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News Entry# 417181

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Aug 29 2020 (19:37)
Rang De Basanti^   59650 blog posts
Group Recipients: *current-affairs
Re# 4698705-1              
Part-2/
230 केन्द्रीय विद्यालय और 570 जवाहर नवोदय विद्यालयों के विशाल परिसर को, रक्षा अधिकारियों, अर्धसैनिक बलों और राज्य सरकारों को कोरोना संदिग्धों को क्वारंटाइन करने, प्रवासी मजदूरों को आवास प्रदान करने और अर्धसैनिक बलों की अस्थायी तैनाती के लिए कैंप बनाने के उद्देश्य से सौंपा गया है।
भारत द्वारा कम कीमत पर उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने और विश्व गुरु के रूप में उसकी भूमिका को बहाल करने के लिए, उसे एक वैश्विक अध्ययन गंतव्य के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्ष 2020-21 के लिए, भारत में अध्ययन के अंतर्गत 35,500
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छात्र पंजीकृत हैं। 1,452 विदेशी शिक्षकों ने पाठ्यक्रमों को पढ़ाने के लिए भारत का दौरा किया है।
भारत आने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए इंड-सैट परीक्षा शुरू की गई है जिसमें 2,000 छात्रों को छात्रवृत्ति देने का प्रावधान रखा गया है। चैंपियन सेवा क्षेत्र योजना (सीएसएसएस) के अंतर्गत छात्रवृत्ति, अवसंरचना और ब्रिज कोर्स के लिए पांच वर्षों में (2023-24 तक), 710.35 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
कोविड-19 महामारी के कारण हमारे सामने उत्पन्न हुई विभिन्न चुनौतियों को सुलझाने और आत्मनिर्भर भारत बनाने में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) ने सकारात्मक रूप से आगे बढ़कर योगदान दिया है। देश के प्रमुख संस्थानों ने इस संकट से निपटने के लिए असंख्य नवोन्मेषी उपाय किए हैं, जिनका वैश्विक स्तर पर एक अद्वितीय प्रभाव पड़ा है। अनुसंधान से बचाव तक, हमारे एचईआई ने कोविड-19 चुनौती का मुकाबला करने के लिए विभिन्न आयामों में योगदान देकर बहुत बड़ी जिम्मेदारी निभाई है। ड्रग डिस्कवरी हैकथॉन, 'फाइट कोरोना आइडियाथॉन' और स्मार्ट इंडिया हैकाथन जैसे हैकथॉन का आयोजन किया जा रहा है।
एमएचआरडी ने कोरोश्योर किट को लॉन्च किया- आईआईटी दिल्ली कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंस (केएसबीएस) के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के लिए एक अनुसन्धान जांच किट विकसित की है, जिसे आईसीएमआर ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इस जांच किट को आईसीएमआर ने 100% संवेदनशीलता और विशिष्टता के साथ मान्यता प्रदान की है। यह, आईआईटी-दिल्ली को पहला शैक्षणिक संस्थान बनाता है जिसने रियल टाइम पीसीआर आधारित नैदानिक ​​जांच के लिए आईसीएमआर से अनुमोदन प्राप्त हुआ है। आईआईटी दिल्ली द्वारा विकसित किफायती कोविड-19 परीक्षण किट पीपीपी का एक बेहतरीन उदाहरण है।
चाहे वह वेंटिलेटर हो, टेस्टिंग किट हो, मास्क उत्पादन हो, सैनिटाइजर इकाई, मोबाइल आधारित संपर्क ट्रैकिंग एप्लीकेशन, संसाधन जुटाने के लिए विभिन्न वेब-पोर्टल्स हों, हमारे एचईआई ने विश्वस्तरीय काम किया है। आईआईटी रुड़की ने कम लागत में ‘प्राण-वायु’ वेंटिलेटर विकसित किया है। आईआईटी कानपुर ने स्वदेशी मास्क उत्पादन केंद्र की शुरुआत की है। आईआईटी के पूर्व छात्रों द्वारा विकसित कोविड-19 टेस्ट बस महाराष्ट्र में शुरू की गई है। आईआईटी, आईआईआईटी, एनआईटी और आईआईएसईआर में पर्याप्त रूप से काम किया जा रहा है।
मंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का उद्देश्य भारत की शिक्षा प्रणाली के सभी पहलुओं को नया रूप प्रदान करना है, जो पिछले तीन दशकों से चल रहे हैं और इसे शिक्षा के सर्वोत्तम वैश्विक मानकों के नजदीक लाना है। एनईपी में परंपराओं और अंतःविषय दृष्टिकोण के बीच एक संतुलन स्थापित किया गया है। एनईपी साधनों का एक मिश्रण है जो छात्रों को वैश्विक दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाता है, साथ ही साथ भारत के मूल्यों, संस्कृति और भाषाओं को समझने में भी। सबसे महत्वपूर्ण बात, एनईपी में स्पष्ट दृष्टिकोण और परिभाषित उद्देश्य हैं।

उन्होंने कहा कि एनईपी सबसे ज्यादा नियोजित, व्यापक और संपूर्ण दस्तावेज है जिसका उद्देश्य छात्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है, जिससे वे भारत के केंद्रित मूल्यों, नैतिकता और संस्कृति को संरक्षित रखते हुए वैश्विक दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हो सकें। चूंकि शिक्षा एक समवर्ती विषय है, इसलिए एनईपी केवल व्यापक दिशा प्रदान करता है। प्रस्तावित सुधारों को केवल केंद्र और राज्यों द्वारा सहयोगात्मक रूप से ही लागू किया जा सकता है।

मंत्री ने कोविड संकट से निपटने के लिए सभी क्षेत्रों में कई पहल करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार को बधाई दी। कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए वर्तमान लॉकडाउन के दौरान, मध्य प्रदेश के स्कूली शिक्षा विभाग ने यह सुनिश्चित करने का काम सक्रिय रूप से किया है कि बच्चे सीखने के किसी भी अवसर को न खोएं और तकनीकी सक्षम शिक्षण स्रोतों तक पहुंच प्राप्त करके अपनी अकादमिक प्रगति को जारी रखें। श्री निशंक ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का लक्ष्य को पूरा करने के लिए केंद्रीय संस्थानों को सभी प्रकार का समर्थन प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव, श्री इकबाल सिंह बैंस और नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव (स्वास्थ्य और पोषण), श्री राकेश सरवाल ने भी 'आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश-स्वास्थ्य एवं शिक्षा' वेबिनार में हिस्सा लिया।

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एमजी/एएम/एके/एसके



(रिलीज़ आईडी: 1644921) आगंतुक पटल : 64

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