मेरी मथुरा ट्रिप, मथुरा से सिंगरौली (वाया बीना,कटनी मुड़वारा)
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यात्रा दिनांक-19 अगस्त 2017
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भाग क्रमांक-१/blog/post/2789248
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more... भाग क्रमांक-२
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भाग क्रमांक-३ मथुरा से सिंगरौली तक का सफर कटनी मुड़वारा होके २२८६८ दुर्ग हमसफ़र व ११४४७ शक्तिपुंज में
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भाग क्रमांक-४
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ये भाग धर्मेश सोनी भाई एवं वरुण भाई के लिए समर्पित
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हमसब अच्छे से जन्माष्टमी मना लिए इतना अच्छा लगा पहली बार देख के की दिल खुश हो गया।कुछ दिन हो गए हमे वहा रुके हुए लेकिन वहा इतना अच्छा लग रहा था कि मन कर रहा था वहा से कही जाये ही न लेकिन वापस आना भी जरूरी था। जाने का हमारा प्लान फिक्स था लेकिन आने का नहीं बहुत सोच विचार करने के बाद हमने सोचा की २२१८२ 🚊हज़रत निजामुद्दीन - जबलपुर एक्सप्रेस में आने का सोचा लेकिन उसमें गड़बड़ ये था कि वो सुबह कटनी पहुचती है फिर उसके बाद सिंगरौलो आने के लिए बस कटनी चोपन पैसेंजर ही ऑप्शन बचता क्योंकि वो बहुत ही स्लो और लेट ट्रेन है उसमें हम सब का हालात खराब हो जाता इसलिए फिर हमने सोचा की मथुरा से 🌄सुबह निकले तो रात 🌃को शक्तिपुंज मिल जायेगी फिर सुबह बस एक ही ऑप्शन बचा था दुर्ग हमसफ़र और उस दिन इसमें 300 से ज्यादा सीट खाली था इसलिए तुरंत उसमे सीट बुक करवाये।पहली बार हमसफ़र में बैठने को लेके अलग उत्साह के साथ हम सब 🌄सुबह मथुरा स्टेशन पहुँच गए ,ट्रेन के प्लेटफार्म में आते ही भिलाई का डब्लू ए पी ७ इंजन देख के बहुत ख़ुशी हुआ और बहार से ट्रेन का लिवेरी देख के बहुत अच्छा लगा ।हम सब ट्रेन में बैठ गए ट्रेन चल पड़ी देखते ही देखते कब आगरा पहुँच गए पता ही नहीं चला।आगरा में जब एंट्री ले रहे थे तभी कलिंग उत्कल एक्सप्रेस🚉 वहा से निकल रही थी।ग्वालियर तक २ साइड लोअर मिल गया तो वही बैठे रहे ग्वालियर के बाद एक खाली साइड लोअर बर्थ मिला तो मैं वही बैठ गया तब तक सब लोग सोने लगे थे किसी किसी का तो नाक 😪भी बजने लगा था😀😀 वैसे तो पूरा कोच भी ज्यादा नहीं भड़ा था और एक बात और आगरा ग्वालियर के बीच कही कही पे बहुत जोर से झटका भी लागा पता नहीं क्यों। एल एच बी कोच था इसलिए जर्क नहीं लग रहा था ,कूलिंग❄ भी अच्छा था,सीट भी कम्फ़र्टेबल था ,कर्टेन्स भी थे लेकिन पैसेज वाले कर्टेन्स का तो बहुत सारा हुक टूट गया था या तो कर्टेन खिंचा खिंचा के फत गया था कमी जो लगा वो उसके इंटीरियर में लगा नार्मल ऐ सी ट्रेन टाइप का इंटीरियर लग रहा था लेकिन वो ज्यादा इम्पोर्टेन्ट नहीं है ।लेकिन इतना भी कुछ खास नहीं है जिसके लिए लोग फ्लेक्सी fare देके सफर करे बस नाम हमसफ़र है काम पूरे ऐ सी एक्सप्रेस वाले हैं।कुल मिला के अच्छी ट्रेन है लेकिन फ्लेक्सी fare देने लायक नहीं। चंबल घाटी देख के भी बहुत अच्छा लगा हरा भरा पहाड़ 🌳🌴,नदियां🌅,टर्निंग 🔃ये सब अच्छा लगा धीरे धीरे कर के ग्वालियर भी निकल गया। सब लोग सो रहे थे और ..............
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