Spotting
 Timeline
 Travel Tip
 Trip
 Race
 Social
 Greeting
 Poll
 Img
 PNR
 Pic
 Blog
 News
 Conf TL
 RF Club
 Convention
 Monitor
 Topic
 #
 Rating
 Correct
 Wrong
 Stamp
 PNR Ref
 PNR Req
 Blank PNRs
 HJ
 Vote
 Pred
 @
 FM Alert
 FM Approval
 Pvt

RailCal app

site support

Purvanchal Express - Poorvottar ka Sikandar

Search Forum
<<prev entry    next entry>>
Blog Entry# 4645310
Posted: Jun 06 2020 (07:52)

1 Responses
Last Response: Jun 06 2020 (07:53)
Rail News
7280 views
0

Commentary/Human Interest
Jun 06 2020 (07:52)   अगले पांच वर्षों में देश भर में 200 ‘नगर वन’ विकसित करने की शहरी वन योजना

Rang De Basanti^   138872 news posts
Entry# 4645310   News Entry# 410486         Tags   Past Edits
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
शहरी...

Rail News
6665 views
0

Jun 06 2020 (07:53)
Rang De Basanti^   58957 blog posts
Re# 4645310-1              
Part-2/
भारतीय संस्कृति पर प्रकाश डालते हुएश्री जावड़ेकर ने कहा कि “भारत संभवतः एकमात्र ऐसा देश है जहां पेड़ों की पूजा की जाती है, जहां जानवरों, पक्षियों और सरीसृपों की पूजा कीजाती है और यह पर्यावरण के लिए भारतीय समाज का सम्मान है। उन्‍होंने कहा कि हमारे पास युगों से गांव के जंगल की बहुत ही महत्वपूर्ण परंपरा हुआ करती थी, अब शहरी वन संबंधी इस नई योजना से इस खाई को भरा जा सकेगा क्योंकि शहरी क्षेत्रों में उद्यान तो हैं लेकिन जंगल बहुत ही कम हैं; शहरी वन बनाने की इस गतिविधि के साथ हम अतिरिक्त कार्बन सिंक भी तैयार करेंगे।
...
more...
click here
इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय राज्य मंत्री श्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि वृक्षारोपण और मृदा नमी संरक्षण एक मुख्य रणनीति के रूप में देश में जैव विविधता संरक्षण की दिशा में काम करते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नदी के घाटों पर मिट्टी के क्षरण, गाद और पानी के कम प्रवाह की समस्याओं को दूर करने के लिए सभी को सामूहिक रूप से काम करना होगा।
इस कार्यक्रम में मरुस्थलीकरण रोकथाम संयुक्‍त राष्‍ट्र अभिसमय(यूनाइटेड नेशन कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन-यूएनसीसीडी) केकार्यकारी निदेशक, श्री इब्राहिम थियाव और संयुक्‍त राष्‍ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की कार्यकारी निदेशक सुश्री इंगेर एंडरसन ने भी वर्चुअल रूप से भागीदारी की।
यूएनसीसीडी के कार्यकारी निदेशक, श्री थियाव ने कहा कि "क्या अब समय नहीं आ गया हैकि हमें इस बात का एहसास हो कि यदि प्रकृति को हमारी जरूरत है भी, तो भी उससे कहीं ज्यादा हमें प्रकृति की जरूरत है। क्या अब समय नहीं आ गया हैकि हममें इतनी विनम्रता हो कि हम प्रकृति के साथ अपने संबंधों के बारे में नए सिरे से सोचे और उन्‍हें पुनर्परिभाषित करें। शायद अब समय आ गया है कि मानवता प्रकृति के लिए एक नया सामाजिक अनुबंध करे।”
click here
इस वर्ष के थीम पर जोर देते हुए सुश्री एंडरसन ने कहा कि प्रकृति के लिए क्रियाओं का आशय - भविष्य में महामारियों का कम जोखिम, सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करना, जलवायु परिवर्तन की गति को धीमा करना, स्वस्थ जीवन, बेहतर अर्थव्यवस्थाएं, ताजी हवा में सांस लेना या अपने आप में जीवन की रक्षा करने वाले जंगलों में विचरण करना है। कोविड के बाद की दुनिया मेंहमें बेहतर निर्माण करने की आवश्यकता है, हमें खुद को बचाने के लिए ग्रह की रक्षा करने की आवश्यकता है।
इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र सरकार के वनमंत्री श्री संजय राठौड़, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में नवनियुक्त सचिव श्री आरपी गुप्ता, महानिदेशक वन और विशेष सचिवश्री संजय कुमार, पर्सिस्टन्ट सिस्‍टम के आनंद देशपांडे और टीईआरआरई पॉलिसी सेंटर, पुणे की निदेशकडॉ. विनीता आप्टेने भी भाग लिया और अपने विचारों को साझा किया।
click here
भारत पशुओं और पौधों की कई प्रजातियों से समृद्ध जैव विविधता से संपन्न है और जैव-विविधता से युक्‍त 35 वैश्विक हॉटस्पॉट्स में से 4 का मेजबान है, जिनमें अनेक स्थानिक प्रजातियां मौजूदहै। हालांकिबढ़ती जनसंख्या, वनों की कटाई, शहरीकरण और औद्योगीकरण ने हमारे प्राकृतिक संसाधनों पर भारी दबाव डाल दिया है, जिससे जैव विविधता की हानि हो रही है। जैव विविधता इस ग्रह पर सभी जीवन रूपों के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है और विभिन्न पारिस्थितिकीय सेवाएं प्रदान करने की कुंजी है। पारंपरिक रूप से जैव विविधता संरक्षण को दूरस्थ वन क्षेत्रों तक ही सीमित माना जाता रहा है, लेकिन बढ़ते शहरीकरण के साथ शहरी क्षेत्रों में भी जैव विविधता को सुरक्षित रखने और बचाने के लिए आवश्यकता उत्पन्न हो गई है। शहरी वन इस अंतर को मिटाने का सबसे अच्छा तरीका है। इसलिए, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने उचित रूप से शहरी परिदृश्य में जैव विविधता के प्रोत्‍साहन और संरक्षण के लिए नगर वन को डब्‍ल्‍यूईडीसमारोह 2020 के थीम के रूप में अपनाया है।
जन भागीदारी के माध्यम से शहरी वन से संबंधित ब्रोशर को देखने के लिए यहां क्लिक करें
***
एसजी/एएम/आरके/डीसी

(रिलीज़ आईडी: 1629644) आगंतुक पटल : 188

Translate to English
Translate to Hindi
Scroll to Top
Scroll to Bottom
Go to Desktop site
Important Note: This website NEVER solicits for Money or Donations. Please beware of anyone requesting/demanding money on behalf of IRI. Thanks.
Disclaimer: This website has NO affiliation with the Government-run site of Indian Railways. This site does NOT claim 100% accuracy of fast-changing Rail Information. YOU are responsible for independently confirming the validity of information through other sources.
India Rail Info Privacy Policy