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इस महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों का आकलन करने और उनसे निपटने में भारत की सक्रिय भूमिका के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन की रक्षा करना हमारे देश की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। “विश्व की आबादी का लगभग 17 प्रतिशत होने के बावजूद, हमारे यहां विश्व भर में कोविड-19 रोगियों की संख्या वैश्विक स्तर पर केवल 8 प्रतिशत ही है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, हमने प्रारंभिक चरण में सबसे गंभीर लॉकडाउन (पूर्णबंदी) में से एक को लागू किया, जिससे कोरोना-वायरस फैलाव की श्रृंखला टूट गई और उसके बाद देश को कोविड केयर सुविधा में आत्मनिर्भर बनने के लिए तैयार भी किया। हमने कई अन्य देशों की तुलना में कम मृत्यु दर और उच्च...
more... स्वस्थ होने की दर से काफी बेहतर प्रदर्शन किया है।” महामारी के इस दौर में, भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास, आपातकालीन कमरों की संख्या में वृद्धि, सुरक्षात्मक उपकरणों की व्यवस्था और चिकित्सा आपूर्ति के प्रावधान तथा स्वास्थ्य पेशेवरों के प्रशिक्षण के साथ अपनी क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है। हमारे लोग भी सार्वजनिक स्थलों पर सामाजिक दूरी बनाए रखने और हर समय फेस मास्क पहनने के लिए जागरूक है।
महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों को कम करने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताते हुए, श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 300 बिलियन डॉलर से अधिक के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की, जिसे आत्मनिर्भर भारत कहा जाता है और जिसे स्वावलंबी भारत के रूप में भी परिभाषित किया गया है तथा इसके तहत राजकोषीय और मौद्रिक उपाय भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस मिशन की रूपरेखा अर्थव्यवस्था के पांच स्तंभों पर आधारित है: बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण, प्रौद्योगिकी, सुशासन के विभिन्न पहलुओं, जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाना और मांग को आगे बढ़ाना।
श्री गोयल ने जिम्मेदार निवेश का समर्थन करने के लिए ब्रिक्स जैसे मंच से सदस्य देशों का आह्वान करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य संतुलित परिणामों के लिए होना चाहिए तथा प्राप्तकर्ता देशों को भी लाभ मिलना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे रोजगार सृजन भी होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि इस उथल-पुथल के दौर में ब्रिक्स देशों को एक दूसरे के साथ हर-समय तैयार रहना, कार्य करना और एकजुट होना ही होगा और उन अवसरों का लाभ उठाने के लिए तत्पर रहना चाहिए जो हमारे साझा आकांक्षाओं की नींव रखने वाले एक मजबूत, सशक्त और व्यवस्थित व्यापार प्रणाली का निर्माण करते हैं।
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एसजी/एएम/पीकेपी/एसके
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