इस क्षेत्र के लोगों के साथ रेलवे हमेशा ही षड़यंत्र करता है दिल्ली से लोहारू सादुलपुर को छूटने वाली गाड़ियाँ सुबह ६ से ८ के बीच २ घंटे में 3गाड़ियाँ और उसके बाद १२ , १४ घंटे तक कोई गाड़ी नहीं , की भगवान ने इतना दीमक नहीं बनाया की ४०० ५०० किलोमीटर चलने वाली ३ गाड़ियाँ एक ही वक्त पर छोड़ी जाएँ तो यात्री भार कहाँ से मिलेगा, फिर यात्री भर का रोना रोकर क्षेत्र को दूसरी गाड़ी नहीं दी जायेगी , दिल्ली से सुबह बीकानेर जोधपुर और सीकर को छोड़ी जाने वाली गाड़ियों में २ २ घंटे का अन्तराल दिया जाये सीकर से छुटने वाली गाड़ी को दिल्ली से शाम को ५ ६ बजे छोड़ा जाये तथा सीकर से सुबह ५ से ६ बजे गाड़ी को छोड़ा जाये और एक बोगी सेकंड AC कम थर्ड AC MIX तथा एक बोगी...
more... थर्ड AC को छोड़ कर बाकि स्लीर और जनरल बोगी लगे जाये और समय परिवर्तन किया जाये तो ९०% यात्रीभार मिलेगा . लेकिन अधिकारिओं की रणनीति ही ये रहती है की इलाके को सेवाओं से वंचित कैसे रखा जाये तो इसका तो कोई इलाज ही नहीं है
जबकि जरुरत ये है की दिल्ली से जोधपुर जयपुर फुलेरा होकर जाने वाली गाडिओं में से एक या दो लोहारू सादुलपुर होकर परवर्तित मार्ग से चलाया जाये क्योंकि जयपुर फुलेरा होकर जोधपुर जाने वाली गाडिओं के लिए मालगाड़ियो से ट्राफिक जैम रहता है
हो सके तो अधिकारी ठन्डे दीमक से विचार करे आखिर रेलवे का लाभ और जनहित दोनों से जुदा मसला है