प्रति माह लाखों रुपये का राजस्व देता हैमानसी स्टेशन, फिर भी सुविधाएं नदारददूषित पानी पीने को यात्री मजबूर
खगड़िया
उत्तर बिहार का प्रवेश द्वार माने जाने वाले मानसी रेलवे स्टेशन में यात्री दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। यहां पानी की आपूर्ति के लिए दो जलमीनार हैं। दोनों जलमीनार व पाइप अधिक पुराने हो गये हैं। इस कारण पाइप से स्वच्छ पेयजल की जगह दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है।
ट्रेन...
more... इंडिकेशन बोर्ड व डिजिटल घड़ी भी खराब
पानी में आयरन की अधिकता के कारण लगाए गए रिमूवल प्लंाट से भी शुद्ध पानी यात्रियों को नही ंमिल रहा है। जिससे रेल यात्रियों के अलावा रेलवे स्टेशन के कर्मियों को भी दूषित पानी पीने की विवशता बनी हुई है।
डेढ़ साल बाद भी वेंडिंग मशीन नहीं हुआ चालू: मानसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या दो पर यात्रियों को न्यूनतम दर पर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए लगायी गई वेंडिंग मशीन डेढ़ साल बाद भी चालू नहीं हो सकी है। जिससे यात्रियों में खासा रोष व्याप्त है। इसके अलावा प्लेटफार्म नंबर एक व तीन पर भी दो अन्य वेंडिंग मशीन लगायी जानी है। हाजीपुर रेल महाप्रबंधक के आश्वासन के डेढ़ साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी एक तो दो अन्य वेंडिंग मशीन नहीं लगी वही जो एक मशीन लगी वह भी अब तक चालू नहीं हो सकी है।
निर्माणाधीन जलमीनार से बंधी शुद्ध पानी आपूर्ति की उम्मीद: रेलवे मैदान के उत्तर व पूरब दिशा में दो जलमीनार का निर्माण किया जाना है। जिसमें एक जलमीनार का निर्माण कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। इस जलमीनार के चालू होने के बाद शुद्ध पानी की आपूर्ति की संभावना है।
कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का होता है ठहराव: मानसी रेलवे स्टेशन में लम्बी दूरी की कई ट्रेनों का ठहराव होती है। इस स्टेशन पर कटिहार-अमृतसर आम्रपाली एक्सप्रेस, सहरसा-अमृतसर जनसेवा एक्सप्रेस, अलीपुरद्वार-दिल्ली महानंदा एक्सप्रेस, गुवाहाटी -आनंदपुर नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस, न्यू तीनसुकिया-लालगढ़ अवध असम, सहरसा-अमृतसर जनसाधारण एक्सप्रेस, सहरसा-पटना कोशी एक्सप्रेस, सहरासा-पटना राज्यरानी एक्सप्रेस, गुवाहाटी-राजेन्द्रनगर कैपिटल एक्सप्रेस सहित कई गाड़ियां रूकती हैं।
चार हजार प्रतिदिन यात्री करते हैं यात्रा : मानसी रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन लगभग चार हजार यात्री सफर करते हैं। प्रतिदिन सामान्य व आरक्षित टिकट से लगभग तीन लाख रुपए की रेलवे स्टेशन को आय होती है। इसके बाद भी यहां के यात्रियों को समुचित सुविधाएं नहीं मिल पा रही है।