पलपल संवाददाता, जबलपुर. देश में चल रही प्रीमियम ट्रेन हमसफर एक्सप्रेस में से कई ट्रेन जबर्दस्त घाटा में चल रही है. जिसमें जबलपुर-संतरागाची-जबलपुर हमसफर एक्सप्रेस सबसे घाटे वाली हमसफर बनकर सामने आयी है. जिसका ऑक्युपेंसी पर लगातार रेलवे बोर्ड मॉनीटरिंग कर रहा है. माना जा रहा है कि यदि यही स्थिति आने वाले कुछ माह में बनी रहती है तो इस ट्रेन को या तो बंद कर दिया जायेगा या फिर किसी अन्य रूट पर चलाने विचार हो सकता है. यदि ऐसा होता है तो जबलपुर व महाकोशल क्षेत्र के हजारों बंगभाषियों की मांग पर शुरू की गई इस हमसफर एक्सप्रेस की सुविधा पर ग्रहण भी लग सकता है.
गाड़ी संख्या 20827-20828 जबलपुर-संतरागाची-जबलपुर साप्ताहिक हमसफर एक्सप्रेस कुछ माह पहले काफी उत्साहपूर्वक जबलपुर...
more... से शुरू की गई थी, किंतु इस ट्रेन को जितने यात्री मिलने चाहिए थे, वह आज तक नहीं मिल सका. इस ट्रेन की सीट कभी भी फुल नहीं हो सकी. इस ट्रेन की यात्री संख्या औसतन 32.16 फीसदी ही रही है, जो जबर्दस्त घाटे की ट्रेन बनकर सामने आयी है.
सिर्फ 5 हमसफर ही फुल चल रही
देश में तीन साल पहले रेलवे की ओर से शुरू की गई प्रीमियम हमसफर ट्रेनों के हालात अच्छे नहीं हैं. रेलवे की ओर से हाल ही उपलब्ध करवाई गई 68 हमसफर ट्रेनों की वर्ष 2018-19 की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि इनमें से महज पांच ट्रेन ही ऐसी हैं, जिनमें कोई सीट खाली नहीं जाती. हमसफर एक्सप्रेस जिनमें 30 से 40 प्रतिशत सीट पर ही यात्री सफर करते हैं, उनकी संख्या 15 है तो 48 ट्रेन में 50 से 80 प्रतिशत तक बुकिंग होती है.
घाटा से निपटने कुछ ट्रेनों में द्वितीय श्रेणी स्लीपर कोच लगाने का फैसला
16 दिसंबर 2016 को पहली हमसफर ट्रेन गोरखपुर से आनंद विहार के लिए शुरू हुई थी. यात्रियों को कुछ ज्यादा किराए पर बेहतर सुविधा देने के लिए रेलवे ने इन ट्रेनों की संख्या पिछले तीन साल में 68 तक पहुंचा दी है. इस ट्रेन में केवल एसी स्लीपर क्लास के कोच ही लगाए जाते हैं. अब कुछ ट्रेनों में द्वितीय श्रेणी स्लीपर कोच लगाने का फैसला भी किया गया है.
रेलवे से जुड़ी जानकारियां संग्रहित करने वाले मुकुल खट्टर को आरटीआई में रेलवे ने बताया कि संतरागाची से जबलपुर जाने वाली हमसफर ट्रेन जब जबलपुर से संतरागाची के बीच चलती है तो यात्री संख्या बढ़कर 32.16 फीसदी तक पहुंच जाती है. इसके बाद रामेश्वरम से अजमेर के लिए चल रही हमसफर ट्रेन संख्या 19604 के कोच भी खाली ही दौड़ रहे हैं. इस ट्रेन को एक साल में महज 29 फीसदी यात्री ही मिले.
यात्रियों को आकर्षित करने किराये में छूट, फिर भी नहीं बदले हालात
रेलवे ने खाली दौड़ रही हमसफर एक्सप्रेस में यात्रियों को आकर्षित करने के लिए कुछ समय पहले प्रीमियम किराए से राहत देने की घोषणा की थी. यह छूट करीब 35 जोड़ी हमसफर रेल गाडिय़ों के लिए है, जिनमें केवल थर्ड एसी श्रेणी के कोच लगते हैं. इन ट्रेनों का तत्काल टिकट किराया भी कम किया गया है. अब तत्काल किराया मूल किराए के 1.5 गुना की बजाए 1.3 गुना होगा, कितु रेलवे के इस आकर्षक रियायत का कोई खास असर हमसफर पर पड़ता नजर नहीं आ रहा है. रेलवे को आगामी त्यौहारी व अवकाश के सीजन से उम्मीद है कि इन टे्रेनों की स्थिति में सुधार होगा.