#लघु_कथा
#बिहारीपन
समय 16:20
स्थान :- पटना जंक्शन प्लेटफॉर्म 4
12355 अर्चना एक्सप्रेस 10 घन्टे विलम्ब से पटना पहुँची। 10-15 यात्री जो समान्य श्रेणी में यात्रा करने वाले थे, जब उसने देखा कि...
more... आगे के सामान्य डिब्बे भरे पड़े हैं तो वे दौड़ते-दौड़ते पीछे आये कि शायद पिछला डिब्बा खाली हो। और सीट मिल जाये।
लेकिन जब वे पीछे पहुँचे तो पीछे कोई सामान्य श्रेणी के डिब्बे हीं नहीं थे।
इस प्रकार वे फिर दौड़ कर आगे वाले डिब्बे में चढ़ने आये। लेकिन तबतक पहले से ज्यादा भर चुका था । लेकिन मंजिल पर जाने की तीव्र इच्छा भीड़ से पराजित नहीं होना चाहते थे। कुछ जुनूनी व्यक्ति चढ़ गये। कुछ जो हार मान गये, वे छुट गये। तबतक WDP-4B की कान फारु आवाज के साथ गाड़ी खुल गयी।
इसी क्रम में उद्घोषणा हुई कि 12303 पूर्वा एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म 4 पर आ रही है।
यही सिलसिला पूर्वा एक्सप्रेस में भी जारी रही।
फिर 12367 विक्रमशिला एक्सप्रेस आयी।
इसमें भी वही सिलसिला जारी।
तबतक मैं राजेंद्रनगर आ गया।
वहाँ सम्पूर्ण क्रांति प्लेटफॉर्म 2 पर घुस रही थी।
पीछे 4 डिब्बे थे सामान्य। जो चालाक थे वे कुछ दूर पीछे स्टेशन से बाहर निकल कर यार्ड कि तरफ गये और चलती ट्रेन में चढ़ कर सीट प्राप्त कर लिये। जो ज्यादा चालाक थे वे पिट लाईन पर पहुँच गये। और अपनी होशियारी का परिचय देने की जैसे ही कोशिश की तबतक राजकीय रेल पुलिस के जवान आकर उन्हें एक-आध लाठी प्रसाद के रुप में दिये और फिर स्टेशन पर भेज दिये।
स्टेशन पर आने पर उन्हें पता चला कि सभी सीट तो लुट चुकी है।
वे माथे पर हाथ रख कर सोच में पर गये।
👉शिक्षा:-|1| पियुष गोयल के शासन में अनपढ़ और पढ़ल लिखल सभी को यात्रा करने से पहले IRI पर कोच समायोजन का जरुर अवलोकन करना चाहिए।
|2| होशियार उतना हीं बनना चाहिए जितना में कि लाभ हो ना कि होशियारी के चक्कर में अपना नुकसान कर बैठें।
जाना था दिल्ली लेकिन बन गये पटना में हीं बिल्ली।
धन्यवाद।
क्रमशः .......................