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IRI - चाहे कितने भी हों मतभेद, फिर भी हम परिवार एक - Dr. Abhishek Rai

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Blog Entry# 3180001
Posted: Mar 07 2018 (16:01)

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Mar 07 2018 (16:01)  
12611_MAS_GARIB^~
12611_MAS_GARIB^~   15190 blog posts
Entry# 3180001              
दोनों तरह के कोच की आपको थोड़ी जानकारी तो मिल ही गई होगी लेकिन अब इन दोनों के बीच के अंतर को जानने के बाद आप इनके बारे में बहुत कुछ जान जाएंगे, तो आइए आपको बताते हैं दोनों कोच के बारे में कुछ ख़ास जानकारियां…
1. एलएचबी कोच की एवरेज स्पीड 160 से 200 किमी होती है जबकि आईसीएफ कोच की स्पीड 70 से 140 किमी प्रति घंटा तक होती है। अतः इस स्पीड पर ये दोनों कोच सुरक्षित तरीके से दौड़ते हैं।

2.
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एलएचबी कोच में एंटी टेलीस्कोपिक सिस्टम होता है जिसके कारण इसके डिब्बे आसानी से पटरी से नहीं उतर पाते। वहीं दूसरी ओर इसके डिब्बे स्टेलनेस स्टील और एल्यूमिनियम के बने होते हैं जबकि आईसीएफ कोच माइल्ड स्टील के बने होते हैं जो इसके झटके सहने की क्षमता को कम करते हैं और दुर्घटना का कारण बनते हैं।
3. एलएचबी कोच में डिस्क ब्रेक सिस्टम होता है जिससे ट्रेन को जल्दी रोका जा सकता है जबकि आईसीएफ कोच में एयरब्रेक और थ्रेड ब्रेक सिस्टम होता है जिससे चलती ट्रेन को रोकने में थोड़ा ज़्यादा समय लगता हैं।
4. एलएचबी कोच का व्हील बेस आईसीएफ कोच के मुकाबले छोटा होता है जो हाई स्पीड होने पर भी रेल को सुरक्षित रखता है इससे दुर्घटना होने के चांस कम होते हैं।
5. एलएचबी कोच को हर पांच लाख किमी पर मैन्टेनेन्स की आवश्यकता होती है जबकि आईसीएफ कोच को हर 2 लाख से 4 लाख किमी के बीच मैन्टेनेन्स पर आवश्यकता होती है।
6. एलएचबी कोच में अगर आप बैठेंगे तो ट्रेन के चलने की आवाज़ आपको ज़्यादा परेशान नहीं करेगी क्योंकि इसका साउंड लेवल 60 डेसीबल का होता है जबकि आईसीएफ कोच का साउंड लेबल 100 डेसीबल होता है।
7. एलएचबी कोच में माइक्रोप्रोसेसर से कंट्रोल होता है। इसमें एयर कंडीश्निंग सिस्टम होता है जो कोच के तापमान को नियंत्रित करता है।
8. एचएचबी कोच में दो डिब्बों की अलग तरह से कपलिंग की जाती है कि दुर्घटना होने पर डिब्बे एक के उपर एक न चढ़ें। आमतौर पर दुर्घटना में आईसीएफ कोच के डिब्बे एक के उपर एक चढ़ जाते हैं और जान-माल का ज़्यादा नुकसान होता हैं।
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मृदुल सक्सेना रैलफैंन

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