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Blog Entry# 86444
Posted: Nov 19 2010 (23:35)
9 Responses
Last Response: Nov 20 2010 (09:02)
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सत्य वचन महोदय परन्तु हम सब तो अधिकार विहीन प्राणी हैं इस मुआमले में .वो क्या कुछ करवाना कहते हैं कैसे पता चले ?हाँ जुबानी जमा खर्च करने में हम पूर्ण सक्षम हैं.
ज़ुबानी जमा खर्च करने में तो भाई हिन्दुस्तानी अव्वल है - अब जैसे यही पर देख लो तत्काल का यह टिकिट बना और कान्सेल हुआ - और आप सभी यहाँ केवल ज़ुबानी जमा खर्च कर रहे हो अरे भाई जाओ सुचना का अधिकार है आपके पास जाकर एक दावा तो लगाओ रेलवे को -- सब तब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा - यहाँ केवेल बात रस का आनंद लेने से कुछ नहीं होगा -कहेगे सभी ज्ञानी यहाँ -- करेगा कोई नहीं ---बातो का महारथी है यहा -लेकिन एक्शन कोई नहीं लेगा --- क्यों विश्वनाथ जी सही कहा ना हमने ?? गोयल सर तो इस ब्लॉग को जरुर डिलीट कर देगे ---
नहीं मिटाया नहीं जायेगा ये आप जैसो की भी पोल खोलता है जो दूसरो को उपदेश देने में कुशल हैं पर स्वयं भी बस ऐसे वैसे ही हैं.
जैसे आप - वैसे ही हम - ना आप कम ना हम में है दम -- बस दे दनादन बातो को बम -- निकाल ज्ञान का सारा दम --