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रेलफैनों को आता है ज़िन्दगी का मज़ा लेना

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Blog Entry# 4838642
Posted: Jan 09 2021 (00:23)

3 Responses
Last Response: Jan 10 2021 (23:01)
Travelogue
46123 views
4

Jan 09 2021 (00:23)   02389/Gaya - MGR Chennai Central Weekly SF Special | G/Gondia Junction (7 PFs)
jaybajaj91
jaybajaj91   16 blog posts
Entry# 4838642            Tags   Past Edits
गत दिवस जबलपुर में एक बहुप्रतीक्षित प्रकल्प पूरा हुआ। अंग्रेजों के ज़माने में जबलपुर से महाराष्ट्र के गोंदिया शहर तक एक नैरो गेज रेल लाइन बिछाई गई थी जो नैनपुर – बालाघाट होते हुए गुजरती थी। कहते हैं ब्रिटिश सत्ता ने गोंडवाना अंचल से सागौन की बेशकीमती लकड़ी के साथ ही खनिज पदार्थों को मुम्बई पहुँचाने के लिए उक्त रेल लाइन बिछाई थी। जहाँ से समुद्र मार्ग से उन्हें इंग्लैंड भेजा जाता था। वह रेल लाइन घने जंगलों और पहाड़ों के बीच से होकर गुजरती थी। जिसके लिए दर्जनों पुल बनाये गये। उस रेल लाइन को जिस दौर में बिछाया गया तब निर्माण की तकनीक और आधुनिक उपकरणों का सर्वथा अभाव था। और पूरा मार्ग घने जंगलों के अलावा पहाडिय़ों से आच्छादित होने से काम करना भी बहुत ही कठिन था। बावजूद उसके अंगरेजी राज में वह कार्य पूर्ण गुणवत्ता के साथ किया गया। एक शताब्दी से ज्यादा उपयोग में आने...
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के बावजूद एक भी पुल नहीं धसका। आजादी के बाद से उस रेल मार्ग पर यात्री गाडिय़ों का परिचालन भी होने लगा जो इस आदिवासी अंचल के लोगों के लिए काफी मददगार था। अनेक यात्री इस रेल मार्ग से गोंदिया होकर नागपुर भी जाते थे। कालान्तर में ये महसूस किया गया कि यदि इस नैरो गेज को ब्रॉड गेज में बदल दिया जाए तो जबलपुर से नागपुर जाने के लिए इटारसी का चक्कर लगाने की झंझट बच जायेगी और दक्षिण भारत की यात्रा के समय में पांच घंटे की बचत हो जायेगी। इसी के साथ उत्तर और पूर्वी भारत से दक्षिण को जाने वाली मालगाडिय़ां भी अपने गंतव्य तक कम समय और कम खर्च में पहुंच सकेंगी । ये सब सोचकर जबलपुर – गोंदिया नैरो गेज के अमान परिवर्तन की योजना कागजों पर उतरी। 1997 में इसका भूमिपूजन किया गया और आखिरकार गत दिवस गया से चेन्नई जाने वाली लम्बी दूरी की पहली गाड़ी नवनिर्मित ब्रॉड गेज पर से गुजरी। निकट भविष्य में असम , बंगाल , बिहार , झारखण्ड और उप्र से जबलपुर होकर दक्षिण को जाने वाली यात्री और माल गाडिय़ों को इस नये रेल मार्ग से चलाये जाने पर यात्रियों का समय और किराया बचने के साथ ही मालभाड़ा भी कम होगा। सबसे बड़ी बात ये होगी कि यात्री और माल गाडिय़ों के फेरे भी बढ़ जायेंगे। कुल मिलाकर लाखों रूपये रोज की बचत होने के साथ इस पिछड़े इलाके में विकास की पदचाप भी सुनाई देगी। सुबह जबलपुर से जाकर रात में नागपुर से लौटना संभव हो सकेगा जबकि अभी इटारसी होकर नागपुर जाने में 9 घंटे लगते हैं।

Source: Internet

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2 Public Posts - Sat Jan 09, 2021

22049 views
0

Jan 10 2021 (23:01)
Dr.RinkeshBhatt~
Dr.RinkeshBhatt~   100 blog posts
Re# 4838642-3              
@4838642-2  @guest
Yes, it is absolutely true.
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