ज़ुबानी जमा खर्च करने में तो भाई हिन्दुस्तानी अव्वल है - अब जैसे यही पर देख लो तत्काल का यह टिकिट बना और कान्सेल हुआ - और आप सभी यहाँ केवल ज़ुबानी जमा खर्च कर रहे हो अरे भाई जाओ सुचना का अधिकार है आपके पास जाकर एक दावा तो लगाओ रेलवे को -- सब तब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा - यहाँ केवेल बात रस का आनंद लेने से कुछ नहीं होगा -कहेगे सभी ज्ञानी यहाँ -- करेगा कोई नहीं ---बातो का महारथी है यहा -लेकिन एक्शन कोई नहीं लेगा --- क्यों विश्वनाथ जी सही कहा ना हमने ?? गोयल सर तो इस ब्लॉग को जरुर डिलीट कर देगे ---