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पश्चिम बंगाल में एक अन्य स्वास्थ्य चिंता जापानी इंसेफेलाइटिस और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (जेई-एईएस) बीमारी है और इससे राज्य के प्रभावित 10 जिलों को प्राथमिकता के आधार पर पीने योग्य पानी उपलब्ध कराना है। राज्य ने वर्ष 2020-21 के दौरान इन प्राथमिकता वाले 10 जिलों में 25.46 लाख घरेलू नल कनेक्शन देने की योजना बनाई है। केंद्र ने राज्य को जेई / एईएस के कारण बच्चों में रुग्णता, मृत्यु दर और दिव्यांगता को कम करने के लिए इन जिलों में 2022 तक 100 प्रतिशत घरेलू कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने की सलाह दी है।
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जल जीवन मिशन के तहत महिलाओं को सशक्त बनाया जाता है और उन्हें पानी की गुणवत्ता पर निगरानी रखने के लिए अग्रिम पंक्ति के अधिकारी के रूप में काम करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। ग्राम पंचायत स्तर पर 5 लोगों खासकर महिलाओं को जल गुणवत्ता परीक्षण के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। राज्य सरकार ने आम जनता के लिए जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएं खोलने की भी योजना बनाई है।
घर की चहारदिवारी के भीतर ही पीने योग्य पानी को उपलब्ध कराना अति आवश्यकता है। यह सुविधा ने सिर्फ दूषित पानी से होने वाली बीमारियों से लोगों को बचाते हुए उनके स्वास्थ्य में सुधार करेगी बल्कि यह ग्रामीण महिलाओं को दूर से पीने योग्य पानी लाने में लगने वाले समय में बचत कर उसे आर्थिक गतिविधियों में लगाने का अवसर भी प्रदान करेगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू नल कनेक्शन का प्रावधान महिलाओं को दूर से पीने योग्य पानी लाने के कठोर श्रम वाले काम से निजात दिलाएगा। इससे विशेष रूप से लड़कियों को राहत मिलेगी क्योंकि आम तौर पर घरों में पानी लाना उन्हीं की जिम्मेदारी होती है।
जल जीवन मिशन महज एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है। यह एक जन आंदोलन है और इसे लागू करने के लिए अच्छी जानकारी और एक संचार योजना की आवश्यकता है ताकि समुदाय को संगठित किया जा सके। सभी गांवों में आईईसी अभियान को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए इसे अच्छी तरह से तैयार किया जाना है। राज्य को ग्रामीण क्षेत्र में पानी की आपूर्ति के बुनियादी ढांचे के निर्माण के साथ-साथ उनके संचालन और रखरखाव हेतु ग्रामीण समुदाय को संगठित करने के लिए सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों और स्वयंसेवी संगठनों को इस अभियान से जोड़ना है।
राज्य को दीर्घकालिक आधार पर प्रत्येक बस्ती / गांव के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल कनेक्शन प्रदान करने के मिशन के मुख्य उद्देश्य से परे देखने की आवश्यकता है। यह कार्यक्रम राज मिस्त्री, नल लगाने वालों, फिटिंग, बिजली आदि क्षेत्रों में कुशल और अर्ध-कुशल लोगों के लिए एक अवसर है, जो कि पानी की आपूर्ति योजनाओं को तैयार करने और उनके संचालन एवं रख-रखाव के काम के लिए आवश्यक होगा। प्रत्येक गांव / बस्ती में ऐसे लोगों की आवश्यकता होगी। राज्य को ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे कुशल मानव संसाधन का एक पूल बनाना है ताकि गांवों को जल आपूर्ति प्रणालियों के रखरखाव के लिए आत्म-निर्भर बनाया जा सके। सारांश यह है कि जल जीवन मिशन राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी ला सकता है।
पिछले कुछ दशकों में पश्चिम बंगाल के कई क्षेत्रों में सूखा और पानी की कमी की पीड़ा देखी गई है। राज्य सरकार को जल संकट के समाधान के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। कोविड-19 महामारी के परिदृश्य में स्वच्छ और पर्याप्त पानी तक पहुंच होना सभी के लिए अनिवार्य है, वह भी हमारे घर के आसपास के क्षेत्र में ताकि सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंशिंग) का पालन किया जा सके। यह वास्तव में महिलाओं और लड़कियों को पानी के लिए हर रोज लंबी कतारों में इंतजार करते हुए देखना दुखद है। राज्य द्वारा अच्छी तरह लागू केंद्र सरकार का जल जीवन मिशन दरअसल ऐसी कई महिलाओं के लिए खुशी का द्वार है।
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एमजी/एएम/एके/डीसी
(रिलीज़ आईडी: 1643594) आगंतुक पटल : 137