Search Forum
Blog Entry# 4310523
Posted: May 06 2019 (17:35)
4 Responses
Last Response: May 07 2019 (09:46)
4 Responses
Last Response: May 07 2019 (09:46)
रेलगाड़ी चालक अपने ट्रैक्स की पहचान ऐसे करते हैं:—
ये जो ऊपर दो सिगनलों के चित्र दिखाये गये हैं, ये स्टेशन यार्ड में प्रवेश करने के लिए होम सिगनल हैं। इस सिगनल की मेन यूनिट में लाल, पीला और हरा तीन आस्पेक्ट होते हैं। सिगनल के टाप पर जो आर्म जैसी दिख रही हैं उन्हें जंक्शन टाइप रूट इंडीकेटर्स कहते हैं। इसमें एक लाइन में पाँच छोटे ल्यूनर व्हाइट LED बल्ब ग्लो करते हैं। ये ही रेलवे चालक को बताते हैं कि उसे यार्ड में किस लाइन या प्लेटफार्म पर लिया जा रहा है। ऐसे में चालक को केवल अपनी स्पीड (30 किमी तक) कम करनी होती है पाइंटों पर से गुजरते समय। उसके पास कोई स्टीयरिंग नहीं होता। जो लाइन या...
more...
ये जो ऊपर दो सिगनलों के चित्र दिखाये गये हैं, ये स्टेशन यार्ड में प्रवेश करने के लिए होम सिगनल हैं। इस सिगनल की मेन यूनिट में लाल, पीला और हरा तीन आस्पेक्ट होते हैं। सिगनल के टाप पर जो आर्म जैसी दिख रही हैं उन्हें जंक्शन टाइप रूट इंडीकेटर्स कहते हैं। इसमें एक लाइन में पाँच छोटे ल्यूनर व्हाइट LED बल्ब ग्लो करते हैं। ये ही रेलवे चालक को बताते हैं कि उसे यार्ड में किस लाइन या प्लेटफार्म पर लिया जा रहा है। ऐसे में चालक को केवल अपनी स्पीड (30 किमी तक) कम करनी होती है पाइंटों पर से गुजरते समय। उसके पास कोई स्टीयरिंग नहीं होता। जो लाइन या...
more...
ये तो है ही। बरौनी जं ० के दोनों होम सिग्नल पर ऊपर एक लेड बोर्ड होता है और उसमें लाइन/प्लेटफॉर्म नंबर लिखा होता है।