भागलपुर, वरीय संवाददातानाथनगर स्टेशन पर बम मिलने के 10 दिन बाद भी रेल पुलिस मामले का खुलासा नहीं कर पायी है। अबतक न तो किसी की गिरफ्तारी हुई है न ही यह स्पष्ट किया गया है कि यह आतंकी या नक्सली साजिश थी या फिर अपराधियों का कृत। पुलिस अब भी यही कह रही है कि मामले की जांच की जा रही है, कुछ सुराग मिले हैं उस आधार पर छापेमारी की जा रही है।इस मामले में रेल पुलिस ने चिट्ठी में मिले फोन नंबर का कॉल डिटेल निकाल लिया है। उस आधार पर उससे जुड़े लोगों की भी छानबीन की गई लेकिन नतीजा सिफर रहा। अबतक पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा है। इस मामले में रेल एसपी आमिर जावेद कहते हैं कि मामला कम्लीकेटेड और संवेदनशील है, इसलिए जांच में समय लग रहा है। इसमें सीनियर से भी बात कर के कुछ कदम उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह... more...
चोरी या छिनतई जैसी घटना नहीं है जिसमें तुरंत अपराधियों तक पहुंचा जा सके। यह काफी संवेदनशील मामला है इसलिए पुलिस इसमें कुछ बताने की स्थिति में नहीं है। जांच की जा रही है और कुछ सुराग भी मिले हैं उस आधार पर जांच आगे बढ़ रही है।बहरहाल रेल एसपी का भले ही यह कहना हो लेकिन नाथनगर की घटना के बाद रेलखंड पर चलने वाले यात्रियों में भी भय व्याप्त है। इतनी बड़ी घटना हुई है और पुलिस दस दिनों में किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। चूंकि यह बड़ा मामला है और यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए लोगों में भी यह जानने की उत्सुकता है कि आखिर नाथनगर स्टेशन पर बम किसने रखा। क्या यह आतंकी साजिश थी या नक्सली। सरेशाम बीच स्टेशन पर बम रखना यह बताता है कि पुलिस का भय नहीं रह गया है। अगर यह आतंकी साजिश है तो अपने आप में यह बड़ी बात है। क्योंकि भागलपुर क्षेत्र में कोई आतंकी घटना अब तक नहीं हुई है। भागलपुर रेलखंड पर भी कोई आतंकी घटना नहीं हुई है। यह पहली बार है कि किसी घटना में आतंकी साजिश मानकर भी जांच करायी जा रही है। इस मामले में पुलिस ने जो प्राथमिकी दर्ज करायी है उसमें भी आतंकी साजिश होने की आशंका व्यक्त की गई है। इतना ही नहीं मौके पर से जो बम बरामद किया गया है उसमें दो-दो डेटोनेटर लगे हैं जो यह दर्शाता है कि यह साधारण आपराधिक घटना नहीं है।
नाथनगर स्टेशन पर 17 फरवरी की रात रेलवे ट्रैक पर मिले बम की अब तक एफएसएल रिपोर्ट जीआरपी को नहीं मिली। इससे जांच बाधित हो रही है। एसआईटी को पता नहीं चल रहा है कि नक्सलियों द्वारा जिस डेंसिटी का बम उपयोग किया जाता है। यह उस क्षमता की है या नहीं। क्षमता से हाई होने पर पता चलेगा कि नक्सली वारदात है या नहीं। इसके बाद जांच की दिशा तय होगी। एसआईटी का ध्यान मुंगेर के हवेली खड़गपुर, पाटम, जमालपुर, कजरा, धरहरा के अलावा भागलपुर के शाहकुंड, पीरपैंती के पहाड़ी इलाके और जमुई के पहाड़ी इलाकों से जुड़े गांवों की ओर है। दरअसल, बम में लगा डेटोनेटर से जीआरपी को शक है कि पत्थर उड़ाने में इसका उपयोग होता है, इसलिए... more...
किसी मजदूर किस्म के लोगों ने डेटोनेटर वहां से लाकर बम में फिट किया। फोटो और नंबर से भी अब तक नहीं मिला सुराग स्पाॅट पर पर्स में मिले फोटो व मोबाइल नं. से सुराग नहीं मिला। तीनों मोबाइल 7061834269, 8409446503 व 9572443133 बंद आ रहा है। एक अधिकारी ने बताया, एफएसएल रिपोर्ट के बाद असलियत सामने आएगी। महकमा ने लैब निदेशक को जल्द रिपोर्ट देने का अनुरोध किया है।
भागलपुर, वरीय संवाददातानाथनगर स्टेशन पर बम मिलने के मामले में नौ दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। अब भी यही बताया जा रहा है कि जांच चल रही है। मोबाइल नंबर का सत्यापन कराया जा रहा है। पुलिस यह बताने की स्थिति में नहीं है कि वह मोबाइल नंबर किसका है। किसी आम नागरिक का है या किसी अपराधी या आतंकी से जुड़े लोगों का।मोबाइल का कॉल डिटेल निकल गया है और इस आधार पर छापेमारी भी हो रही है। छापेमारी मुंगेर के इलाके में की जा रही है। क्योंकि चिट्ठी में इसका जिक्र है कि तीन साथी मुंगेर के रहने वाले हैं। एक साथी शाहकुंड का बताया गया था। बताया जा रहा है कि पुलिस ने शाहकुंड के उस पते पर छापेमारी की थी। लेकिन कुछ विशेष हाथ नहीं लगा। इधर पुलिस कॉल डिटेल के आधार पर यह खंगालने में जुटी है कि उस नंबर पर किनकी किनकी... more...
बात हुई है। जिस दिन घटना हुई उस दिन उस मोबाइल नंबर का लोकेशन कहां था और उससे संपर्क करने वाला कोई मोबाइल नंबर नाथनगर क्षेत्र में तो नहीं था। पुलिस की जांच इस बिंदु पर भी चल रही है कि चिट्ठी कहीं पुलिस को जांच से भटकाने के लिए तो नहीं रखी गई थी। हालांकि चिट्ठी में जो बातें लिखी गई है उससे पुलिस महकमा के कान खड़े हो गए हैं। चिट्ठी में जमुई पुलिस लाइन और भागलपुर रेलवे स्टेशन को उड़ाने की बात लिखी गई है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि दोनों जगहों पर पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है। जीआरपी थाने में अब स्थानीय पुलिस के वरीय अधिकारी भी नियमित सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं। दो दिन पूर्व भी एएसपी ने रात में आकर जीआरपी थाने की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था। इधर इस मामले की जांच कर रहे रेल डीएसपी विनय राम कहते हैं कि मोबाइल कॉल डिटेल निकाला गया है और उसके आधार पर जांच की जा रही है।
नाथनगर। हिन्दुस्तान प्रतिनिधिरेलवे ट्रैक नाथनगर पर बुधवार शाम चार बजे के करीब एक लावारिस बैग मिलने से रेलवे स्टेशन पर दोबारा हड़कंप मच गया। सूचना पाकर पहुंची रेलवे पुलिस ने बैग की सघन जांच कर उसे अपने कब्जे में लिया। जांच के क्रम में रेल पुलिस को बैग के अंदर एक गमछा, चप्पल और और टोपी मिली है। वहीं जीआरपी पुलिस ने पहुंचकर सुरक्षा की दृष्टिकोण से आसपास रेलवे ट्रैक पर आगे जाकर भी जांच की लेकिन कोई अन्य चीज बरामद नहीं हुआ। स्टेशन मास्टर संजय कुमार ने बताया कि शाम चार बजे रेलवे ट्रैक पर एक लावारिस बैग फेंका हुआ दिखाई दिया था। जीआरपी को सूचना देकर जांच कराई गई लेकिन कोई आपत्तिजनक सामान नहीं मिला।
भागलपुर, वरीय संवाददातानाथनगर स्टेशन पर बम के साथ रखे गए पर्स में जो मोबाइल नंबर मिला था उसका कॉल डिटेल निकाला गया है। पुलिस कॉल डिटेल के आधार पर मोबाइल धारकों का कनेक्शन खंगाल रही है। वहीं नाथनगर स्टेशन के पास जो मोबाइल टावर है उसके क्षेत्र में कौन-कौन सा मोबाइल घटना के दिन सक्रिय था। इसकी भी जांच की जा रही है। अब बम मामले में तकनीकी जांच शुरू हो गई है। बताया जा रहा है इस मामले में एटीएस भी अपने स्तर से जांच कर रही है। मोबाइल कॉल डिटेल सहित अन्य जानकारी एटीएस को उपलब्ध करायी गई है।संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी की जा रही है। बताया जा रहा है कि मुंगेर क्षेत्र में छापेमारी की जा रही है। छापेमारी में एसटीएफ का भी सहयोग लिया जा रहा है। पिछले दो दिनों में भागलपुर क्षेत्र में छापेमारी नहीं हुई है। पुलिस के अधिकारी कह रहे हैं... more...
कि तकनीकी जांच से तह तक पहुंचा जा सकता है। फिलहाल यह देखा जा रहा है कि जो मोबाइल नंबर दिया गया था उससे जुड़े हुए कौन-कौन लोग हैं। कौन ऐसा नंबर है जिससे उस नंबर की लगातार बात हुई है। ऐसे सभी नंबरों को चिह्नित किया जा रहा है। चिट्ठी की हर बात पर गौर किया जा रहा है। इस बिंदु पर भी जांच चल रही है कि कहीं ध्यान भटकाने के लिए तो चिट्ठी नहीं छोड़ी गई है। बम के प्रकार को देखते हुए पुलिस इसे आतंकी या नक्सली साजिश मान रही है। इसी आधार पर प्राथमिकी दर्ज करायी गई है। क्योंकि अपराधी अक्सर डेटोनेटर वाले बम का इस्तेमाल नहीं करते हैं।नाथनगर स्टेशन पर जो बम मिला था उसमें दो-दो डेटोनेटर लगे थे। लिहाजा पुलिस इस बात से बिल्कुल निश्चिंत नहीं है कि यह आतंकी या नक्सली घटना नहीं है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि केस अब भी खुला हुआ है और हर ऐंगल पर जांच की जा रही है। चिट्ठी और मोबाइल नंबर की जांच के आधार पर आगे की रणनीति बनायी जा रही है।कॉल डिटेल निकाला गया है। उसके आधार पर जांच की जा रही है। जल्द ही मामले में तह तक पुलिस पहुंच जाएगी। अभी संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी की जा रही है। पुलिस हर ऐंगल पर जांच कर रही है।विनय राम, रेल डीएसपी।
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