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Everyone is a gangster (Rajdhani, Shatabdi, Tejas) until the real Gangsta (Vande Bharat) walks in 😂 - Mushfique Khalid

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Blog Entry# 4621806
Posted: May 04 2020 (02:10)

4 Responses
Last Response: May 13 2020 (06:40)
News Reply
7639 views
4

May 04 2020 (02:10)  
berisgnr
berisgnr   35 blog posts
Entry# 4621806               Past Edits
एक बार फिर प्रमाण हुआ, मोदी है तो मुमकिन है!
देश में जब कहा जाता है कि "मोदी है तो मुमकिन है" तो इसको राजनीतिक नजरिये से देखा जाता है। किंतु आज भारत ही नहीं विश्व का लगभग हर नागरिक यही कह रहा है या सोच रहा है-"मोदी है तो मुमकिन है"। जो लोग बीमार होकर विभिन्न देशों के अस्पतालों में भर्ती हैं, वे भी विचार कर रहे हैं कि अगर भारत में होते तो आज हालात इस तरह के नहीं होते।
कोरोना वायरस विश्व भर में एक्टिव है। कोई भी जाति, धर्म
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more...
व समुदाय के साथ वह भेदभाव नहीं कर रहा है। देश अमीर है या गरीब, उसके लिए सब बराकर के टारगेट हैं। देश सुपर पावर है या सबसे कमजोर, उसके निवासी उसके लिए शिकार हैं। कोरोना को वैश्विक महामारी घोषित किया जा चुका है। अमेरिका जो दुनिया में सुपर पावर है, वहां से सबसे अधिक दुख भरे समाचार आ रहे हैं। संयुक्त राज्य में लगभग हर दिन दो हजार मौत होकर आकड़ा दुर्भाग्य का नया रिकॉर्ड बना जाता है। अमेरिका की वर्ष 2019 में जीडीपी लगभग 21 ट्रिलियन $ डॉलर थी, जबकि भारत की लगभग 3 ट्रिलियन $ डॉलर । भारत से अमेरिका की जीडीपी 7 गुणा विशाल है। वहां की आबादी लगभग 32 करोड़ है। भारत की आबादी उससे 100 करोड़ अधिक अर्थात लगभग 135 करोड़ है।
जब वैश्विक महामारी कोविड-19 के तथ्यों को ध्यान में रखकर भारत की तुलना किसी भी अन्य विकसित देश से करें तो भारतीय उनसे बहुत ज्यादा बेहतर स्थिति में है। भारत में कोरोना ने रविवार रात 12 बजे तक 28070 एक्टिव केस हैं। 1306 लोगों की मौत होने की जानकारी सरकारी स्तर पर दी गयी है। विश्व में लगभग 35 लाख लोग संक्रमित हैं। इसमें 2 लाख 45 हजार से अधिक व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में 11 लाख 50 हजार के लगभग केस रजिस्टर्ड हैं। दुर्भाग्य की बात है कि इनमें 66 हजार 760 लोग की मौत हो चुकी है जो विश्व में सर्वाधिक है। अकेले न्यूयार्क राज्य में ही 18 हजार 900 लोग की मृत्यु हो गयी है।
यूरोप से भी इसी तरह के दुखद भरे समाचार आ रहे हैं। स्पेन में 2 लाख 17 हजार मरीज व 25 हजार से अधिक लोगों की मौत की खबर है। इसी तरह से इटली में 2 लाख 11 हजार मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं/थे। वहीं 28 हजार 900 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत पर लगभग दो सौ साल तक शासन करने वाला ब्रिटिश भी इस महामारी से बाहर नहीं निकल पा रहा है। वहां 1 लाख 87 हजार केस हैं और 28 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। फ्रांस में भी लगभग सवा लाख लोग बीमार हैं और 25 हजार के करीब लोगों की मौत हो चुकी है। यह भी सच्चाई है चीन लगभग तीन माह तक लॉकडाउन में रहा।
कोई भी इन कल्पना तक नहीं करता था कि विश्व में इस तरह से एक रोग एक्टिव होगा और लाखों लोगों को जान ले लेगा। यह वो आकड़े हैं, जो हमें डराते हैं। न चाहते हुए भी इस तरह के नकारात्मक समाचार हमें हर पल सुनने पड़ रहे हैं। पढ़ने पढ़ रहे हैं। इस बीच भी हमारे प्रधानमंत्री ने सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के लिए बाजार खोलने की अनुमति दे दी।
गत 25 मार्च को भारत ने लॉकडाउन का एलान किया था। आज 40 दिनों बाद देश लॉकडाउन से बाहर आ रहा है। कभी किसी ने कल्पना नहीं की होगी कि जिस वायरस से अमेरिका और अन्य शक्तिशाली देश हार मान जायेंगे और उन्हें इस युद्ध से बाहर निकलने का मार्ग नहीं मिल रहा होगा और 135 करोड़ की आबादी वाला देश व्यापार को आरंभ करने के बारे में सोच रहा होगा।
आपको ध्यान होगा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गत वर्ष अमेरिका गये थे तो उस समय "हाउडी मोदी " कार्यक्रम आयोजित किया गया था। हिन्दी में इसे "मोदी कैसे हो" कहा जा सकता है। उस कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नरेन्द्र मोदी को "फादर ऑफ नेशन" कहा था।
नरेन्द्र मोदी ने आज पिता होने का धर्म निभा दिया। उन्होंने देश के गरीब, मध्य व अन्य सभी वर्गीय लोगों को रोजगार का अवसर प्रदान करने का निर्णय लिया। 135 करोड़ की आबादी वाले देश इतनी शीघ्रता से लॉकडाउन से बाहर आ जायेगा, किसी ने विचार भी नहीं किया होगा।
यह भी ध्यान रखना होगा जब देश लॉकडाउन में गया था, उस समय कोरोना के बारे में विश्व के अन्य देशों की तरह भारतीय चिकित्सकों को भी ज्यादा जानकारी नहीं थी। कोरोना से लड़ने का अनुभव नहीं था। देश में करोना जांच के लिए लैब की संख्या भी कम थी। आज भारतीय चिकित्सक इस बीमारी से लड़ने के लिए प्रशिक्षित हो चुके हैं। देश में 310 सरकारी और 111 निजी लैब हैं। हर रोज 70 हजार लोगों की जांच हो रही है। प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन के बीच बैठक कर करीबन 15 हजार करोड़ रुपये सिर्फ कोरोना से युद्ध के मंजूर कर लिये।
प्रधानमंत्री ने देश के करोड़ों गरीब लोगों को घर बैठे भोजन की व्यवस्था करवायी। निजी व सरकारी अस्पतालों में सभी के लिए नि:शुल्क इलाज तक की व्यवस्था की। देश के पिता का जो धर्म हो सकता था उस धर्म को उन्होंने बखूबी निभाया। सवाल था कि लॉकडाउन के भीतर देशवासियों को कितने दिन रखा जा सकता था। कोरोना से लड़ाई लम्बी है इसलिए प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को विश्वस्तरीय बनाने के लिए हजारों करोड़ के बजट की व्यवस्था कर दी है ताकि देश को फिर कभी लॉकडाउन के लिए नहीं जाना पड़े। आज देश के पास संसाधन उपलब्ध हैं। प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ, निजी व सरकारी लैब। इसलिए सतर्कता के साथ लॉकडाउन से बाहर आना था और प्रधानमंत्री ने इसकी शुरुआत कर दी है।
एक पिता का धर्म उन्होंने निभाया है, अब हमें भी उनकी संतान के रूप में उनके द्वारा दिये गये निर्देशों की पालना करनी है।
नरेन्द्र मोदी देश के पिता होने के नाते यह भी जानते हैं कि इस समय लोगों के काम धंधे बंद होने के कारण उनके पास लिक्विड मनी की कमी हो चुकी है। एमएसएमई सैक्टर को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री ने शनिवार देर रात तक अपने कैबिनेट सहयोगियों और अधिकारियों के साथ लम्बी चर्चा की।
सरकारी तौर पर दी गयी जानकारी में बताया गया कि वित्त मंत्री और अधिकारियों के साथ बैठक में, पीएम ने एमएसएमई और किसानों का समर्थन करने, तरलता बढ़ाने और ऋण प्रवाह को मजबूत करने के लिए रणनीतियों और हस्तक्षेपों पर चर्चा की। पीएम ने कोविड​​-19 के मद्देनजर वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और व्यवसायों को प्रभावों से जल्दी उबरने के लिए किए गए उपायों पर चर्चा की।
श्रमिकों और आम आदमी के कल्याण के मुद्दे पर, पीएम ने COVID-19 के कारण होने वाली कठिनाइयों को दूर करने में व्यवसायों की मदद करके रोज़गार के अवसरों को उत्पन्न करने की आवश्यकता पर ध्यान दिया।
ट्रम्प से फादर ऑफ नेशन की उपाधि प्राप्त कर चुके नरेन्द्र मोदी ने छोटे एवं मझौले व्यापारियों की तारीफ की। उन्होंने ट्वीट किया, हमारे MSME क्षेत्र को मजबूत करने पर एक बैठक की अध्यक्षता की, जो आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस क्षेत्र को अधिक जीवंत, आकर्षक और नए अवसरों को अपनाने के लिए तैयार करने के तरीकों पर व्यापक चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री का आभार :
एमएसएमई सैक्टर के हजारों-लाखों नहीं बल्कि करोड़ों लोगों को व्यापार की अनुमति देकर उन्हें विश्वास दिलाया है कि वे उनके साथ हैं। उनके पास तरलता की कमी नहीं हो, वे इसके लिए भी प्रयास कर रहे हैं।
जो लोग पूर्व में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर उच्च आय वर्ग के नजदीकी बताते रहे हैं, उनके मुंह पर वक्त ने ताला लगा दिया है। प्रधानमंत्री ने बता दिया है कि वे गरीब और छोटे व्यापारी के साथ थे, हैं और रहेंगे।
छोटे और मझौले व्यापारियों की आवाज को सांध्यदीप ने जिस तरह से उच्चस्तर पर रखा और प्रधानमंत्री ने छोटे व्यापारियों के प्रति जो स्नेह व्यक्त किया। उनको अपना आशीर्वाद दिया। पिता की भूमिका निभायी, उसके लिए उनका आभार।

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1

May 04 2020 (05:45)
adi.dhn~
adi.dhn~   6007 blog posts
Re# 4621806-1              
This is not a politics forum.
only railway topics need to be discussed
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3679 views
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May 04 2020 (08:31)
guest   1137 blog posts
Re# 4621806-2              
its good thing, but you should know the rules and regulations of iri site. kindly remove the blog as its a rail related topic.
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May 04 2020 (09:46)
Harsh12345ER~   21389 blog posts
Re# 4621806-3              
Post this in news forum not rail forum
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3547 views
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May 13 2020 (06:40)
adi.dhn~
adi.dhn~   6007 blog posts
Re# 4621806-4              
So another loot by government.
In this difficult time people are paying fare of Rajdhani to Indian railways and Govt. is running Rajdhani special train at the speed of normal express train.
wah ji wah kamaal ho gaya
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