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मोदी सरकार अपने कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उनकी शिकायतों का निवारण विवेकपूर्ण ढंग से किया जा रहा है : डॉ. जितेन्द्र सिंह
कोविड महामारी के दौरान विलक्षण और अपने किस्म का पहला कदम उठाते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज इंटरैक्टिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीनों विभागों- डीओपीटी, डीएआरपीजी और डीओपीपीडब्ल्यू के अनुभाग अधिकारी स्तर तक के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बातचीत की। डॉ. सिंह ने कहा कि मोदी सरकार अपने कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उसने सदैव उनकी...
more... भलाई के लिए बेहद संवेदनशीलता के साथ चिंता दर्शायी है। उन्होंने कहा कि कोविड संकट के दौरान, कार्यालयों में केवल 33 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ घर से कार्य करने की अत्यंत स्वस्थ प्रणाली का अनुसरण किया जा रहा है और यह कार्य के अनुकूल वातावरण का बहुत बड़ा प्रमाण है।
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श्री नितिन गडकरी ने स्थानीय कच्चे माल का उपयोग कर विनिर्माण उत्पादों के लिए कृषि, मत्स्य पालन और वन उत्पाद एमएसएमई पर जोर दिया
मंत्री महोदय ने इस बात को दोहराया कि नए ग्रीन एक्सप्रेस राजमार्ग औद्योगिक समूहों, आधुनिक टेक्नोलॉजी से सुसज्जित लॉजिस्टिक पार्कों में भविष्य के निवेश का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि उद्योगों के विकेंद्रीकरण पर काम करने और देश के ग्रामीण, आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
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जनजातीय कार्य मंत्री ने ‘जनजातीय आजीविकाओं एवं सुरक्षा’ पर राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए श्री अर्जुन मुंडा ने राज्यों को संशोधित समर्थन मूल्यों पर लघु वन उपज (एमएफपी) की खरीद में तेजी लाने के द्वारा जनजातीय आजीविका को समर्थन देने के लिए राज्यों को बधाई दी। जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने राज्यों में प्रधानमंत्री की वन धन योजना के कामकाज की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जनजातीय उपज को वैश्विक बाजार से जोड़ने के लिए मूल्य वर्धन की आवश्यकता है जोकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का दीर्घकालिक विजन है। श्री अर्जुन मुंडा ने कोविड-19 द्वारा उत्पन्न स्थिति के बाद घर लौटने वाले जनजातीय प्रवासियों/छात्रों के लिए राज्यों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई की भी समी़क्षा की।
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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कोविड-19 एवं जम्मू के लिए नियमित रेलगाड़ी सेवा फिर से आरंभ करने के संबंध में जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख में व्यवस्थाओं की समीक्षा की
डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख के सभी जिलों के उप आयुक्तों के साथ कोविड-19 की नवीनतम स्थिति, दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में फंसे हुए व्यक्तियों के आगमन तथा कल (बुधवार) से जम्मू तक नियमित रेल सेवाओं को फिर से आरंभ करने के अतिरिक्त श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों के जरिये पहुंचने वाले यात्रियों के लिए प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं को लेकर परस्पर बातचीत की।
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हरियाणा में दिसंबर 2022 तक सभी ग्रामीण परिवारों को नल से पीने का पानी उपलब्ध कराने की तैयारी
राज्य ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत 2019-20 में 1.05 लाख नल कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। अब राज्य सरकार 2024-25 के लिए निर्धारित राष्ट्रीय लक्ष्य से पहले दिसंबर 2022 तक ग्रामीण परिवारों को 100 प्रतिशत नल कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। ऐसा करके हरियाणा प्रत्येक ग्रामीण परिवार तक नल कनेक्शन प्रदान करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने वाले अग्रणी राज्यों मे से एक हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने हाल ही में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) के डैशबोर्ड का शुभारंभ किया है। कोविड-19 के मौजूदा हालात में प्राथमिकता के आधार पर ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन प्रदान किया जाए, ताकि ग्रामीण लोगों को सार्वजनिक स्थलों से पानी लाने के लिए बड़ी कतार में खड़े होने की कठिनाई से न गुजरना पड़े।
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जम्मू और कश्मीर दिसंबर 2022 तक प्रत्येक परिवार को नल का पानी उपलब्ध कराएगा
वर्तमान वर्ष के दौरान, केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) 3 जिलों – गंदरबल, श्रीनगर और रायसी के सभी 5,000 गांवों के 100 प्रतिशत कवरेज के लिए योजना बना रहा है। केन्द्र शासित प्रदेश के अधिकारियों ने जेजेएम के तहत प्रत्येक परिवार को नल द्वारा जल आपूर्ति से सम्बंधित अपनी कार्ययोजना कल पेयजल और स्वच्छता विभाग को पेश की। यूटी के अधिकारियों ने कहा कि यूटी में 18.17 लाख घर हैं, जिनमें से 5.75 लाख घरों को पहले ही चालू घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) दिए जा चुके हैं। शेष घरों में से 1.76 लाख घरों को 2020-21 तक नल का कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना है।
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कोविड-19 के बाद विनिर्माण कंपनियों में बदलाव, कोविड-19 चुनौती पर काबू पाने के लिए अनुसंधान को उद्योग के और करीब लाया जाना चाहिए और आपसी सहयोग बढ़ाया जाना चाहिए
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर “री बूटिंग द इकॉनमी थ्रू साइंस, टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च ट्रांसलेशन – (आरईएसटीएआरटी) विषय पर एक दिवसीय डिजिटल कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। कॉन्फ्रेंस में कॉविड-19 के बाद विनिर्माण कंपनियों में बदलाव, आपसी सहयोग और अनुसंधान को उद्योग के और करीब लाये जाने के महत्व को रेखांकित किया गया।
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पर्यटन मंत्रालय ने “देखो अपना देश” श्रृंखला के तहत ‘ओडिशा-भारत का सुरक्षित रखा गया अत्यधिक प्रभावशाली रहस्य’ शीर्षक से 18वां वेबिनार आयोजित किया
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भागलपुर स्मार्ट सिटी कोविड-19 से लड़ने के लिए नवीन तकनीकी पहलों का उपयोग कर रहा है
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