उसे डिफेंड कर रही है घाटे के नाम पर, वैसे अगर 1A का फेयर ज्यादा है तो फिर इतना घाटा क्यों ? और उसका बोझ कौन उठा रहा है ?
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2A aur 3A me to bahut jyada
यानी यात्री एक सीमा से ज्यादा से ज्यादा किराया देना पसंद नहीं करता. यानी नई स्कीम इस आधार पर गलत हुई, 3A में RAC यानि एक बर्थ पे डबल कमाई, ऊपर से तत्काल तो वास्तविक भाडा ज्यादा ही हुआ. इसमे केंसिलेशन और WL से होने वाली अतिरिक्त कमाई का तो कोई हिसाब कही मेंशन ही नहीं होता.
आपके हिसाब से भी मान ले की 2A खली रहता है तो घाटा कैसे हुआ ? 46 में 36 भरी तो ड्योढ़ेभाड़े के हिसाब से 3A की 54 बर्थ भरीं और 3A में सरप्लस है, फिर जो बर्थ 2A में खाली रहीं उसमे रेल को (रेल के हिसाब से ) जो घाटा हो रहा था वह नहीं हुआ. (सीधा हिसाब है यात्री परिवहन से घाटा बढेगा खाली डिब्बे से उतना नहीं होगा )
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cancellation hoti hai wo mostly sab waiting ki hoti hai jisme railway ko koi fayda nahi hota,
उलटे यही तो वो कमाई है जिसको कहते हैं : हर्रे लगे न फिटकिरी रंग आवे चोखा ! इस मद की इनकम जिसमे यात्री बुकिंग का चार्ज भरता है, बिना ब्याज का पैसे देता है और रद्द करवाने पे भी रेलवे एक हिस्सा हड़प लेती है. और आप कहते हो कमाई नहीं है ?
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for ex karnataka express me sleeper ka kiraya hai 765
सिर्फ दुरंतो में ही e 2 e सवारी थी वो भी अनरिज़र्व्ड नही थी, बाकी सभी ट्रेनों में : मिनिमम डिस्टेंस फेयर का सिस्टम है, मध्यवर्ती स्टेशनों की बुकिंग के कमाई बढती है , e 2 e सवारी कुल सवारी का एक हिस्सा ही होती हैं और क्यों की अनलिमिटेड टिकट बेचे जाते हैं तो ज़ाहिर है की कमाई डिब्बेकी वहन क्षमता के आधार पर केल्कुलेट नहीं की जा सकती. और तो और ऐसे डिब्बे कुल ट्रेल लोड का आधा भी नहीं होते. ऐसे ये बड़ा भ्रम है की ठहराव बढ़ने से घाटा होता है या ट्रेन के नान स्टॉप चलने से.
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sirf aurf sirf ac ka fark hai sleeper aur 3a mein baaki sab same hai..
क्या वाकई ? कोई सामान्य समझवाला भी दोनों डिब्बों पर आने वाली लागत का अंतर जानता तो नहीं पर समझता तो ज़रूर है, इंटरनेट के सहयोग से ये मोटी सूचना मिली:
The cost of manufacturing an air conditioned (AC) coach is estimated at Rs. 2.5 crore and that for manufacturing a non-AC coach is at Rs.1.5 crore and engine would cost Rs. 20 Crore
रेलवे फाइनेंस के बारे एक जानकारी भरा पेज :
RAILWAY FINANCE & क्यों की ये बड़ा ही जटिल मैथ है सो
Prices and Costs in Railway Sector---------
baat saaf hai ki 3A ka fare jyada hai sleeper se phir bhi
बात ये है की हर आदमी को एसी सूट नहीं करता लेकिन SL की नारकीय यात्रा से बचने के लिए कई लोग 3A की शरण में जाते हैं और इसके लिए अपना बज़ट थोडा स्ट्रेच करते हैं . अगर SL की यात्रा सुखद हो तो घने ऐसे लोग हैं जो एसी का रूख भी न करें.