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Blog Entry# 4238240
Posted: Feb 21 2019 (16:09)

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General Travel
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Feb 21 2019 (16:09)   12531/Gorakhpur - Lucknow Jn. Intercity Express | GKP/Gorakhpur Junction (10 PFs)
Ehtram Husain~
Ehtram Husain~   21915 blog posts
Entry# 4238240            Tags   Past Edits
गोरखपुर से लखनऊ और वाराणसी जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस   एलएचबी से चलाई जाएगी इंटरसिटी और पैसेंजर
इंटरसिटी और पैसेंजर ट्रेनें भी अति आधुनिक एलएचबी कोचों से चलाई जाएंगी। दरअसल, इन ट्रेनों में परंपरागत चेयरकार ही लगते हैं, लेकिन इनका निर्माण बंद हैं। बचे हुए कोचों से किसी तरह रेक का सामंजस्य बनाया जा रहा है, लेकिन इससे स्थानीय यात्रियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एनई रेलवे के सीपीआरओ संजय यादव ने कहा कि जिन ट्रेनों के रेक में एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं, उनके परंपरागत कोचों का फिर से उपयोग किया जा रहा है। कोचों की मरम्मत समय से हो रही है। यात्री सुविधाएं प्राथमिकताओं में है।
पुरानी
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बोगियों के भरोसे लोकल ट्रेनें
पूर्वोत्तर रेलवे की लोकल ट्रेनें पुरानी बोगियों (परंपरागत कोच) के भरोसे ही चल रही हैं। एक तो यह बोगियां अंतिम अवस्था में हैं। खराब होने के बाद भी समय से इनकी मरम्मत नहीं हो पा रही है। गोरखपुर से लखनऊ और वाराणसी जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस में पिछले सप्ताह से एक-एक कोच नहीं लग पा रहे।
वाराणसी जाने वाली इंटरसिटी में एक ही चेयरकार है, वह नहीं लग रही। लखनऊ जाने वाली इंटरसिटी में जनरल की एक आरक्षित बोगी नहीं लग रही। जो बोगियां लग रहीं, उनकी दशा भी बहुत अ'छी नहीं हैं। यही स्थिति गोरखपुर से बढऩी, नौतनवां, कप्तानगंज, भटनी, छपरा और वाराणसी रूट पर चलने वाली पैसेंजर और डेमू ट्रेनों की है। इन ट्रेनों की बोगियां जर्जर हो रही हैं।
डैमेज होने के बाद बोगियों को कारखाना भेजा जा रहा, लेकिन समय से उनकी मरम्मत नहीं पा रही। बोगियां न लगने से यात्रियों में रोष है। यह तब है जब पूर्वोत्तर रेलवे में लगातार ट्रेनों का निरस्तीकरण जारी है। जानकारों का कहना है कि भारतीय रेलवे में सिर्फ अति आधुनिक एलएचबी कोच ही बन रहे हैं। ऐसे में परंपरागत पुराने कोच (विशेषकर चेयरकार) कम पड़ते जा रहे हैं। रेलवे किसी तरह काम चला रहा है।

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