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Blog Entry# 4749575
Posted: Oct 17 2020 (08:35)

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Last Response: Oct 17 2020 (17:09)
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Oct 17 2020 (08:35)   X10001/Satpura Express (NG) | JBP/Jabalpur (7 PFs)
MAREECH_HA1NKS~
MAREECH_HA1NKS~   2314 blog posts
Entry# 4749575            Tags   Past Edits
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जबलपुर गोंदिया ब्राॅडगेज:उत्तर और दक्षिण के बीच 272 किमी का सफर


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अक्टूबर माह जबलपुर के लिए एक मील का पत्थर साबित होने वाला है, क्योंकि 23 साल से घिसट-घिसटकर चल रही जबलपुर-गोंदिया ब्राॅडगेज परियोजना पूरी होने वाली है। इसके बाद इस रूट पर जबलपुर और नागपुर के बीच गोंदिया होकर ट्रेनें दौड़ने लगेंगी और उत्तर से दक्षिण भारत के लिए भी ट्रेनें इसी रूट से चलेंगी। लेकिन, हकीकत कुछ और है, फिलहाल यह सिंगल ट्रैक है, जिसकी संचालन क्षमता भी सीमित है।

इस ट्रैक से देश की उत्तर और दक्षिण की दूरी भले ही 272 किलोमीटर कम हो जाएगी पर सारी यात्री और माल गाड़ियाँ तभी इस ट्रैक पर संचालित हो पाएँगी, जब इसका दोहरीकरण हो जाएगा। फिलहाल दोहरीकरण का सर्वे हो चुका है, लेकिन न तो योजना बनी है और न ही इसके लिए भूमि का अधिग्रहण किया गया है।

रेलवे का मानना है कि एक साल तक सिंगल लाइन के संचालन पर नजर रखी जाएगी, फिर इसके दोहरीकरण के प्रयास होंगे, जिन्हें 5-6 सालों में पूरा किया जाएगा। हालाँकि इसमें संदेह नजर आता है, क्योंकि जब सिंगल ट्रैक बनने में 23 साल लगे तो उसके दोहरीकरण में लगने वाला समय भी कम नहीं होगा।सिंगल ट्रैक की एक साल तक निगरानी के बाद दोहरीकरण का काम शुरू होगा, 4 से 5 साल लगेंगेजबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज परियोजना भले ही आने वाले दिनों में सिंगल लाइन के साथ शुरू होने जा रही है लेकिन डबल लाइन को लेकर रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार अक्टूबर माह के अंत तक जबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज परियोजना शुरू हो जाएगी, जिसकी एक साल तक निगरानी करने के बाद डबल लाइन का काम शुरू कर दिया जाएगा।

डबलिंग में किसी प्रकार की अड़चनें आने की संभावना इसलिए भी नहीं हैं, क्योंकि इसके लिए सर्वे किया जा चुका है। रेल अधिकारियों के अनुसार सिंगल लाइन को डबल करने में करीब 4 से 5 साल का समय लगेगा, जिसके साथ ही उत्तर भारत से दक्षिण भारत के बीच रेल लाइन कनेक्टिविटी का ऐसा विकासशील रास्ता खुलेगा, जिससे व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य चिकित्सा सुविधा क्षेत्र में नई संभावनाएँ पैदा होंगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।बड़ी लाइन पर मेल और एक्सप्रेस गाड़ियाँ 80 से 100 किलाेमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेंगीजबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज परियोजना के पूर्ण होने का सपना जल्द साकार होने जा रहा है, जिसमें बड़ी लाइन पर मेल और एक्सप्रेस गाड़ियाँ 80 से 100 किलाेमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी तब सफर आसान और सुहाना हो जाएगा, दूरियाँ कम हो जाएँगी। एसईसीआर के सीपीआरओ साकेत रंजन के अनुसार जबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज का काम अंतिम दौर में चल रहा है, जिसका जल्द ही इंस्पेक्शन कमिश्नर रेलवे सेफ्टी एके राय द्वारा स्पेशल ट्रेन को ब्रॉडगेज ट्रैक पर दौड़ा कर किया जाएगा।

सीआरएस का ग्रीन सिग्नल मिलते ही दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे प्रशासन सिंगल लाइन ब्रॉडगेज पर मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ इंटरसिटी जैसी गाड़ियों को चलाने हरी झंडी दिखा देगा, जिसकी तैयारियाँ लगभग पूरी हो चुकी हैं। करीब चार साल पहले तक इस नैरोगेज लाइन पर 5 गाड़ियाँ सतपुड़ा एक्सप्रेस, जबलपुर-नैनपुर पैसेंजर, जबलपुर बालाघाट पैसेंजर, जबलपुर-नैनपुर फास्ट पैसेंजर, जबलपुर-नागपुर पैसेंजर गाड़ियाँ अप और डाउन की चलती थीं। अब इन ट्रेनों को सुपरफास्ट बनाकर चलाया जाएगा, साथ ही नागपुर और दक्षिण भारत से भी हाई स्पीड गाड़ियों का आना-जाना शुरू हो जाएगा।

महाप्रबंधक ने कहा- सेकेंड लाइन की भी है पूरी तैयारी, भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका हैजबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज परियोजना को लेकर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक गौतम बैनर्जी से कई मुद््दों पर चर्चा की गई, जिसमें परियोजना की वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर जानकारियाँ माँगी गईं। उनके कुछ अंश यहाँ प्रस्तुत हैं..प्रश्नः क्या जबलपुर-गाेंदिया रेल ट्रैक के दोहरीकरण की कोई योजना है?उत्तरः देखिए, रेलवे में सिंगल लाइन बनाते समय दोहरी लाइन की रूपरेखा बनाई जाती है। जबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट में भी सिंगल लाइन को डबल किया जाएगा, यह तय है लेकिन इसमें समय लगेगा।प्रश्नः क्या दोहरीकरण के लिए पुल-पुलियों के लिए जगह छोड़ी गई है?उत्तरः प्लानिंग में डबल लाइन के लिए पुुल और पुलियों के लिए पर्याप्त जगह छोड़ी गई है।प्रश्नः क्या सेकेंड रेल लाइन बिछाने के लिए फिर से भूमि का अधिग्रहण करना होगा?उत्तरः जबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज परियोजना में भी फर्स्ट के साथ सेकेंड लाइन के लिए भी काफी पहले भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। अगर भविष्य की योजना के अनुसार और अधिक भूमि की जरूरत पड़ी तो मुआवजा देकर भूमि अधिग्रहण किया जाएगा।प्रश्नः एक लाइन बिछाने में 23 साल लगे तो दोहरीकरण में कितने साल लग जाएँगे..?उत्तरः इस प्रोजेक्ट में काफी अड़चनें और फंड की कमी आने से देरी होती चली गई लेकिन अब सिंगल लाइन बिछने से काम करना आसान होगा, फंड की कमी भी नहीं आएगी, इसलिए सिंगल लाइन के शुरू होने के बाद सर्वे कर जल्द दोहरीकरण का काम शुरू किया जाएगा। फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता।प्रश्नः सिंगल ट्रैक पर कितनी यात्री गाड़ियाँ, खासकर मेल-एक्सप्रेस दौड़ पाएँगी? या ये ट्रैक लोकल ट्रेनों और मालगाड़ियों के ही काम आएगा?उत्तरः बिल्कुल नहीं, ब्रॉडगेज ट्रैक यात्री गाड़ियों के लिए है, जिस पर मेल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट ट्रेन फुल स्पीड पर दौड़ेंगी। इन गाड़ियों के नाम, समय, स्टॉपेज भी तय किए जा चुके हैं। लोकल ट्रेन जैसे इंटरसिटी तो स्थानीय लोगों के लिए चलेगी ही। ट्रैक का उपयोग मालगाड़ियों के लिए भी होगा। जिसकी अभी खासी माँग है।

चौतरफा विकास के लिए डबल लाइन जरूरी, सिंगल लाइन में ट्रेन वेटिंग की मुुश्किलें बनी रहेंगीरेलवे के जानकारों का कहना है कि उत्तर से दक्षिण भारत तक के चौतरफा विकास के लिए डबल ब्रॉडगेज लाइन बिछाना बेहद जरूरी है, क्योंकि सिंगल लाइन में कई तरह की परेशानियाँ हैं। सिंगल लाइन के कारण एक ही पटरी पर दो ट्रेनों के आने से एक ट्रेन को करीबी स्टेशन पर खड़ा रखना पड़ता है, जिससे ट्रेन लेट हो जाती है और यात्रियों को परेशान होना पड़ता है लेकिन डबल लाइन में दोनों ट्रेन अपने-अपने ट्रैक से होकर गुजर जाती हैं। सिंगल लाइन पर ट्रेनों की पासिंग रेलवे के लिए बड़ी चुनौती होगी, जिसका हल अगर निकल गया तो ब्रॉडगेज परियोजना का मकसद पूरा हो जाएगा।पी-4हकीकत कुछ और

पहले प्रोजेक्ट बनेगा फंड आएगा, फिर होगा भूमि अधिग्रहणदक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे के आला अधिकारी कुछ भी दावे करें, हकीकत कुछ और ही है। ट्रैक के दोहरीकरण की फिलहाल कोई योजना नहीं है। अगर कुछ है तो केवल दावे। दरअसल अगर इस ट्रैक का दोहरीकरण होना है तो सबसे पहले प्रोजेक्ट बनेगा, जो अभी नहीं बना है।

प्रोजेक्ट बनने और उसके स्वीकृत होने की लंबी प्रक्रिया के बाद बजट स्वीकृत होगा और उसका कई चरणों में आवंटन और फिर भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ हो पाएगी। अधिग्रहण की प्रक्रिया लंबा समय लेती है। इस बीच में काम प्रारंभ हो सकता है पर गति तभी आएगी जब अधिग्रहण के रास्ते की सारी बाधाएँ दूर हो जाएँगी।

फिलहाल एक दर्जन ट्रेनें चल पाएँगीभले ही भारतीय रेल के लिए उत्तर से दक्षिण की दूरी 272 किमी कम हो जाना एक नए अध्याय के समान है, लेकिन इसका लाभ अभी सीमित रूप में ही मिल पाएगा। जबलपुर से गोंदिया के बीच सिंगल ट्रैक रहेगा, इस कारण इस रूट पर अधिकतम एक दर्जन यात्री गाड़ियाँ ही चल पाएँगी।

इसका सीधा अर्थ ये है कि उत्तर से दक्षिण की ओर जाने वाली जो ट्रेनें रायपुर या इटारसी के रास्ते जाती हैं, उनमें से केवल वो ही ट्रेन गोंदिया होकर जाएँगी, जो जबलपुर और नागपुर के बीच पहले से इटारसी होकर चल रही हैं। इनमें कुछ और ट्रेनें जोड़ी जा सकती हैं, पर इनकी संख्या एक दर्जन से ज्यादा नहीं होगी। इससे ज्यादा ट्रेनें सिंगल ट्रैक पर नहीं चलाई जा सकतीं। इसलिए इतना तय है कि सिंगल ट्रैक से दक्षिण की ओर जाने वाली शानदार ट्रेनें अभी रायपुर या इटारसी के रास्ते ही चलती रहेंगी।^अभी दूसरे ट्रैक के लिए भूमि का अधिग्रहण नहीं हुआ है। प्रक्रिया ये है कि पहले प्रोजेक्ट बनेगा, फिर स्वीकृत होगा और फंड आएगा, तब जाकर भूमि अधिग्रहण संभव हो पाएगा। जबलपुर-गोंदिया ब्राॅडगेज का दोहरीकरण अभी स्वीकृत ही नहीं हुआ है तो भूमि अधिग्रहण का प्रश्न ही कहाँ से आया?-प्रोजेक्ट से जुड़े एक वरिष्ठ अभियंता
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2 Public Posts - Sat Oct 17, 2020

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Oct 17 2020 (09:41)
VivekSingh~
VivekSingh~   1748 blog posts
Re# 4749575-3              
Ek approximate list hai, malum maine Satpura ko add nahi kia. Par mujhe laga shayd Rewa Itwari zyada useful hogi.
Satpura se logon ka emotional connect hai, which is understandable.
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1 Public Posts - Sat Oct 17, 2020
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