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Bhor Ghat section - ये ना ही है जन्नत, ना ही इधर है कोई पर्वत, यह जगह है हर एक Railfan का जो सबकी पूरी करे मन्नत - Sahil Khandare

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News Entry# 415945

Rail News
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Aug 08 2020 (19:17)
Rang De Basanti^   59657 blog posts
Re# 4683676-1              
Part-2/
राज्य की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग, थोक दवा उद्योग के लिए राज्य में लागू प्रोत्साहन की नीतियां, राज्य में तकनीकी जनशक्ति की उपलब्धता, राज्य में दवा/ रसायन समूहों की उपलब्धता का भी, राज्यों के चयन में सकारात्मक प्रभाव होगा। इच्छुक राज्यों को, दिशा-निर्देशों में जारी किए गए मूल्यांकन मानदंडों के आधार पर स्कोर और रैंकिंग प्रदान की जाएगी, जो मापदंडों में सबसे ऊपर से आते है। शीर्ष 3 रैंक प्राप्त करने वाले राज्यों का चयन किया जाएगा। राज्यों को दिशा-निर्देश जारी करने की तारीख के 60 दिनों के अंदर अपना प्रस्ताव भेजना होगा। प्रस्तावों को प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि के 30 दिनों के भीतर, तीनों चयनित राज्यों को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की जाएगी और उनका चयन कर लिया जाएगा।
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इसके बाद 3 चयनित राज्यों को सैद्धांतिक मंजूरी मिलने 180 दिनों के भीतर, एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) प्रस्तुत करनी होगी, जिसके आधार पर उन्हें अंतिम मंजूरी प्रदान की जाएगी। अनुदान-सहायता को चार किस्तों में जारी किया जाएगा। पहली तीन किस्तों में प्रत्येक ले लिए 30% और अंतिम के लिए 10% अनुदान-सहायता प्रदान की जाएगी। चयनित राज्यों को अनुदान-सहायता प्राप्त होने की पहली किस्त मिलने के दो वर्ष के अंदर, अनुमोदित डीपीआर के अनुसार पार्कों का निर्माण का काम पूरा करना होगा। एक ही छत के नीचे सभी प्रकार की विनियामक स्वीकृतियां प्रदान करने के लिए इन पार्कों में एकल खिड़की प्रणाली की भी परिकल्पना की गई है। अनुसंधान और विकास के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम बनाने के लिए, उत्कृष्टता केंद्र के निर्माण को भी परिकल्पित किया गया है। योजना के लिेए कुल वित्तीय परिव्यय 3,000 करोड़ रुपये रखा गया है।



चिकित्सा उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी हुई प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना: इस योजना का उद्देश्य 5 वर्ष की अवधि के लिए, अधिकतम 28 चयनित आवेदकों को बिक्री करने पर, वित्तीय प्रोत्साहन देकर चार लक्षित अनुभागों में चिकित्सा उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है। घरेलू रूप से निर्मित चिकित्सा उपकरणों की बिक्री में 5% की दर से वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। ये प्रोत्साहन वार्षिक अनुमोदन पत्र में उल्लेखित अधिकतम सीमा के अधीन होंगे, यह प्रोत्साहन वित्त वर्ष 2021-22 से उपलब्ध होगा। चार लक्षित अनुभाग हैं:-



कैंसर केयर/रेडियोथैरेपी चिकित्सा उपकरण



रेडियोलॉजी और इमेजिंग चिकित्सा उपकरण (दोनों आयनीकृत और गैर-आयनीकृत विकिरण उत्पाद) और परमाणु इमेजिंग उपकरण



एनेस्थेटिक्स और कार्डियो-रेस्पिरेटरी चिकित्सा उपकरण, जिसमें कार्डियो रेस्पिरेटरी श्रेणी और रेनल केयर चिकित्सा उपकरण के कैथेटर भी शामिल है



सभी इंप्लांटेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों सहित प्रत्यारोपण



भारत में पंजीकृत कोई भी कंपनी और 18 करोड़ रुपये (प्रथम वर्ष की सीमा निवेश का 30%) की न्यूनतम निवल मूल्य (समूह कंपनियों सहित) रखने वाली, योजना के अंतर्गत प्रोत्साहन के लिए आवेदन करने के पात्र है। आवेदक, एक लक्ष्य अनुभाग के साथ-साथ कई लक्षित अनुभागों अंतर्गत कई उत्पादों के लिए आवेदन कर सकता है। चयनित आवेदकों को प्रत्येक वर्ष के लिए निर्धारित सीमा निवेश को पूरा करना होगा और प्रोत्साहन प्राप्ति का पात्र होने के लिए उस वर्ष के लिए न्यूनतम निर्धारित बिक्री प्राप्त करनी होगी। आवेदन करने की समय-सीमा, दिशा-निर्देश जारी होने की तारीख से लेकर 120 दिनों तक है और इसके बाद चयनित आवेदकों को आवेदन खत्म होने की तारीख से 60 दिनों के भीतर अनुमोदन प्रदान किया जाएगा। आवेदन केवल ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही प्राप्त किए जाएंगे। इस योजना का कुल वित्तीय परिव्यय 3,420 करोड़ रुपये है।



सीईओ, नीति आयोग, श्री अमिताभ कांत ने कहा कि भारत बड़ी संख्या में जेनरिक दवाओं के साथ-साथ 500 से ज्यादा एपीआई का उत्पादन करता है, फिर भी उसे बड़ी मात्रा में एपीआई का आयात करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आयात पर निर्भरता को कम करना चाहते हैं।



सचिव, औषधि, श्री पी डी वाघेला ने दिशा-निर्देशों का विस्तृत विवरण प्रदान किया।



यह उम्मीद की जा रही है कि इन योजनाओं के माध्यम से भारत न केवल आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि चयनित थोक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की वैश्विक मांगों को भी पूरा करने में सक्षम होगा। निवेशकों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है क्योंकि उद्योग को प्रोत्साहित करने और एक साथ विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा का समर्थन प्राप्त करने से, उत्पादन की लागत में कमी आने में बहुत हद तक मदद मिलेगी। इन क्षेत्रों में. इस योजनाओं के साथ-साथ उदार एफडीआई नीति और लगभग 17% (अधिभार और उपकर सहित) की लागत प्रभावी कॉर्पोरेट टैक्स दर के साथ, ये योजनाएं चयनित उत्पादों के मामले में भारत को अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में एक प्रतिस्पर्धी बढ़त प्रदान करेगी।



विस्तृत दिशा-निर्देशों को देखने के लिए कृपया यहां पर क्लिक करें:





एसजी/एएम/एके/एसके



(रिलीज़ आईडी: 1641715) आगंतुक पटल : 94

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