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এক রাজ্য, দুই রাণী।নাম তাদের, শালিমার ও আলিপুরদুয়ার রাজ্যরানী - Dip

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Blog Entry# 219962
Posted: Aug 14 2011 (13:59)

23 Responses
Last Response: Aug 14 2011 (19:01)
3685 views
0

Aug 14 2011 (13:59)  
 
ThE_bOsS^~
ThE_bOsS^~   17526 blog posts
Entry# 219962              
Did any body notice below the "INDIA RAIL INFO" stamp, the word "CHAK DE" with flag,
Nice feature by our Moderator Sir, only for today and tomorrow....!
I guess i didn't tell delay, as some body tell before me????
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20 Public Posts - Sun Aug 14, 2011

1258 views
0

Aug 14 2011 (15:07)
IM UR LOVER   82 blog posts
Re# 219962-21              
भारत में यात्रियों को और सुविधाएं देने, महत्वपूर्ण परियोजनाओं को समय के अंदर पूरा करने आदि के लिए रेलवे ने एक गैर-बजटीय निवेश की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत अगले पांच वर्षो में 15000 करोड़ रुपए का निवेश करते हुए रेल नेटवर्क में क्षमता संबंधी कमियों को दूर किया जाएगा। इस परियोजना में लंबी दूरी की अधिक मेल/ एक्सप्रेस गाड़ियां चलाई जाएंगी और माल गाड़ियों के १क्क् किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने की व्यवस्था की जाएगी।
इसी परियोजना के तहत बंदरगाहों को रेल से जोड़े जाने और मल्टी-मॉडल कॉरीडोर के विकास के लिए मजबूती प्रदान करना रेलवे का लक्ष्य है। इसके अलावा रेलवे इन पैसों का इस्तेमाल चार विशाल पुलों के निर्माण में भी करेगा। इसमें गंगा नदी पर दो,
...
more...
ब्रrापुत्र नदी पर एक और एक पुल कोशी नदी पर प्रस्तावित है।
कब तेज दौड़ेगी अपनी भारतीय रेल
भारत जहां अभी हाईस्पीड रेल (एचएसआर) नेटवर्क को बनाने की योजना बना रहा है, वहीं पड़ोसी देश चीन का एचएसआर को 28 हजार किमी लंबा बनाने का काम काफी आगे निकल चुका है। अगले चार वर्षो में यह दुनिया भर के एचएसआर से दोगुना लंबा हो जाएगा। भारत 1980 के दशक तक चीन से रेल नेटवर्क और ट्रैक की लंबाई के मामले में आगे था। मगर, तेजी से प्रयास करते हुए चीन ने 1996 तक कुल ट्रैक की लंबाई भारत से अधिक कर ली और 2001 तक वह इलेक्ट्रिक रूट में भी आगे निकल गया। चीन ने पहला प्रायोगिक एचएसआर 2003 में शुरू किया था और 2014 तक यह 28 हजार किमी लंबा हो जाएगा। यानी यह पूरी दुनिया के एचएसआर नेटवर्क के दोगुने के बराबर हो जाएगा। इसका अर्थ यह है कि उत्तर से दक्षिण तक जाने में लगने वाले समय में करीब 65 फीसदी की और पूर्व से पश्चिम जाने में करीब 75 फीसदी समय की बचत हो सकेगी। 2014 तक चीन की एचएसआर में 500 बिलियन डॉलर निवेश करने की योजना है। वहीं भारत में एचएसआर का काम अभी शुरू भी नहीं हुआ। विदेश मंत्रालय ने आरआईटीईएस लिमिटेड के साथ मिलकर भारत के मिसिंग लिंक के निर्माण के लिए एक अध्ययन किया। इसके तहत जिन जगहों पर रेल नहीं जाती है, वहां नेटवर्क बिछाने के लिए 2941 करोड़ रुपए की जरूरत होगी।
क्यों है भारतीय रेल पीछे
लोगों के जहन में भारतीय रेल के बारे में नकारात्मक छवि बनी हुई है।
रेलवे स्टेशन्स की खस्ता हालत, जिसमें स्टेशन में बुनियादी सुविधाओं तक की कमी है।
ट्रैक की खराब हालत के कारण हाई स्पीड ट्रेन्स नहीं चल पा रही हैं।
सही समय पर ट्रेनों का संचालन नहीं होना।
पेंट्रीकार में मिलने वाले खाद्य सामानों की खराब गुणवत्ता।
मालगाड़ियों से भेजे जाने वाले सामानों की सुरक्षा में कमी।
भारतीय रेल का जाल
रेल ट्रैक: बड़ी लाइन: 86526 किमी, मीटर लाइन: 18529 किमी, छोटी लाइन: 3651 किमी, कुल: 108, 706 किमी।
रेल इंजन: 7566, सवारी डिब्बे: 37, 840, माल डिब्बे: 222, 147, स्टेशन: 6853, यार्ड: 300, गुड्स शेड: 2300, रिपेयर शॉप: 700।

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2 Public Posts - Sun Aug 14, 2011
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