए वाशिग पिट का निर्माण कर लिया जाएगा। तमाम सुविधाओं से लैस मंडुआडीह स्टेशन के मुख्य पूर्वी द्वार की तरह ही पश्चिमी द्वार को भी आकर्षक बनाया जा रहा है। वहां पर बड़ा पार्किंग, एक्सलेटर, टिकट काउंटर, पार्क की सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। ट्रेनों के विलंबित होने का कारण बनता है प्लेटफॉर्म खाली न होना। इस कारण आउटर पर ही गाड़ी खड़ी कर दी जाती है और प्लेटफार्म के खाली होने का इंतजार किया जाता है। इस समस्या से निजात के लिए मंडुआडीह स्टेशन पर मौजूद तीन प्लेटफार्म के अलावा पाँच नए प्लेटफार्म का निर्माण किया जा रहा है। इससे स्टेशन पर प्लेटफार्मो की संख्या आठ हो जाएगी। स्पष्ट कर दें कि मंडुआडीह व सिटी स्टेशन को सेटेलाइट स्टेशन बनाया जा रहा है जिसके तहत कैंट स्टेशन पर ट्रेनों के अतिरिक्त दबाव को कम किया जा सकेगा। इसके लिए दिल्ली व मुंबई आदि रूट से आने वाली ट्रेनों को मंडुआडीह व कोलकता, असम, बिहार आदि के लिए जाने वाली ट्रेनों को सिटी स्टेशन पर रोकने की तैयारी है।
--लोहता प्रखंड जुड़ेगा मंडुआडीह से--
नार्दन रेलवे (लोहता) को मंडुआडीह से जोड़ दिया जाएगा। इसके लिए रेलवे ब्लू प्रिंट तैयार कर रहा है। ऐसा होने से कुल चौबीस जोड़ी ट्रेनें मंडुआडीह स्टेशन से संचालित होने लगेंगी। इससे मुख्य स्टेशन कैंट पर ट्रेनों का दवाब कम होगा।