रेल मंत्री ने अपने भक्तों को सही झटका दिया है जो ट्विट्टर पर दवा और दूध पानी की सप्प्लाई से मोहित थे. और आधी रात के खाली प्लेटफार्म दिखा कर जय जयकार करते थे.
क्यों की स्पेशन फेयर और PT से सबको परेशानी नहीं थी और वे खाली भी चल रही थी तो कोई ये सोच नहीं सकता की पैसे कमाने की हवस में रेल मंत्री अपनी मोनोपोली का ऐसा नाजायज़ फायदा उठाएंगे की कोई भी सही सोच वाला इस कदम का समर्थन नहीं करे.
इस प्लान में कई झोल हैं:
मध्यवर्ती...
more... स्टेशन वाले बहुत घाटे में रहेंगे,
हर आदमी एडवांस में टिकट बुक नहीं कर सकता और कर भी ले तो भी इस फार्मूले से उसको कुछ फायदा नही होगा.
ऐसे लोग जो किसी भी कारण से यात्रा कुछ पहले बुकिंग करते हैं वे तो लुट गए समझो.
RL-PQ वाले जगह होने पर भी लुटेंगे
कई बार RAC या WL 2/4 पर ही चार्ट बनता है और CK खाली रहता है. अब रेल सैकड़ों बर्थ खाली होने पर भी डेढ़ गुना किराया वसूलेगा या यात्री यात्रा नहीं करेगा और ट्रेन खाली जायेगी.
ये तो अंधेर नगरी चौपट राजा वाली बात हुई.
हवाई ज़हाज़ से रेल की तुलना मानसिक दीवालियापन है. इस कदम से सब को नुक्सान होगा.